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4500 टन स्टील-लोहा, 60 करोड़ लागत…प्रयागराज में दो महीने के लिए बन रहा स्टील ब्रिज

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प्रयागराज ,

4500 टन स्टील और लोहा, एक हजार स्टील के पिलर, 60 करोड़ लागत, भार वाहन क्षमता 150 टन, मगर उम्र महज 60 दिन… ये है प्रयागराज में गंगा नदी पर तैयार हो रहा स्टील ब्रिज. इसे खास तौर पर महाकुंभ मेले के लिए बनाया जा रहा है. स्टील ब्रिज को शहर से जोड़ने के लिए 4 किलोमीटर लंबी एप्रोच रोड भी बनाई जा रही है.

426 मीटर लंबा ये स्टील ब्रिज गंगा नदी पर बन रहे 6 लेन ब्रिज के समानांतर बन रहा है. इस स्टील ब्रिज को कुंभ मेले के खत्म होते ही समाप्त कर दिया जाएगा. ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि प्रयागराज में जब फाफामऊ में गंगा नदी पर एक पुल पहले से मौजूद है, दूसरे का निर्माण जारी है, तो इस स्टील ब्रिज को बनाने की जरूरत क्यों पड़ी. आइए जानते हैं पूरी कहानी…

दरअसल, 26 नवंबर 2020 से गंगा नदी पर 10 किलोमीटर लंबे देश के दूसरे सबसे बड़े 6 लेन ब्रिज को बनाने का काम शुरू हुआ. ये पुल मलाका से शहर के त्रिपाठी चौराहे तक बनाया जा रहा है. इसमें करीब 4 किमी का पुल गंगा नदी पर बनना था. ये पुल NH-19 भदरी गांव (मलाका) से शुरू होकर गंगा नदी पार कर शहर के त्रिपाठी चौराहा तक बन रहा है.

शिलान्यास के समय इसकी कुल लागत 980.77 करोड़ रुपए तय की गई थी. पुल की कुल लंबाई 9.9 किलोमीटर है. जर्मन तकनीक केबल और बॉक्सेस से बनने वाले देश के आधुनिकतम पुलों में से एक इस पुल के निर्माण के लिए 3 साल का लक्ष्य तय किया गया था. लेकिन ये तय समय में पूरा नही हो पाया.

महाकुंभ-2025 के लिए यह पुल बहुत जरूरी था. वजह थी गंगा नदी पर बने 50 साल पुराने पुल का जर्जर होना. दूसरा यह कि एक रास्ते से करोड़ों श्रद्धालुओं का संगम तक पहुंचना भी आसान नहीं है. इस पुल को फरवरी 2024 में बनकर तैयार हो जाना चाहिए था लेकिन जब ये पता चला कुंभ मेले तक ये पुल बनकर तैयार नही हो पाएगा तो विकल्प के तौर पर इस स्टील ब्रिज को बनाने की योजना तैयार की गई. फिलहाल, स्टील के ब्रिज के निर्माण का काम अंतिम चरण में है. एक हफ्ते के अंदर पुल चालू हो जायेगा. हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस पुल का निरीक्षण कर इसे जल्द शुरू करने के निर्देश दिए.

जहां बन रहा स्टील ब्रिज, वहां से ग्राउंड रिपोर्ट
ऐसे में स्टील ब्रिज की स्थिति देखने के लिए ‘आजतक’ की टीम मौके पर पहुंची. तो पाया कि वहां युद्ध स्तर पर काम चल रहा था. दो बड़ी क्रेन उसी ब्रिज पर मौजूद हैं, उन्हीं के जरिए लोहे के मोटे-मोटे एंगल को ऊपर रखा जा रहा है. करीब 100 वर्कर काम कर रहे हैं. इनमें 10 वर्कर वेल्डिंग के काम में लगे हैं.

ब्रिज निर्माण का काम कर रहे वर्कर कहते हैं कि इस पुल को तैयार करने के लिए यहां दिन-रात काम चल रहा है. वहीं, एक इंजीनियर ने बताया कि जितने समय के लिए ब्रिज बनाया गया है उस दौरान ये पूरी मजबूती से काम करेगा. इस स्टील ब्रिज का निर्माण वही एसपी सिंगला कंस्ट्रक्शन कंपनी कर रही है, जो 10 किलोमीटर लंबे सिक्स लेन ब्रिज का निर्माण कर रही है. 6 लेन ब्रिज समय पर पूरा नहीं हो पाया जिसके बाद कंपनी को कुंभ से पहले विकल्प के तौर पर ये स्टील ब्रिज खड़ा करना पड़ा है. महज 3 से 4 दिन में पुल का काम पूरा हो जाएगा. 98% तक काम पूरा हो चुका है.

इंजीनियर ने बताया कि 4500 टन के इस ब्रिज की चौड़ाई 16 मीटर है. लिहाजा पुल के एक-एक पिलर की पुख्ता जांच के बाद ही निर्माण कार्य में लगी टीम आगे बढ़ रही है. अहम बात ये है कि कुंभ खत्म होने के बाद इस पुल को तोड़ दिया जाएगा. पुल को तोड़ने के बाद उसमें लगे 4500 टन लोहे का क्या होगा… इसपर एसपी सिंगला कंपनी के इंजीनियर ने बताया कि काम के बाद सरकार और हमारी कंपनी की सहमति से तय किया जाएगा कि इस लोहे का क्या होगा.

कंपनी के लोग कहते हैं कि ये सच है कि जब सिक्स लेन ब्रिज का काम पूरा नहीं हो पाया तो उन्हें विकल्प के तौर पर इसे बनाना पड़ा लेकिन इसको बनाने के पीछे एक मकसद यह भी है कि मेला प्रशासन को पुल के पास बड़ी पार्किंग मिल जाएगी. लखनऊ-अयोध्या समेत पश्चिमी यूपी की तरफ से आने वाली गाड़ियों को इधर ही पार्क किया जाएगा. यहां करीब डेढ़ लाख गाड़ियों को एक साथ पार्क किया जा सकता है. यहां से संगम की दूरी 10 से 12 किमी होगी. श्रद्धालुओं को शाही स्नान और महत्वपूर्ण दिनों पर पैदल ही जाना होगा. इससे पहले गाड़ियों को फाफामऊ पुल से पहले ही रोकने की कोशिश होती थी, उस वक्त इस इलाके में भीषण जाम लग जाता था.

कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि स्टील ब्रिज अपने आप में अनोखा है. आमतौर पर रिकॉर्ड समय में ऐसे पुल सेना अपने अभियानों के लिए बनाती है. उत्तर प्रदेश में पहली बार ऐसा हो रहा कि कोई स्टील ब्रिज सिर्फ 2 महीने के लिए बनाया जा रहा. दो महीने बाद यहां से इस पुल का नामोनिशान मिट जाएगा. उम्मीद की जानी चाहिए कि बगल में बनने वाला सिक्स लेन ब्रिज जल्द आम लोगों को समर्पित किया जाएगा.

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