नई दिल्ली
चुनावी राज्य दिल्ली में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच तकरार थमने का नाम नहीं ले रही। हालात ऐसे हो गए हैं कि कांग्रेस के दिग्गज नेता और नई दिल्ली सीट से पार्टी के उम्मीदवार संदीप दीक्षित ने आप मुखिया अरविंद केजरीवाल को ‘पैथोलॉजिकल लायर’ यानी आदतन झूठा करार दे दिया है। ऐसा इसलिए क्योंकि केजरीवाल ने पिछले 13 साल में जितने आरोप लगाए और दावे किए, उन्हें साबित नहीं कर पाए। इतना ही नहीं संदीप दीक्षित ने दिल्ली की सीएम आतिशी और राज्यसभा सांसद संजय सिंह पर मानहानि का केस करने की भी धमकी दी है।
खोई जमीन फिर पाने की तलाश में कांग्रेस
संदीप दीक्षित के बदले तेवर से लग रहा कि कांग्रेस नेतृत्व आगामी चुनाव में नए सिरे दिल्ली को लेकर रणनीतिक तैयारी में जुटी है। पार्टी का पूरा फोकस राष्ट्रीय राजधानी में अपनी खोई हुई जमीन वापस पाने पर है। यही वजह है कि पार्टी बयानबाजी से लेकर मजबूत उम्मीदवार उतारने तक कहीं से भी पिछड़ना नहीं चाहती। कांग्रेस अपनी राजनीतिक ताकत वापस पाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है। इसके लिए कांग्रेस ने कई कदम उठाए हैं।
मजबूत कैंडिडेट उतार AAP की बढ़ाई टेंशन
कांग्रेस नेतृत्व ने अब तक 47 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया है। अपनी लिस्ट में पार्टी ने आप के दिग्गज नेताओं के मुकाबले मजबूत उम्मीदवार ही उतारे हैं। फिर चाहे अरविंद केजरीवाल की नई दिल्ली सीट हो या फिर मनीष सिसोदिया की जंगपुरा विधानसभा सीट हो। कांग्रेस ने नई दिल्ली सीट पर पूर्व सीएम शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित को उम्मीदवार बनाया है। दूसरी ओर जंगपुरा सीट पर पूर्व महापौर फरहाद सूरी को टिकट दिया है।
आतिशी के खिलाफ भी बड़ा दांव खेलने का प्लान
कांग्रेस नेतृत्व की रणनीति पर गौर करें तो पार्टी दिल्ली की सीएम आतिशी के मुकाबले भी मजबूत उम्मीदवार उतारने की योजना बना रही है। उम्मीदवारों के चयन से पार्टी यह संदेश देना चाहती है कि वह दिल्ली की राजनीति में निर्णायक भूमिका निभाने के लिए तैयार है। दिल्ली कांग्रेस चीफ देवेंद्र यादव बादली से चुनाव लड़ रहे हैं। आप से कांग्रेस में आए पूर्व मंत्री आसिम अहमद खान, पूर्व विधायक अब्दुल रहमान और देवेंद्र सहरावत को भी चुनावी रण में उतारा गया है।
जुबानी हमलों में भी पीछे नहीं कांग्रेस
कांग्रेस का पूरा फोकस अपने प्रदर्शन में इस बार सुधार करने पर है। यही वजह है कि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने दिल्ली में ‘न्याय यात्रा’ निकाली। वो दिल्लीवासियों से सीधे मिलने में जुट गए। कांग्रेस नेता लगातार आप पर हमलावर हैं। वे आम आदमी पार्टी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं और उसे बीजेपी की मददगार बता रहे हैं। कांग्रेस की इस रणनीति से आप नेतृत्व की चिंता बढ़ गई है। आम आदमी पार्टी को डर है कि कांग्रेस की वजह से बीजेपी विरोधी वोट बंट सकते हैं।
तो इस बार त्रिकोणीय होगा दिल्ली का रण?
कांग्रेस के आक्रामक तेवर देखकर आम आदमी पार्टी के नेता भी सतर्क हो गए हैं। उन्होंने भी जवाबी हमले तेज किए हैं। अजय माकन के हालिया बयान की आलोचना तो कर ही रहे हैं। इंडिया गठबंधन से कांग्रेस को बाहर करने की धमकी भी दे रहे। AAP का आरोप है कि आगामी चुनाव में बीजेपी, कांग्रेस की मदद कर रही है। इन दावों से आप की रणनीति यही है कि वो विपक्षी इंडिया गठबंधन में शामिल दूसरे दलों से सपोर्ट हासिल करना चाहती है। फिलहाल देखना दिलचस्प होगा कि आप-कांग्रेस में जारी घमासान से दिल्ली चुनाव में क्या असर होगा?