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पार्टी लाइन से अलग राय… कांग्रेस के चहेते शशि थरूर कैसे मोदी के ‘प्रशंसक’ बन गए?

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नई दिल्ली

कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता शशि थरूर इन दिनों चर्चा में हैं। वे अपनी अलग राय और BJP के प्रति झुकाव के कारण विवादों में घिरे रहते हैं। पार्टी के कई नेता उनसे नाराज हैं। कुछ लोगों को लगता है कि वे बीजेपी में शामिल हो सकते हैं, लेकिन कांग्रेस पार्टी उन्हें निकालना नहीं चाहती, क्योंकि वे एक लोकप्रिय नेता हैं।

शशि थरूर कांग्रेस पार्टी के लिए एक पहेली बन गए हैं। राहुल गांधी भी उन्हें समझ नहीं पा रहे हैं। थरूर कभी कांग्रेस पार्टी के चहेते हुआ करते थे। लेकिन आज वे पार्टी के लिए मुश्किल बन गए हैं। वे अक्सर पार्टी लाइन से अलग राय रखते हैं। थरूर कई मौकों पर खुलकर पीएम मोदी की तारीफ करते हुए भी दिखाई दिए, इसलिए पार्टी में कई लोग उनसे नाराज हैं।

थरूर को 2006 में मनमोहन सिंह की सरकार ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव के पद के लिए नामित किया था। लेकिन वे चुनाव हार गए, इसके बाद उन्हें कांग्रेस पार्टी में शामिल कर लिया गया। 2009 में उन्हें तिरुवनंतपुरम से लोकसभा का चुनाव लड़ने का मौका मिला। कुछ स्थानीय नेताओं ने इसका विरोध किया, क्योंकि वे उन्हें बाहरी मानते थे। लेकिन थरूर चुनाव जीत गए, इस तरह उन्होंने राजनीति में अपना करियर शुरू किया।

थरूर दूसरे नेताओं से अलग दिखते हैं। उनका व्यवहार और बोलने का तरीका भी अलग है। कुछ लोगों को लगता है कि वे बहुत पश्चिमी हैं। उनका निजी जीवन भी कुछ लोगों को पसंद नहीं है, लेकिन कुछ लोगों को वे कूल लगते हैं, क्योंकि वे दूसरे नेताओं की तरह नहीं हैं।कुछ कार्यकर्ताओं को यह पसंद नहीं है कि उन्हें पार्टी में इतनी जल्दी आगे बढ़ाया गया। एक कांग्रेसी नेता ने कहा कि थरूर हमेशा और ज्यादा मांगते रहते हैं। वे पार्टी लाइन का उल्लंघन करते रहते हैं, लेकिन पार्टी उन्हें कुछ नहीं कहती।

क्या चाहते हैं थरूर?
थरूर 69 साल के हैं। वे अभी भी विवादों में रहते हैं। वे पार्टी में सुधार चाहते हैं। वे चाहते हैं कि पार्टी में फैसले लेने का तरीका लोकतांत्रिक हो। उन्होंने पार्टी के अध्यक्ष पद के लिए भी चुनाव लड़ा था। उन्होंने मल्लिकार्जुन खड़गे के खिलाफ चुनाव लड़ा था, इसे पार्टी नेतृत्व की अवहेलना माना गया। थरूर ने कहा कि वे पार्टी को जमीनी स्तर पर मजबूत करना चाहते हैं, वे चाहते हैं कि प्रदेश कांग्रेस समितियां और ब्लॉक स्तर के पैनल ज्यादा शक्तिशाली बनें। हालांकि वे चुनाव हार गए, लेकिन उन्होंने पार्टी में लोकतंत्र को बढ़ावा देने की बात कही।

कई मौकों पर की पीएम मोदी की तारीफ
थरूर की कुछ बातों से पार्टी के लोग नाराज हैं। उन्होंने कई बार मोदी की तारीफ की है। एक बार उन्होंने मोदी के स्वच्छ भारत अभियान की तारीफ की थी, इसके बाद उन्हें पार्टी के प्रवक्ता पद से हटा दिया गया था। हाल ही में सरकार ने उन्हें ऑपरेशन सिंदूर पर ‘विश्व नेताओं’ को जानकारी देने वाले डेलिगेशन के लिए चुना था। कांग्रेस के नेताओं को यह पसंद नहीं आया कि उन्होंने पार्टी से पूछे बिना यह प्रस्ताव स्वीकार कर लिया। पीजे कुरियन ने कहा कि इससे लगता है कि थरूर BJP की ओर झुक रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘अगर लोगों को लगता है कि थरूर BJP की ओर जा रहे हैं, तो उन्हें ऐसा सोचने के लिए गलत नहीं ठहराया जा सकता।’

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