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Tuesday, July 8, 2025
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सऊदी अरब के 100 अरब डॉलर के शहर में वीरानी… लोगों को नहीं लुभा रही किंग अब्दुल्ला सिटी, क्राउन प्रिंस के सपने को झटका!

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रियाद:

सऊदी अरब सरकार का बेहद अहम और महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट, किंग अब्दुल्ला इकोनॉमिक मेगा सिटी (KAEC) अरबों डॉलर के निवेश के बावजूद अपनी पहचान बनाने के लिए संघर्ष कर रहा है। यह द लाइन और ऑक्सगोन जैसे नए और आकर्षक प्रोजेक्ट की तुलना में पिछड़ गया है। इस प्रोजेक्ट के बारे में जो वादे किए गए थे, वो पूरे नहीं हो सके हैं। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या KAEC प्रोजेक्ट अपना उद्देश्य पूरा करने में फेल हो गया है। ये सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के विजन 2030 के लिए भी झटके की तरह है।

इंट्रेस्टिंग इंजीनियरिंग की रिपोर्ट के मुताबिक, सउदी शहर जेद्दा के उत्तर में 100 किलोमीटर दूर लाल सागर के तट पर 180 वर्ग किलोमीटर में फैला KAEC अभी तक अपनी पूरी क्षमता तक नहीं पहुंच पाया है। तकरीबन 100 अरब डॉलर से बने इस शहर का उद्देश्य 20 लाख लोगों को घर देना और 10 लाख नौकरियां पैदा करना था लेकिन 2024 तक यहां केवल 10,000 लोग रहे हैं। नौकरियां देने के मामले में भी शहर फेल है और अभी तक यहां कुछ कंपनियां ही आई हैं।

विजन 2030 पर काम कर रहे हैं एमबीएस
क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (एमबीएस) इस समय विजन 2030 के तहत सऊदी अरब को तेल पर निर्भर अर्थव्यवस्था से वैश्विक निवेश केंद्र में बदलने पर काम कर रहे हैं। इसमें KAEC जैसे नए प्रोजेक्ट शहरी विकासों में महत्वपूर्ण हैं। 2005 में शुरू किए गए KAEC को यूरोप, एशिया और अफ्रीका को जोड़ने वाले एक प्रमुख रसद केंद्र के लिए रणनीतिक रूप से रखा गया है। इसकी बड़ी विशेषता 2019 में खुला किंग अब्दुल्ला पोर्ट है। यह पश्चिम एशिया का पहला निजी स्वामित्व से विकसित बंदरगाह है।

सऊदी का KAEC बड़े वादों के बावजूद लोगों को आकर्षित करने में चुनौतियों का सामना कर रहा है। अपने 20 लाख निवासियों के लक्ष्य से काफी कम 2024 तक केवल 10,000 लोग ही वहां रहते हैं। 10 लाख नौकरियां पैदा करने का लक्ष्य भी अधूरा है, KAEC में केवल 100 सऊदी और बहुराष्ट्रीय कंपनियां ही हैं। आवासीय और रोजगार के आंकड़ों में यह कमी शहर की व्यवहार्यता और भविष्य के बारे में चिंता पैदा करती है। ये दिखाता है कि KAEC को सऊदी अरब के विजन 2030 के तहत अन्य कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है।

दूसरे प्रोजेक्ट से मिल रही चुनौती
KAEC प्रोजेक्ट को द लाइन, ऑक्सगोन और ट्रोजेना जैसी दूसरी महत्वाकांक्षी परियोजनाओं से भी महत्वपूर्ण चुनौती मिल रही है। ये प्रोजेक्ट वित्तीय निवेश और टिकाऊ जीवन की इच्छुक युवा आबादी को ज्यादा आकर्षित कर रहे हैं। हालांकि इन चुनौतियों के बावजूद KAEC की जेद्दा से इसकी निकटता और बंदरगाह जैसी सुविधाएं आने वाले वर्षों में शहर के आगे बढ़ने की उम्मीद की जा रही है।

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