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BJP का क्या प्लान धाकड़, जिसके जरिए उतारे मुर्मू और धनखड़; समझें रणनीति

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नई दिल्ली

उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए एनडीए ने शनिवार देर शाम जगदीप धनखड़ को उम्मीदवार घोषित कर दिया। इसके साथ ही एक बार फिर भाजपा ने सियासी बिसात पर अपनी चाल से हर किसी को हैरान कर दिया। पहले द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बनाकर भाजपा ने आदिवासियों को साधा। इसके बाद धनखड़ के नाम के ऐलान के साथ उसने जाट समुदाय को एक बड़ा संदेश भेजा है। आइए जानते हैं भाजपा के इस मास्टरस्ट्रोक के पीछे क्या है राणनीति और इस धाकड़ प्लान से उसे क्या होगा फायदा।

मूर्मू से साधे आदिवासी
कुछ दिन पहले ही भाजपा ने राष्ट्र्रपति उम्मीदवार के रूप में द्रौपदी मुर्मू के नाम का ऐलान किया था। आदिवासी महिला का नाम आगे करके भाजपा ने कई राज्यों में आदिवासी समुदाय को साधा था। विशेषज्ञों के मुताबिक इस कदम से भाजपा ने छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश समेत विभिन्न राज्यों में मौजूद आदिवासी वोटरों को अपने पक्ष में करने की दिशा में पहल की है। बता दें कि मुर्मू के नाम के ऐलान के साथ ही कई राज्यों में भाजपा को चिर-परिचित प्रतिद्वंद्वियों से भी समर्थन मिल गया। यहां तक कि विपक्ष का उम्मीदवार चुनने में अहम भूमिका निभाने वाली ममता बनर्जी को भी कहना पड़ा था कि अगर भाजपा ने पहले बताया होता तो वह भी मुर्मू का ही समर्थन करतीं। इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि भाजपा ने द्रौपदी मुर्मू के रूप में कितना बड़ा दांव खेला है।

धनखड़ से जाट और किसान को संदेश
अब बात करते हैं जगदीप धनखड़ की उम्मीदवारी की। धनखड़ के नाम का ऐलान भी अचानक नहीं हुआ है। असल में इसके पीछे किसान आंदोलन के दौरान पश्चिमी उत्तर प्रदेश समेत विभिन्न राज्यों में जाटों की नाराजगी की एक बड़ी भूमिका है। माना जा रहा है कि जाट समुदाय और किसानों को मनाने के लिए भाजपा ने धनखड़ को उपराष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार बनाया है। इसके अलावा इस कदम को भाजपा द्वारा सत्यपाल मलिक से दिए जा रहे नुकसान की भरपाई के तौर पर भी देखा जा रहा है। असल में मेघालय के राज्यपाल जाट नेता सत्यपाल मलिक लगातार केंद्र सरकार पर हमलावर हैं। उनकी बातों से जाट समुदाय की भी सरकार से दूरी बन रही थी। ऐसे में धनखड़ को आगे करके केंद्र की तरफ से जाट समुदाय को बड़ा संदेश देने की कोशिश की गई है।

हरियाणा, राजस्थान के साथ लोकसभा चुनाव पर नजर
जगदीप धनखड़ के नाम का फायदा भाजपा हरियाणा, राजस्थान के साथ-साथ अगले लोकसभा चुनाव में भी उठाने की तैयारी में है। भाजपा अध्यक्ष ने ऐलान के दौरान और पीएम मोदी ने अपने ट्वीट में किसान पुत्र के तौर पर संबोधित किया। इससे साफ संकेत मिलते हैं कि अगले चुनावों में वह किसानों पर भी फोकस किए हुए है। गौरतलब है कि जगदीप धनखड़ मूल रूप से राजस्थान के झुंझुनूं के रहने वाले हैं। यहां पर 2023 में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। वहीं 2024 में हरियाणा के चुनाव और लोकसभा चुनाव भी हैं। भाजपा को उम्मीद है कि आदिवासियों को बाद किसानों का चुनावों में समर्थन मिलेगा।

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