चैम्पियंस ट्रॉफी 2025 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल मुकाबले में मोहम्मद शमी ने जूस (एनर्जी ड्रिंक्स) पीते हुए दिखे, इस पर उत्तर प्रदेश के बरेली के मौलाना उनसे नाराज हो गए. मौलाना ने यहां तक कह दिया कि उन्होंने जानबूझकर रोजा नहीं रखा, जो कि गुनाह है, शरीयत की नजर में वो मुजरिम हैं.
दूसरी ओर इस मामले में इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के चेयरमैन और ईदगाह मौलाना मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने मोहम्मद शमी का बचाव किया. वहीं पूरे मामले में मोहम्मद शमी के कोच बदरुद्दीन सिद्दीकी और उनके बड़े भाई हसीब शमी की भी प्रतिक्रिया आई. कुल मिलाकर सोशल मीडिया पर इस पूरे मामले पर हल्ला मचा हुआ है.
वहीं शमी को कुछ यूजर्स ने इस बात पर ट्रोल किया कि उनको रमजान के पवित्र माह में रोजा रखना चाहिए. यहां तक कि कुछ यूजर्स ने ऐसे पोस्ट किए और दावा किया कि साउथ अफ्रीकी टीम के मुस्लिम क्रिकेटर हाशिम अमला ने भी एक मौके पर रमजान के दौरान रोजा रखा था और 311 रनों की पारी खेली थी. दावा किया गया कि साउथ अफ्रीकी क्रिकेटर हाशिम अमला ने जुलाई 2012 में ओवल में इंग्लैंड के खिलाफ अपनी रिकॉर्ड-तोड़ 311* रन की पारी के दौरान रमजान के दौरान रोजा (Fast) कर रहे थे. हालांकि ये ये दावे गलत हैं.
शमी के जूस पीने पर बरेली के मौलाना नाराज…
दुबई में ऑस्ट्रेलिया संग हुए मैच के दौरान मोहम्मद शमी का जूस पीते हुए वीडियो सामने आया था. शमी ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उस मुकाबले में 48 रन देकर 3 विमेट झटके थे. इस पर बरेली के मौलाना ने नाराजगी जताई थी. ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने बयान जारी करके कहा कि इस्लाम ने रोजे को फर्ज करार दिया है. अगर कोई शख्स जानबूझकर रोजा नही रखता है तो वह निहायती गुनेहगार है. मोहम्मद शमी ने रोजा नहीं रखा जबकि रोजा रखना उनका वाजिब फर्ज है. रोजा ना रखकर शमी ने बहुत बड़ा गुनाह किया है, शरीयत की नजर में वो मुजरिम हैं.