पाक‍िस्‍तान के युद्ध उन्मादी आर्मी चीफ मुनीर आग से खेल रहे, कर सकते हैं ब्लंडर… पाकिस्‍तानी प्रोफेसर ने दी बड़ी चेतावनी

इस्लामाबाद

भारत और पाकिस्तान के बीच इस समय तनाव चरम पर है। खासतौर से भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद दोनों देशों में युद्ध जैसी स्थिति बन गई है। इस ऑपरेशन में भारतीय सेना ने पाकिस्तान के अंदर कई आतंकी ठिकानों पर हमले किए हैं। इसके बाद पाकिस्तान की ओर से भारत पर हवाई हमले की नाकाम कोशिश हुई है। वहीं बॉर्डर पर भी पाकिस्तान ने भारी गोलीबारी करते हुए कई आम लोगों की जान ली है। इस पूरे घटनाक्रम में सबसे ज्यादा जिस नाम की चर्चा हुई है, वह पाकिस्तान के आर्मी चीफ असीम मुनीर हैं।

किंग्स कॉलेज लंदन की सीनियर फेलो पाकिस्तान की आयशा सिद्दीक का कहना है कि मौजूदा तनाव की दिशा, खासतौर से पाकिस्तान के फैसले पूरी तरह असीम मुनीर पर निर्भर करेंगे। पाकिस्तान के सेना प्रमुख मुनीर देश की सरकार का नेतृत्व कर रहे पीएम शहबाज शरीफ के मुकाबले ज्यादा रणनीतिक फैसलों को नियंत्रित करते हैं। सबसे खास बात ये है कि मुनीर को शांत स्वभाव का नहीं माना जाता है। वह युद्धोन्मादी किस्म के हैं, ऐसे में वह देश को युद्ध में झोंक सकते हैं।

कश्मीर पर मुनीर का बयान
आयशा कहती हैं, ‘पहलगाम हमले के बाद असीम मुनीर का नाम उछला क्योंकि उन्होंने कुछ दिन पहले ही कश्मीर को पाकिस्तान के गले की नस बताया था। उन्होंने टू नेशन थ्योरी पर भी बयान दिए हैं। मुनीर का यह नजरिया उनके पूर्ववर्ती कमर जावेद बाजवा से अलग है। बाजवा ने 2021 में भारत के साथ युद्ध नहीं बल्कि संबंध सुधारने की बात कही थी। मुनीर उस वक्त इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के प्रमुख थे। तब उन्होंने अपने बाजवा का विरोध नहीं किया लेकिन खुद सेना प्रमुख बनने के बाद वह कश्मीर और भारत को दुश्मन बताने की नीति पर हैं।

मुनीर अपनी धार्मिक और वैचारिक मान्यताओं पर टिके रहने के लिए जाने जाते हैं। फिलहाल वह पाकिस्तान में खुद को एक मजबूत लीडर के तौर पर पेश करना चाहते हैं। देश राजनीतिक अस्थिरता का फायदा उठाने पर भी उनकी नजर है। मुनीर को उम्मीद है कि भारत के साथ चल रहे संघर्ष से उनकी छवि चमक सकती है। ऐसे में इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि वो खुद की छवि के लिए युद्ध का रास्ता चुन लें।

पाकिस्तान को गड्ढे में धकेलेंगे मुनीर!
पाकिस्तान में राजनीति से लेकर अर्थव्यवस्था तक सब कुछ नियंत्रित करने से मुनीर एक शक्तिशाली व्यक्ति हैं लेकिन देश में बड़ा आर्थिक संकट है। ऐसे समय में युद्ध में जाना चीजों को ज्यादा जटिल बना सकता है। युद्ध के बाद की स्थिति में देश के हालात संभालना मुश्किल हो सकता है। ऐसे में मुनीर को यह फैसला लेना है कि उन्हें संघर्ष को समाप्त करने के लिए भारत के साथ बातचीत करनी है या एक बड़ी खाई में देश को गिराना है। आने वाले समय में मुनीर क्या कदम उठाते हैं, इस पर दुनिया की नजर होगी।

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