नई दिल्ली:
नए साल से ठीक पहले इसरो ने इतिहास रचते हुए स्पैडेक्स मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया। यही नहीं भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के लिए साल 2025 भी काफी व्यस्त रहने वाला है। स्पेस मिनिस्टर जितेंद्र सिंह ने बताया कि नए साल के पहले छह महीनों में छह बड़े मिशन लॉन्च होंगे। इनमें एक महिला रोबोट को अंतरिक्ष में भेजना और भारत-अमेरिका का संयुक्त NISAR सैटेलाइट भी शामिल है। केंद्रीय मंत्री ने ये जानकारी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी। इस दौरान उन्होंने 2024 की उपलब्धियों और आगामी योजनाओं के बारे में भी बताया।
जितेंद्र सिंह ने बताया इसरो का प्लान
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि जनवरी में सबसे पहले एडवांस्ड नेविगेशन सैटेलाइट NVS-02 लॉन्च होगा। यह GSLV लॉन्च इसरो का 100वां मिशन होगा। इसके बाद, गगनयान मानव मिशन की तैयारी के तहत इसरो की ओर से तैयार महिला ह्यूमनॉइड व्योमित्र को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। यह मिशन फाइनल मानव मिशन जैसा ही होगा, बस इसमें इंसान नहीं होंगे।
2025 में इन बड़े मिशन की लॉन्चिंग
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि व्योमित्र मिशन के सफल होने पर अंतरिक्ष यात्रियों को स्पेस में भेजा जाएगा। मार्च के आसपास NASA-ISRO SAR (NISAR) सैटेलाइट लॉन्च किया जाएगा। यह दुनिया का सबसे महंगा उपग्रह है, जिसकी कीमत 12,505 करोड़ रुपये है। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि यह सैटेलाइट हर 12 दिन में लगभग पूरी धरती और बर्फ को स्कैन करेगा। इसमें बहुत हाई रेजोल्यूशन होगा।
अमेरिकी सैटेलाइट लॉन्चिंग का प्लान
मंत्री जितेंद्र सिंह ने यह भी कहा कि इसरो की स्थापना 1969 में हुई थी, जब अमेरिका चांद पर इंसान भेजने में व्यस्त था। लेकिन अब स्थिति बदल गई है। इसरो अब अमेरिकी उपग्रह लॉन्च कर रहा है। एक अमेरिकी कस्टमर के लिए मोबाइल कम्युनिकेशन सैटेलाइट का कमर्शियल लॉन्च भी जल्द ही होने वाला है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पहली तिमाही में एक अंतरराष्ट्रीय कस्टमर के लिए LVM3-M5 मिशन निर्धारित है। फरवरी या मार्च तक अमेरिका के लिए डायरेक्ट मोबाइल कम्युनिकेशन के लिए एक उपग्रह भी लॉन्च किया जा रहा है। यह हमारी बढ़ती क्षमताओं को दर्शाता है।
इसरो चेयरमैन बोले- ये रोमांचक साल
इसरो चेयरमैन एस सोमनाथ ने कहा कि 2025 बहुत ही रोमांचक साल होगा। इसरो नए साल में चार GSLV रॉकेट, तीन PSLV और एक SSLV लॉन्च करेगा। इसरो का बिजी शेड्यूल यहीं खत्म नहीं होगा। दूसरे महत्वपूर्ण मिशन भी पाइपलाइन में हैं। ये मिशन भारत की अंतरिक्ष क्षमताओं को और मजबूत करेंगे। इसरो न सिर्फ देश के लिए बल्कि दुनियाभर के लिए स्पेस साइंस में योगदान दे रहा है।