15.6 C
London
Friday, June 13, 2025
Homeराष्ट्रीयबताइए, सड़क पर घर का सामान छोड़ के कैसे जाएं… रुला रही...

बताइए, सड़क पर घर का सामान छोड़ के कैसे जाएं… रुला रही है दिलवालों की दिल्ली में बेघर हुए लोगों की कहानी

Published on

नई दिल्ली:

जाने वो बेघर किधर जायेंगे शाम होते ही हर लोग घर जायेंगे… दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के जंगपुरा में बारापुला नाले के किनारे स्थित झुग्गी बस्ती मद्रासी कैंप में बड़े पैमाने पर तोड़फोड़ अभियान चलाया गया है। इस तोड़फोड़ में कई लोग बेघर हो गए हैं। सड़क पर बिखरा सामान और आंसुओं में डूबी आंखे, फिर से नया ठिकाना ढूंढने की चिंता में टूट गए हैं। यह कार्रवाई नाले की सफाई और रेनोवेशन के लिए क्षेत्र को खाली करने के दिल्ली हाई कोर्ट के निर्देश के बाद की जा रही है। अर्धसैनिक बलों और दिल्ली पुलिस की भारी तैनाती के बीच शुरू हुए इस अभियान का लक्ष्य 300 से अधिक झुग्गियों को हटाना है।

बेघर हुए लोगों ने किया प्रदर्शन
इलाके के निवासियों ने पुनर्वास के बारे में चिंता जताते हुए विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है, जबकि कुछ परिवारों को नरेला में वैकल्पिक आवास की पेशकश की गई है। साइट पर स्थित 370 झुग्गियों में से, 215 परिवारों को प्रधानमंत्री की ‘जहां झुग्गी वहां मकान’ पुनर्वास योजना के तहत पुनर्वास के लिए पात्र के रूप में पहचाना गया है और उन्हें नरेला में फ्लैट की पेशकश की गई है। शुरुआत में, पुनर्वास योजना में केवल 189 परिवारों को शामिल किया गया था। हालांकि, एक संशोधित सूची में 26 और परिवारों को जोड़ा गया।

कहां जाएंगे ये लोग?
अपना घर टूटता देख एक निवासी ने कहा, ‘अब हमारे पास कुछ भी नहीं बचा है। ‘जहां झुग्गी वहां मकान’ एक झूठ है। वे घर आवंटित करने के बारे में झूठ बोलते हैं। वे जो कुछ भी कहते हैं, वह सब झूठ है। अभी तो मुझमें इस बारे में बोलने की हिम्मत भी नहीं है।’

रविवार की सुबह जब मद्रासी कैंप में बुलडोजर पहुंचे, तो 38 साल की पुष्पा अपने बर्तन इकट्ठा कर रही थीं। वह जितना हो सके, उतना बचाने की कोशिश कर रही थीं। तभी उनके फोन पर चार बार कॉल आई। हर कॉल जंगपुरा में उनकी ‘मैडम’ का था। हर कोई एक ही सवाल पूछ रहा था- ‘काम पे क्यों नहीं आई?’

पुष्पा बताती हैं कि उन्होंने कोर्ट केस की वजह से डेढ़ महीने से छुट्टी नहीं ली थी। उन्हें पता था कि आगे परेशानी होगी और उन्हें छुट्टियों की जरूरत पड़ेगी। इसके बावजूद, उन्हें कोठियों से लगातार फोन आ रहे थे। जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्होंने अपने मालिकों को पहले नहीं बताया था, तो उन्होंने जवाब दिया, ‘क्या बोलें? वो बोल रहे हैं, ‘तोड़ने में तुम्हारा क्या काम?’ बताइए, सड़क पे घर का सामान छोड़ के कैसे जाएं?’

42 वर्षीय आनंद, जो जंगपुरा के चार घरों में भी काम करते हैं, कहते हैं, 'वे क्लिपबोर्ड लेकर आए और पूछा कि क्या हमने वोट दिया है।जब हमने कहा नहीं, तो उन्होंने बस कहा, 'तो फिर आपका नाम लिस्ट में नहीं है। वोटिंग से यह कैसे तय होता है कि हम घर के लायक हैं या नहीं?'
आनंद अकेले नहीं थे जिन्होंने यह आरोप लगाया। कई परिवारों ने दावा किया कि सर्वेक्षक छपी हुई लिस्ट लेकर आए थे और कहा कि उनके नाम गायब हैं क्योंकि उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनावों में वोट नहीं दिया था। कुछ मामलों में, परिवारों को बताया गया कि उन्होंने लगातार दो चुनाव छोड़ दिए हैं। अधिकारियों के अनुसार, इससे वे पुनर्वास के लिए अयोग्य हो गए।
55 वर्षीय रानी कहती हैं, 'मैं यहां 20 सालों से अधिक समय से रह रही हूं, पिछले चुनाव में, मुझे अपने गृहनगर तमिलनाडु जाना पड़ा - मेरी मां बीमार थीं, मैं वोट नहीं दे सकी, क्या इसका मतलब है कि आप मेरा घर छीन लेंगे और मुझे दूसरा नहीं देंगे?'
अमुदा, शिवगामिनी और वालारमती की कहानी भी अलग नहीं है। ये सभी मद्रासी कैंप की घरेलू कामगार हैं जिन्होंने सालों जंगपुरा के महंगे घरों में काम किया है। लेकिन अब, उनकी झुग्गियां तोड़ दी गई हैं और भविष्य अनिश्चित है। इसलिए, आश्रय खोने से ज्यादा दुख इस बात का है कि जिन मालिकों के घरों की उन्होंने देखभाल की, उनकी ओर से पूरी तरह से उदासीनता है।

