जयपुर
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने सीएम भजनलाल पर विशेषाधिकार हनन का आरोप लगाकर सियासी पारे में उबाल ला दिया है। उनके इस बयान के बाद बीजेपी भी उन पर जमकर निशाना साध रही है। इधर, डोटासरा के बयान पर संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने जमकर पलटवार किया। उन्होंने निशाना साधते हुए डोटासरा की घबराहट वाला कनेक्शन बता दिया। उन्होंने कहा कि सचिन पायलट के बढ़ते कदम और पार्टी में बढ़ते कद के कारण उनमें घबराहट हो गई है। इसके कारण वह बिना किसी आधार के गलत बयान बाजी कर रहे हैं।
डोटासरा की घबराहट के पीछे जोगाराम ने यह बताया कनेक्शन
डोटासरा ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीएम भजनलाल को जमकर घेरा था। उन्होंने सीएम भजन लाल पर विशेष अधिकार हनन का आरोप लगाया। इसको लेकर अब बीजेपी ने भी डोटासरा पर सियासी हमले करना शुरू कर दिया है। संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी में सचिन पायलट का कद लगातार बढ़ता जा रहा है। इससे डोटासरा में कहीं ना कहीं घबराहट और असुरक्षा की भावना है। इसी के चलते वह बिना किसी आधार के गलत बयान बाजी कर रहे हैं। उनका यह प्रयास केवल अखबारों में सुर्खियों को बंटोरने के लिए है। उनको पता ही नहीं विशेष अधिकार कानून कब लाया जाता है।
संसदीय कार्य मंत्री बोले- विशेषाधिकार हनन का सवाल हीं नहीं
डोटासरा के बयान के जवाब में मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि सीएम भजनलाल शर्मा ने तो डोटासरा से बजट पूर्व यहां तक कह दिया था कि यदि कोई विधायक अपने क्षेत्र में विकास करवाने की बात मुझ तक पहुंचाना चाहता है, तो वह आपके मार्फत भी पहुंचा सकता है। मैं प्रदेश के विकास के लिए सदैव तत्पर हूं और विकास कार्यों को बिना किसी भेद भाव के प्राथमिकता दूंगा। ऐसे में विशेषाधिकार का हनन का सवाल ही नहीं होता।
सीएम को लेकर डोटासरा ने यह दिया था बयान
कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीएम भजनलाल को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने जयपुर में मीडिया से बात करते हुए कहा कि आगामी दिनों में जब भी विधानसभा सत्र चलेगा, तब कांग्रेस मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाएगी। डोटासरा ने कहा कि मुख्यमंत्री के सदन में दिए गए बयान की पालना नहीं होना गंभीर मामला है। सदन में उनकी कही गई बात अहम होती है। उसकी पालना अनिवार्य रूप से होनी चाहिए। अगर उसकी पालना नहीं होती है, तो यह विशेषाधिकार हनन का मामला बनता है। इस बारे में पार्टी नेताओं से विचार विमर्श करके आगामी सत्र में विशेषाधिकार प्रस्ताव लाया जाएगा।