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Friday, June 20, 2025
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चीन का खतरा सिर पर.. अमेरिकी रक्षा मंत्री की इंडो-पैसिफिक में हलचल पर चेतावनी, सहयोगी देशों से सैन्य ताकत बढ़ाने की अपील

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वॉशिंगटन:

अमेरिका के रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव पर चिंता जताई है। हेगसेथ ने शनिवार को कहा कि इंडो-पैसिफिक में चीन के खतरे को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। उन्होंने अपने सहयोगियों को भी भरोसा दिलाया कि चीन के बढ़ते सैन्य और आर्थिक दबाव का सामना करने के लिए अमेरिका उन्हें अकेला नहीं छोड़ेगा। पीट ने चीनी सेना के युद्धाभ्यासों को ताइवान पर हमले की तैयारी का संकेत मानते हुए चीन के साथ भविष्य में सैन्य संघर्ष की भी चेतावनी दी है।

पीट हेगसेथ ने सिंगापुर में एक सुरक्षा सम्मेलन में कहा कि चीनी सेना का ताइवान के पास खतरा वास्तविक है। ऐसे में अमेरिका विदेशों में अपनी रक्षा स्थिति मजबूत करेगा ताकि बीजिंग से तेजी से बढ़ते खतरों का मुकाबला किया जा सके। चीन ने हालिया समय में ताइवान के आसपास सैन्य अभ्यास किए हैं। अमेरिका इसे चीन की ताइवान की नाकाबंदी के परीक्षण की एक्सरसाइज मान रहा है। ताइवान को चीन अपना हिस्सा कहता है, जबकि अमेरिका ने ताइवान की मदद वादा किया है। ऐसे में चीन की ताइवान पर कब्जे की कोशिश उसे अमेरिका के साथ युद्ध में धकेल सकता है।

चीन से मुकाबले के लिए रक्षा खर्च बढ़ाएं
पीट हेगसेथ ने कहा कि चीन ने ना सिर्फ ताइवान पर कब्जा करने के लिए अपनी सैन्य बलों की तादाद को बढ़ाया है बल्कि इसके लिए सक्रिय रूप से ट्रेनिंग भी कर रहा है। हेगसेथ ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के देशों से अपना रक्षा खर्च बढ़ाने का आग्रह किया है। उन्होंने इंडो-पैसिफिक में अमेरिकी सैन्य क्षमताओं को मजबूत करने के लिए वादे को भी दोहराया है।

इंडो-पैसिफिक राष्ट्रों ने अमेरिका और चीन के साथ संबंधों को संतुलित करने की कोशिश की है। इस ओर इशारा करते हुए हेगसेथ ने कहा कि दोनों पक्षों से संबंध नहीं चल सकते हैं। अमेरिका से सैन्य और चीन से आर्थिक समर्थन तलाशना जोखिम भरा है। हेगसेथ ने कहा कि अमेरिका किसी भी देश के साथ जुड़ने के लिए खुला है, जो उसके साथ काम करने को तैयार है।

कई रक्षा एक्सपकर्ट कह चुके हैं कि चीन का लक्ष्य अगले दो साल में यानी 2027 तक अपनी सेना की ताकत को बढ़ाने का है। ताकि वह ताइवान पर कब्जा कर सके है। चीन ने दक्षिण चीन सागर में नए सैन्य चौकियों की सपोर्ट के लिए परिष्कृत मानव निर्मित द्वीप बनाए हैं। साथ ही अत्यधिक उन्नत हाइपरसोनिक और अंतरिक्ष क्षमताएं विकसित की हैं। चीन के ये कदम अमेरिका को बैचेन कर रहे हैं।

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