Delhi On Bharat Band:केंद्रीय कर्मचारियों ने अपनी कई मांगों को लेकर 9 जुलाई को ‘भारत बंद’ का ऐलान किया है. इसमें देश के 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियन शामिल हैं. सभी ने मिलकर एक संयुक्त मंच बनाया है और ‘भारत बंद’ का आह्वान किया है. इसके चलते बैंकिंग, डाक सेवाएँ, खनन, निर्माण और परिवहन जैसे सरकारी क्षेत्रों के 25 करोड़ से ज़्यादा कर्मचारी हड़ताल पर जाएँगे. हालांकि, निजी क्षेत्रों में इसका कोई असर नहीं पड़ेगा. यह हड़ताल सिर्फ़ केंद्रीय कर्मचारियों द्वारा की जाएगी.
चेंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (CTI) के चेयरमैन बृजेश गोयल ने बताया है कि यह ‘भारत बंद’ हड़ताल दिल्ली में कोई प्रभाव नहीं डालेगी. दिल्ली 9 जुलाई को पूरी तरह खुली रहेगी. दिल्ली में किसी भी संस्था या संगठन ने दिल्ली के व्यापारी संगठनों से बंद को लेकर संपर्क नहीं किया है. दिल्ली में भी 700 बाज़ार और 56 औद्योगिक क्षेत्र पूरी तरह खुले रहेंगे.
‘भारत बंद’ का आह्वान क्यों
पिछले साल कर्मचारियों ने केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया को 17 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा था. कर्मचारियों का आरोप है कि सरकार ने 10 साल से ज़्यादा समय से कोई वार्षिक श्रम सम्मेलन नहीं किया है. साथ ही, उनके मांग पत्र को गंभीरता से नहीं लिया गया. अब कर्मचारी हड़ताल पर जाने के लिए मजबूर हैं. केंद्रीय कर्मचारियों द्वारा ‘भारत बंद’ का कारण श्रम नीतियां हैं. संगठनों का मानना है कि ये नीतियां मज़दूरों की सुरक्षा को नुकसान पहुँचाती हैं. इसके कई कारण हैं जैसे बेरोज़गारी में वृद्धि, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और नागरिक सुविधाओं में कमी. युवाओं को नौकरी देने की बजाय सेवानिवृत्त लोगों की भर्ती.
इन संगठनों ने किया हड़ताल का ऐलान
‘भारत बंद’ में ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (AITUC), इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (INTUC), सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस (CITU), हिंद मज़दूर सभा (HMS), सेल्फ-एम्प्लॉयड वीमेंस एसोसिएशन (SEWA), लेबर प्रोग्रेसिव फेडरेशन (LPF), यूनाइटेड ट्रेड यूनियन कांग्रेस (UTUC) जैसे संगठन शामिल हैं.2 इन्हें संयुक्त किसान मोर्चा, ग्रामीण कर्मचारी यूनियन, रेलवे के सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारी, NMDC लिमिटेड और स्टील उद्योग जैसे किसान समूहों का भी समर्थन प्राप्त है.
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