यह दावा जरूरी सवाल उठाता है: क्या राजनीतिक रूप से वंचित करना कल्याणकारी योजनाओं से बाहर करने का एक तरीका बन सकता है? सर्वे के नतीजों को चुनौती देने के लिए कोई तरीका नहीं है, इसलिए जिन्हें लिस्ट से बाहर कर दिया गया है, वे अब फुटपाथ पर सो रहे हैं या पड़ोसियों के साथ टिन की छत वाले शेल्टर साझा कर रहे हैं, वे इंतजार कर रहे हैं, क्योंकि किस्मत बाकी का फैसला करेगी।

मद्रासी कैंप कब से है?
मद्रासी कैंप, जिसे 1968 और 1970 के बीच स्थापित किया गया था। इसे 16 किलोमीटर लंबे बारापुला नाले से जुड़ी एक जीर्णोद्धार परियोजना के लिए साफ किया जा रहा है। यह एक मुगलकालीन संरचना है जिसके लगभग 400 साल पुराने होने का अनुमान है।तोड़फोड़ अभियान दिल्ली उच्च न्यायालय के 9 मई के आदेश का परिणाम है, जिसमें अधिकारियों को नाले की सफाई और जीर्णोद्धार की सुविधा के लिए अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया गया था।

जानें कोर्ट ने क्या आदेश दिया
कोर्ट का यह आदेश 2024 के मानसून के दौरान दायर एक जनहित याचिका के बाद आया है। कोर्ट ने दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए), भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई), दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) और लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) सहित कई नागरिक एजेंसियों को भविष्य में बाढ़ को रोकने के लिए कार्रवाई करने और नाले को बहाल करने का निर्देश दिया था। 1 सितंबर, 2024 को, एमसीडी ने तोड़फोड़ का प्रारंभिक चरण पूरा किया, जिसमें कई घरों को तोड़ दिया गया और इलाके से सभी स्ट्रीट वेंडरों को बेदखल कर दिया गया।

कई लोगों को नहीं मिला घर
कई परिवारों को अभी तक फ्लैट आवंटन नहीं मिला है, जिससे निवासियों में असंतोष और बढ़ गया है। पिछले आठ महीनों में, मद्रासी कैंप राजनीतिक टकराव और प्रशासनिक संघर्ष का केंद्र बिंदु रहा है। विभिन्न नागरिक एजेंसियों और राजनीतिक दलों के बीच तोड़फोड़ की प्रक्रिया और जिम्मेदारी को लेकर असहमति रही है। जब सितंबर 2024 में पहली बार तोड़फोड़ की गई, तो दिल्ली में उस समय सत्ता में रही आम आदमी पार्टी ने भाजपा पर बेदखली की साजिश रचने का आरोप लगाया। आम आदमी पार्टी के नेता भी इस कदम के विरोध में निवासियों के एक वर्ग में शामिल हो गए। इस साल फरवरी में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान राजनीतिक लड़ाई तेज हो गई जब दोनों दलों के नेताओं ने इलाके का दौरा किया और प्रभावित परिवारों को समर्थन देने का वादा किया।

Latest articles

Bhopal Railway Overbridge:भोपाल का 18 करोड़ का ओवरब्रिज बना हादसे का मोड़ 90 डिग्री घुमाव पर बवाल मंत्री ने लिया संज्ञान

Bhopal Railway Overbridge:मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक रेलवे ओवरब्रिज सोशल मीडिया पर...

Lucky Zodiac Sign: 13 जून को पलटेगी इन 5 राशियों की किस्मत खत्म होगा बुरा दौर छप्पड़ फाड़कर आएगा पैसा

Lucky Zodiac Sign: ज्योतिषाचार्य हर्षवर्धन शांडिल्य के अनुसार शुक्रवार 13 जून 2025 का दिन...

बाल श्रम के खिलाफ जागरूकता अभियान व हस्ताक्षर मुहिम

भेल भोपालबाल श्रम के खिलाफ जागरूकता अभियान व हस्ताक्षर मुहिम,विश्व बाल श्रम निषेध दिवस...

Ladli Behna Yojana: 25वीं किस्त कल आ रही है सीएम मोहन यादव जबलपुर से करेंगे ट्रांसफर खाते में आएंगे 1250

Ladli Behna Yojana: लाड़ली बहना योजना को लेकर एक बड़ी अपडेट सामने आई है....

More like this