इस्लामाबाद:
पाकिस्तान की वायुसेना (PAF) बेहतर लड़ाकू विमानों के जरिए भारतीय एयरफोर्स से बेहतर होने जा रही है। इतना ही नहीं पाकिस्तानी एयरफोर्स की भारत पर ये बढ़त अगले करीब डेढ़ दशक तक जारी रहेगी। ये दावा PAF के रिटायर एयर कमोडोर जाहिद उल हसन ने किया है। हसन ने द एक्सप्रेस ट्रिब्यून से बात करते हुए कहा कि पाक अपनी हवाई ताकत को बढ़ाने के लिए 5वीं पीढ़ी के नए विमान खरीद रहा है। दूसरी ओर भारतीय वायुसेना में उलझन है। ऐसे में PAF अगले 10 से 15 सालों तक इंडियन एयरफोर्स (IAF) से बेहतर रहेगी।
हसन का मानना है कि PAF अपनी 5वीं पीढ़ी के विमानों को पूरी तरह से इस्तेमाल करने पर ध्यान दे रही है। हसन ने कहा कि IAF अपनी वायुसेना को आधुनिक बनाने में मुश्किलों का सामना कर रही है। वह इस चीज में फंसी है कि घर में जेट बनाए जाएं या तुरंत जरूरत को पूरा करने के लिए विदेश से विमान खरीदें। हालांकि देश में विमान बनाने में भी देरी हो रही है और भारत की विदेश से विमान खरीदने की प्रक्रिया भी धीमी है।
चीन के साथ किया है समझौता
PAF के चीफ एयर चीफ मार्शल जहीर अहमद बाबर ने बीते साल बताया था कि पाकिस्तान की चीन से शेनयांग FC-31 (इसे J-31 या J-35 भी कहते हैं) खरीदने की डील की है। पाकिस्तान ने 5वीं पीढ़ी के 40 विमान खरीदने का समझौता चीन से किया है। ये विमान अगले दो सालों में पाकिस्तान को मिल जाएंगे। J-35 को अमेरिका के F-35 जैसे विमानों को टक्कर देने के लिए बनाया गया है।
हसन का कहना है कि कि 5वीं पीढ़ी के विमानों को खरीदकर और लंबी दूरी के हथियारों पर ध्यान देकर IAF से आगे निकल जाएगी। PAF के पास पहले से ही JF-17 थंडर ब्लॉक III विमान हैं, जो उसने चीन के साथ मिलकर बनाए हैं। हसन ने यह भी कहा कि चीन 6वीं पीढ़ी के विमान बना रहा है, जो IAF की चिंता को बढ़ाता है। हसन का कहना है कि PAF अगले 10 से 15 सालों तक IAF से बेहतर रहेगी।
भारत के लिए चिंता की बात!
IDRW की रिपोर्ट कहती है कि पाकिस्तान के जाहिद हसन का दावा IAF के लिए एक चेतावनी है। अभी तक IAF के पास PAF से ज्यादा विमान हैं। IAF के पास 2,229 विमान तो PAF के पास 1,399 जेट हैं लेकिन उसके पुराने विमान और आधुनिकीकरण में देरी से उसकी हवाई ताकत कमजोर हो सकती है। खासतौर से चीन से मिलने वाले विमान पाकिस्तानी एयरफोर्स की ताकत में बड़ा इजाफा कर सकते हैं।