मुजफ्फरपुर:
बिहार में जमीन के दाखिल-खारिज की प्रक्रिया हमेशा से विवादों में रहता है। सरकार की तमाम सख्ती और निर्देशों के बावजूद दाखिल-खारिज की प्रक्रिया में भ्रष्टाचार थमने का नाम नहीं ले रहा है। ताजा मामला मुजफ्फरपुर जिले के मुसहरी अंचल से सामने आया है, जहां सदर थाना क्षेत्र के खबड़ा गांव की एक महिला की शिकायत पर अंचलाधिकारी महेंद्र शुक्ला और राजस्व कर्मचारी अनुज कुमार के खिलाफ गंभीर आरोपों के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।
दाखिल- खारिज का मामला
आरोप है कि खबड़ा गांव की निवासी काजल देवी ने एक डिसमिल जमीन खरीदी थी और उसके दाखिल-खारिज के लिए आवेदन दिया था। लेकिन आवेदन को जानबूझकर लंबित रखा गया। महिला का कहना है कि हल्का कर्मचारी उसके घर आया और कहा कि दाखिल-खारिज तभी होगा जब वह सीओ साहब से अकेले में मिलेंगी। ऐसा नहीं करने पर केस रिजेक्ट कर दिए जाने की धमकी दी गई। महिला ने इस संबंध में सीजेएम कोर्ट में परिवाद दायर किया, जिस पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने सदर थाना को एफआईआर दर्ज कर जांच का आदेश दिया।
सीओ पर दर्ज हुआ केस
आदेश के बाद सदर थानाध्यक्ष अस्मित कुमार ने प्राथमिकी दर्ज की और जांच की जिम्मेदारी दरोगा राकेश कुमार को सौंपी। काजल देवी के अधिवक्ता नवनीत कुमार ने बताया कि दर्ज परिवाद में आरोप लगाया गया है कि फर्जी कागजात के आधार पर जमीन का दाखिल-खारिज किया गया। साथ ही सीओ महेंद्र शुक्ला पर महिला से निजी मुलाकात के लिए दबाव डालने का गंभीर आरोप भी शामिल है। पूरे मामले को लेकर आरोपी सीओ का कहना है कि उन्होंने काजल देवी के आवेदन को रद्द कर दिया है इसलिए उन्हें फंसाने कि नियत से झूठा मुकदमा दायर किया गया है।
पुलिस ने लिया एक्शन
उधर, सीओ ने ये भी कहा कि पुलिस कि जांच में क्या सही और क्या गलत है वह साबित हो जाएगा। वही पूरे मामले को लेकर सदर थाना प्रभारी अस्मित कुमार ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है। वादी महिला से पूछताछ की जा रही है और आरोपियों से भी जल्द ही पूछताछ की जाएगी। साक्ष्य के आधार पर आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।