6.7 C
London
Sunday, November 9, 2025
Homeअंतरराष्ट्रीयलिज ट्रस: ब्रिटेन की तीसरी महिला प्रधानमंत्री, भारत के साथ व्यापार समझौते...

लिज ट्रस: ब्रिटेन की तीसरी महिला प्रधानमंत्री, भारत के साथ व्यापार समझौते से पहले देना पड़ा इस्तीफा

Published on

लंदन:

ब्रिटेन की तीसरी महिला प्रधानमंत्री लिज ट्रस ने लंदन स्थित 10 डाउनिंग स्ट्रीट में अपने संक्षिप्त कार्यकाल के बाद बृहस्पतिवार को इस्तीफा दे दिया और वह भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) नहीं करा सकीं। बुधवार तक संसद में खुद को लड़ने वाली और जिम्मेदारी बीच में नहीं छोड़ने वाली के रूप में प्रस्तुत कर चुकीं ट्रस ने प्रधानमंत्री बनने के महज छह सप्ताह के बाद इस्तीफा दे दिया। ट्रस के नीति संबंधी फैसलों के बदलने, मंत्रिमंडल में उठापटक और आंतरिक रूप से गतिरोध का सामना कर रही कंजरवेटिव पार्टी का नेतृत्व करने की उनकी क्षमता के खिलाफ खुले विद्रोह के बाद पूर्व विदेश मंत्री का प्रधानमंत्री पद पर बने रहना असंभव हो गया था। ट्रस का जन्म ऑक्सफोर्ड में हुआ था और उनके पिता गणित के प्रोफेसर थे जबकि मां नर्स और शिक्षिका थीं। उनकी परवरिश ब्रिटेन के विभिन्न इलाकों में हुई है। ट्रस के पति एकाउंटेंट ह्यूग ओ लेरी हैं और उनकी दो बेटिया हैं।

ट्रस भारत के साथ मजबूत संबंधों की पक्षधर
ब्रिटेन की विदेश और व्यापार मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल में भारत के साथ मजबूत द्विपक्षीय संबंधों की वकालत करने वाली ट्रस ने कंजर्वेटिव पार्टी के नेतृत्व चुनाव में भारतीय मूल के पूर्व वित्त मंत्री ऋषि सुनक को मात देकर पिछले महीने 10 डाउनिंग स्ट्रीट (ब्रिटिश प्रधानमंत्री का आधिकारिक आवास) पर दस्तक दी थी। पद पर 45 दिन रहने के बाद इस्तीफा देकर वह ब्रिटेन के इतिहास में सबसे कम समय तक रहने वाली प्रधानमंत्री बन गयी हैं। इससे पहले 1827 में जॉर्ज कानिंग अपनी मृत्यु तक 119 दिन ही इस पद पर रहे थे।

ब्रिटेन की तीसरी महिला प्रधानमंत्री बनने का गौरव पाया
जॉनसन मंत्रिमंडल में वरिष्ठ मंत्री रहीं 47 वर्षीय ट्रस को अपनी पूर्ववर्ती महिला प्रधानमंत्रियों मार्गरेट थैचर और थेरेसा मे से कहीं अधिक मुश्किल दौर का सामना करना पड़ा जहां देश में जीवनयापन की लागत में लगातार वृद्धि हो रही है। उन्हें अपनी पार्टी में भी गुटबाजी का सामना करना पड़ा क्योंकि कंजर्वेटिव पार्टी के नेतृत्व के लिए हुए चुनाव में उन्हें 43 प्रतिशत के मुकाबले 57 प्रतिशत मतों से जीत हासिल हुई जिसे बहुत बड़ा अंतर नहीं माना जा रहा है।

भारत के साथ एफटीए को लेकर बातचीत की समर्थक नेता
भारत के मोर्चे पर बात करें तो जॉनसन नीत सरकार में पूर्व अंतरराष्ट्रीय व्यापार मंत्री रहीं ट्रस ने भारत-ब्रिटेन उन्नत व्यापार साझेदारी (ईटीपी) पर पिछले साल मई में हस्ताक्षर किए थे। वह ब्रिटेन के लिए ब्रेक्जिट के बाद की बड़ी उपलब्धि के रूप में इस साल के अंत तक की समय-सीमा को ध्यान में रखते हुए एफटीए को लेकर बातचीत जारी रखना चाह रही थीं। उन्होंने भारत को बड़ा और अहम अवसर करार दिया था और उनका मानना है कि भारत और ब्रिटेन ‘‘व्यापार में जो गतिशीलता बनी है , उसे लेकर बेहतर स्थान पर हैं। ईटीपी पर हस्ताक्षर करने के तुरंत बाद ट्रस ने कहा था, ‘‘हम विस्तृत व्यापार समझौते पर विचार कर रहे हैं जिसमें सब शामिल हो, वित्तीय सेवा से लेकर कानूनी सेवा तक, डिजिटल और आंकड़ों तक, वस्तु से लेकर कृषि तक। हम मानते हैं कि इस समझौते पर शीघ्र हस्ताक्षर होने की प्रबल संभावना है, जिससे दोनों पक्षों की ओर कर कम होगा, दोनों पक्ष एक दूसरे के बीच अपने सामान की आपूर्ति देखेंगे।’’

इंडो-पैसिफिक की रक्षा और सुरक्षा को बढ़ाने पर दिया था जोर
ट्रस ने पार्टी के कंजर्वेटिव फ्रेंड्स ऑफ इंडिया (सीएफआईएन) के कार्यक्रम में दोहराया था कि द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के मामले में वह बहुत ही प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने प्रतिबद्धता जताई थी कि वह भारत-ब्रिटेन एफटीए करना चाहती हैं जिसकी समय सीमा उनके पूर्ववर्ती ने तय की है। उन्होंने कहा कि संभवत: यह समझौता दिवाली तक हो जाएगा, लेकिन निश्चित तौर पर इस साल के अंत तक इस समझौते को अमली जामा पहना दिया जाएगा। ट्रस लगातार हिंद-प्रशांत क्षेत्र में रक्षा और सुरक्षा सहयोग बढ़ाने पर जोर देती रही हैं ताकि ‘‘ स्वतंत्र नेटवर्क’’ के लक्ष्य को हासिल किया जा सके और चीन एव रूस की आक्रामकता का मुकाबला किया जा सके। उन्होंने वादा किया कि ब्रिटेन का वीजा प्रशासन भारत से ‘‘बेहतरीन प्रतिभाओं’’ को आकर्षित करना जारी रखेगा।

Latest articles

भेल ऑफिसस क्लब में ओपन टेनिस टूर्नामेंट का आयोजन

भोपाल,बीएचईएल, भोपाल के ऑफिसर्स क्‍लब में दिनांक 13 से 16 नवम्‍बर, 2025 तक शीतकालीन...

बीएचईएल को एनटीपीस से मिला 6,650 करोड़ का बड़ा ऑर्डर

भोपाल।भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड को नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड से ओडिशा में दर्लिपाली...

More like this

Russia Cruise Missile 9M729:रूस की मिसाइल 9M729 कितनी खतरनाक? जानें अमेरिका से क्यों हुआ था विवाद और नाटो को क्यों है डर

Russia Cruise Missile 9M729:रूस की सबसे विवादास्पद और खतरनाक मानी जाने वाली क्रूज़ मिसाइल...