वॉशिंगटन:
डोनाल्ड ट्रंप ने इस साल जनवरी में राष्ट्रपति पद संभालने के बाद इमिग्रेशन नीति में कई बदलाव किए हैं। ट्रंप ने अमेरिकी आव्रजन प्रणाली में ऐसे बदलाव किए है, जिससे प्रवासियों को अमेरिका से निकालना आसान हो गया है। ट्रंप प्रशासन ने बड़े पैमाने पर प्रवासियों के निर्वासन के लिए कदम उठाए हैं। एक्सपर्ट का कहना है कि भविष्य में निर्वासन में और तेजी आ सकती है। यहां तक कि अमेरिका में बिना दस्तावेजों के रहने वाले लोगों के साथ-साथ ग्रीन कार्ड और वीजा धारकों के लिए भी आने वाले समय में मुश्किल पैदा हो सकती है।
अमेरिका के वकीलों ने कहा है कि जो लोग अमेरिकी नागरिक नहीं हैं, उनको देश से बाहर यात्रा करने से पहले दो बार सोचना चाहिए। ओहायो स्टेट यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ लॉ में प्रोफेसर गार्सिया हर्नांडेज ने न्यूजवीक से कहा कि जो अमेरिका के नागरिक नहीं हैं, उन्हें अमेरिका छोड़ने की जरूरत के बारे में गंभीरता से सोचना चाहिए। खासतौर से जब उन्होंने सोशल मीडिया पर ट्रंप की आलोचना की हो।
किस तरह हो सकती है मुश्किल
अमेरिकन इमिग्रेशन लॉयर्स एसोसिएशन (AILA) की मीडिया कमेटी की हेड शैनन शेफर्ड का कहना है कि गैर अमेरिकी नागरिक को देश छोड़ने के बाद वापस एंट्री दिए जाने की कोई गारंटी नहीं है। हालिया वक्त में ये देखा जा रहा है कि लोगों को वापस अमेरिका में एंट्री से से वंचित किया जा रहा है। यहां तक कि लोगों को हिरासत में भी लिया जा रहा है।
विशेषज्ञों के अनुसार, सही दस्तावेज होना सबसे महत्वपूर्ण है। ग्रीन कार्ड धारकों के लिए एक वैध पासपोर्ट और ग्रीन कार्ड जरूरी है। अगर ग्रीन कार्ड नवीनीकरण के लिए गया है तो यूएस सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विस (USCIS) की रसीद होना जरूरी है। पूर्व में किसी मुकदमे का सामना करने की स्थिति में, यहां तक कि मामूली उल्लंघनों पर भी अब कार्रवाई हो सकती है।
एक्सपर्ट के मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति ग्रीन कार्ड के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया में है, जिसे एडजस्टमेंट ऑफ स्टेटस (AoS) के रूप में जाना जाता है। ऐसे लोग आम तौर पर एडवांस पैरोल के बिना देश नहीं छोड़ सकते। यह एक यात्रा दस्तावेज है, जो यात्रा से पहले USCIS की ओर से दिया जाना चाहिए। वैध H-1B या L-1 वीजा वाले AoS से गुजरने वाले लोगों को एडवांस पैरोल के बिना यात्रा करने की अनुमति है।