जयपुर,
शहरी सरकार कहे जाने वाले जयपुर के हेरिटेज नगर निगम में बड़ी उठापटक हुई है. मुनेश गुर्जर को भ्रष्टाचार के मामले में मेयर पद से हटाए जाने के बाद अब कुसुम यादव को कार्यवाहक मेयर की कमान सौंपी गई है. दिलचस्प बात यह है कि कांग्रेस का बोर्ड होने के बावजूद निर्दलीय और बीजेपी को समर्थन देने वाली कुसुम यादव मेयर की कुर्सी पर बैठ गई. ऐसा इसलिए मुमकिन हुआ क्योंकि कांग्रेस के कुछ पार्षदों ने रातों रात बीजेपी को समर्थन दे दिया.
हालांकि, जब कार्यवाहक मेयर कुसुम यादव पद्भार ग्रहण करने जा रही थीं, तब बीजेपी विधायक महंत बालमुकुंद आचार्य ने ना सिर्फ कुर्सी और भवन को गंगाजल- गोमूत्र से शुद्ध किया बल्कि बीजेपी में शामिल हुए कांग्रेस पार्षदों का भी शुद्धिकरण किया. यहां तक कि एक-एक कांग्रेसी पार्षद के पास जाकर बाबा बालमुकुंद ने गंगाजल का छिड़काव किया और जय श्री राम के जयकारों के साथ उन्हें गंगाजल भी पिलाया.
कांग्रेस की आपसी लड़ाई का बीजेपी ने उठाया फायदा
बीजेपी को समर्थन करने वाले मनोज मुद्गल, ज्योति चौहान, उत्तम शर्मा, दशरथ सिंह समेत 8 कांग्रेसी पार्षद हैं, जो कांग्रेस के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री प्रतापसिंह खाचारियावास के बेहद करीबी हैं. इन पार्षदों ने ही कांग्रेस बोर्ड से मेयर बनी मुनेश गुर्जर पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे, हालांकि, चर्चा इस बात की भी है कि कांग्रेसी नेताओं की आपस में वर्चस्व की लड़ाई का बीजेपी फायदा उठाया और जोड़-तोड़ कर अपना बोर्ड बना लिया.
बीजेपी समर्थित मेयर बोलीं- अब राम राज्य स्थापित होगा
मेयर की कुर्सी पर बैठते ही कुसुम यादव ने कह दिया कि हेरिटेज नगर निगम में अब राम राज्य स्थापित होगा. उन्होंने स्पष्ट किया कि कांग्रेसी पार्षद कांग्रेस के शासन से त्रस्त थे और महापौर से परेशान थे, इसलिए बीजेपी जॉइन कर ली. वहीं, महापौर कार्यालय में गंगाजल का छिड़काव करते हुए विधायक बालमुकुंद आचार्य ने कहा, आज गंगाजल से शुद्ध किया है. इसकी अशुद्धता को निकाला गया है. वैदिक मंत्र से पूजा करके नवमी तिथि के अवसर पर कुसुम यादव कुर्सी पर विराजमान हुई हैं. अब नगर निगम में शुद्ध वातावरण और पवित्रता रहेगी. बीजेपी के समर्थन में आए कांग्रेस पार्षदों को भी गंगाजल पिलाया है, गोमूत्र पिला दिया गया है. वैदिक मंत्र का उच्चारण उनके कानों में जा चुका है. अब वो पूरी तरह सनातनी हो चुके हैं. यहां तक अधिकारी भी अशुद्धि में चल रहे थे. उनकी भी मजबूरी थी कि इस तरह का कार्य कराया जा रहा था लेकिन अब उनका भी शुद्धिकरण हो चुका है. उन्होंने स्पष्ट किया कि सनातन धर्म में गंगाजल-गोमूत्र इसलिए पिलाया जाता है ताकि अब तक जो अपराध किए हैं, उससे मुक्त कराया जा सके और अब सनातनी होकर सात्विक पवित्रता से काम करें.
दरअसल, जयपुर हेरिटेज नगर निगम में कुल 100 पार्षद हैं. इनमें से एक मुनेश गुर्जर निलंबित हो गईं हैं. अब तक बीजेपी के पास 42 पार्षद थे लेकिन 2 निर्दलीय के साथ वर्तमान में 8 कांग्रेस के पार्षद बीजेपी में आ गए. इससे पहले कांग्रेस के एक पार्षद नीरज अग्रवाल पहले ही बीजेपी में शामिल हो चुके थे. ऐसे में अब कांग्रेस के पास निर्दलीय समेत 46 पार्षद ही रह गए, जिसके चलते कांग्रेस का बोर्ड धराशाई हो गया और बीजेपी ने कुर्सी पर कुसुम यादव को बैठा दिया.
कौन हैं कुसुम यादव?
कुसुम यादव को जब नगरीय निकाय चुनाव के वक्त बीजेपी ने टिकट नहीं दिया तो उन्होंने बगावत कर दी थी और निर्दलीय चुनाव लड़ा था. हालांकि पार्षद का चुनाव जीतने के बाद कुसुम को बीजेपी ने मेयर पद का उम्मीदवार भी बनाया था, तब कई नेताओं ने इसकी खिलाफत भी की लेकिन वर्तमान घटनाक्रम के बाद बीजेपी का पूरा तंत्र अपना बोर्ड बनाने में सक्रिय था. अब अगले 2 महीने तक कार्यवाहक महापौर के तौर पर हेरिटेज नगर निगम का चार्ज कुसुम यादव के पास होगा.
पार्षद मनोज मुदगल कहते हैं कि बालमुकुंद जी ने हमारे ऊपर गंगाजल छिड़का था. उन्होंने कमरे और हमारे ऊपर गंगाजल छिड़का था. उनका कहना था कि अब करप्शन खत्म हो जाएगा. अब जनता की सेवा करिए. ऐसा उन्होंने कहा. उन्होंने मेयर के ऊपर भी छिड़का था. जैसे मंदिरों में भी गंगाजल छिड़का जाता है. ये शुभ काम करने से पहले गंगाजल छिड़का ही जाता है. हमारे ऊपर गो मूत्र भी छिड़का है.
कांग्रेस नेता प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा, कांग्रेस तो पवित्र है. लेकिन वो बाबा अपवित्र है. ये बीजेपी का एमएलए कुछ ज्यादा ही बोलता है. हवामहल सीट से विधायक आचार्य बालमुकुंद का कहना था कि नगर निगम में बोर्ड कांग्रेस का था. वहां बहुत करप्शन था. अब हमारा बोर्ड बन गया. मैं अपनी गाड़ी में गोमूत्र और गंगाजल रखता हूं. मांग उठी कि अब नगर निगम करप्शन मुक्त हो गया है इसलिए गंगाजल और गोमूत्र छिड़का था. वो कांग्रेसी पार्षद भी अब शुद्ध हो गए. हमने तो पूरा भवन ही पवित्र कर दिया था. गोमूत्र और गंगाजल छिड़क रहे थे और अब वो किसी के मुंह में चला गया होगा तो अच्छा ही है ना. कोई पाप थोड़ी ही वो पीना.