समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने साफ किया कि समाजवादी पार्टी वक्फ बिल के खिलाफ है और इसका विरोध करती रहेगी। साथ ही उन्होंने जीएसटी और नोटबंदी को लेकर भी केंद्र सरकार को कटघरे में खड़ा किया। अखिलेश यादव ने इस दौरान योगी के उस बयान का जवाब भी दिया, जिसमें सीएम ने कहा कि प्रयागराज महाकुंभ में आए 66 करोड़ हिंदुओं से सभी को अनुशासन सीखने की जरूरत है। अखिलेश सीधे कहा कि 66 करोड़ लोग आप गिन सकते हैं लेकिन लगभग 1000 हिंदू भाई जो खोए हैं, उनके नाम अभी तक सरकार नहीं बता पा रही है। महाकुंभ भगदड़ में मारे गए लोगों की सूची आज तक जारी नहीं हो सकती है।
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा का इतिहास जिस तरह के फैसलों से भरा है, उससे जो परिणाम भाजपा चाहती थी वह नहीं आए। भाजपा का हर फैसला वोट के लिए होता है। समाजवादी पार्टी वक्फ बिल के खिलाफ है। वे(भाजपा) पूरा नियंत्रण अपने पास चाहते हैं। इस देश ने वह समय भी देखा है, जब प्रशासन के गलत फैसले के कारण भारत की संस्कृति और भाईचारे के खिलाफ खाई पैदा की गई है। GST हो, नोटबंदी हो या अन्य फैसले हों, वह(भाजपा) लोगों से कुछ न कुछ छीनने का काम करते हैं। वक्फ के माध्यम वह यह संदेश देना चाहते हैं कि अपना वोट बैंक ठीक कर लें। वह कहते थे कि हम(विपक्ष) तुष्टीकरण की राजनीति कर रहे हैं, क्या वे(भाजपा) ईद पर किट बांटकर तुष्टीकरण नहीं कर रहे हैं?”
अखिलेश ने कहा कि एंग्लो इंडियन इन्होंने छीना, क्या विपक्ष ने गुमराह किया? आपने आरक्षण छीना, जो विधानसभा में चुनकर आते थे, वो आपने छीना। नोटबंदी पर आपने कहा कि आतंकवाद खत्म हो जाएगा। एक घटना ऐसी हुई, जिसमें इनको फौज के बड़े अधिकारी को जाकर माफी मांगनी पड़ी। जो गलत इनकाउंटर हुआ था। इन्हीं की वजह से आतंकवाद बढ़ रहा है।
उत्तर प्रदेश में एक इत्र कारोबारी था, जिसके यहां 250 करोड़ रुपये निकला था, नोटबंदी के बाद। ये कहा गया कि समाजवादी पार्टी का है। जब इनकी बदनामी हुई। इनका फैसला गलत हुआ। इन्होंने अपनी बदनामी छिपाने के लिए समाजवादी पार्टी के पूर्व एमएलसी के घर छापा मारा। अखिलेश यादव ने पूछा कि जीएसटी से क्या व्यापारी संतुष्ट है? उन्होंने कहा कि जीएसटी से करप्शन बढ़ा। महंगाई बढ़ी। व्यापारी के लिए संकट पैदा हो गया।
योगी के बयान कि महाकुंभ में आए 66 करोड़ हिंदुओं से अनुशासन सीखना चाहिए। इस पर अखिलेश यादव ने कहा कि हमारे जो मुख्यमंत्री हैं, उनकी गिनती की भाषा…उनसे भर्ती के बारे में पूछा गया तो उन्होंने 46 में 56 कहा। आप सब पढ़े लिखे लोग हैं, 66 करोड़ लोग मैं मान लेता हूं आए हैं। अगर 66 करोड़ लोग आप गिन सकते हैं तो लगभग 1000 हिंदू भाई खोए हैं, उनके नाम अभी तक सरकार नहीं बता पा रही है।
श्रद्धालु जिनकी जान चली गई, आज तक सूची नहीं आई। जिनकी आने-जाने के दौरान एक्सीडेंट में जान चली गई, उसके लिए क्या किया सरकार ने? और ये तब है जब इन्होंने कहा कि डिजिटल कुंभ है। ड्रोन कैमरे हैं, सीसीटीवी है। अखिलेश यादव ने कहा कि जो भगदड़ सीसीटीवी पर आया होगा, क्या सरकार ने उसे जारी किया?
औरंगजेब और राणा सांगा विवाद पर अखिलेश यादव ने कहा कि रामजीलाल सुमन जी बहुत ही सीनियर मेंबर हैं। इतिहास इतिहास रहना चाहिए, लेकिन यह आजादी कौन दे रहा है कि आप किस कानून के तहत किसी सांसद के घर जाएं और बुलडोजर से अटैक कर दें। वो भी तब जब मुख्यमंत्री उसी शहर में हों। उन्होंने कहा कि मान लीजिए अगर घर परिवार के लोग विरोध करने उतर आते तो क्या होता?
उन्होंने कहा कि इसी तरह से राम भुआल निषाद के साथ व्यवहार हुआ। उत्तर प्रदेश की सरकार चाहती है कि हम किसी के कार्यक्रम में न आएं। होली पर हम गले मिलते हैं, ईद गले मिलकर मनाते हैं। आखिर भाजपा और खासकर उत्तर प्रदेश सरकार को क्या आपत्ति है? अगर कोई मंथन हो रहा है तो जहर किसको पिलाना चाहते हो। जनतो को भी अमृत मिले, जनता को जहर ही देना चाहते हैं।