गाजियाबाद
उद्घाटन से पहले ही दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे के एलिवेटेड सेक्शन में वेयरिंग में फॉल्ट का मामला सामने आया है। माना जा रहा है कि इसी वजह से दिल्ली चुनाव से पहले इसका उद्घाटन नहीं हो सका। अब इसकी रिपेयरिंग की जा रही है। अक्षरधाम से लेकर यूपी गेट तक पैकेज-1 में 30 से अधिक वेयरिंग और यूपी गेट से लेकर बागपत तक पैकेज-2 में 50 से अधिक वियरिंग रिप्लेस किए जा रहे हैं।
फरवरी तक इसे पब्लिक के लिए खोलने का दावा किया जा रहा है। एक्सपर्ट का कहना है कि दोनों पैकेज में करीब 5 हजार से अधिक वेयरिंग लगी है। इसमें कुछ में दिक्कत आने की बात कही जा रही है। वेयरिंग में फॉल्ट से एलिवेटेड सेक्शन एक तरफ झुक सा जाता है। समय रहते इसका पता चल गया। सूत्रों का कहना है कि तय समय पर काम न होने के कारण प्रॉजेक्ट मैनेजर का ट्रांसफर भी कर दिया गया।
टल गया था उद्घाटन का कार्यक्रम
बताया जा रहा है कि पहले मंत्रालय को वताया गया था कि इस सेक्शन का काम हो चुका है। जब पीएमओ से टाइम मिलने की वात आई तो पता चला कि अभी कुछ काम रह गया है। इसकी वजह से इसके उद्घाटन का कार्यक्रम पोस्टपोन कर दिया गया। सूत्र बताते हैं कि नमो भारत के उद्घाटन के समय पर ही इसका भी शुभारंभ होना था। सूत्र बताते हैं कि तय समय के भीतर काम पूरा नहीं करने पर प्रॉजेक्ट मैनेजर धीरज सिंह का ट्रांसफर आगरा कर दिया गया।
बताया गया कि पहले यहां पर तैनात प्रॉजेक्ट मैनेजर अरविंद कुमार को अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई। हालांकि, उनकी तैनाती मुरादाबाद सेक्शन में है। फिलहाल उन्होंने चार्ज संभाल लिया। वियरिंग रिप्लेसमेंट करवाने का काम भी तेजी के साथ शुरू करवा दिया गया है। मालूम हो कि दिसंबर में जब केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने प्रॉजेक्ट की समीक्षा की थी तो उन्होंने काफी नाराजगी जताई थी। उन्होंने दोनों हिस्से की फाइनल टेस्टिंग करवाने का भी निर्देश दिया था।
15 जनवरी को दूर हो सकती है अड़चन
सबसे बड़ी परेशानी मंडोला के पास एक घर की 60 मीटर जमीन के मुआवजे की है। यह मामला कोर्ट में चल रहा है। इसकी वजह इस हिस्से में एनएचएआई अभी तक सर्विस रोड का निर्माण नहीं कर सका। अब इस प्रकरण में 15 जनवरी को सुनवाई होनी है। सुप्रीम कोर्ट ने भी हाई कोर्ट को जल्द से जल्द निस्तारित किए जाने की वात कह चुका है। इस जमीन को लेकर एनएचएआई को देना है, जो दिया जा चुका है।
जितना सफर उतना ही टोल टैक्स लगेगा
इस एक्सप्रेसवे पर वाहन जितना सफर करेंगे, उतना ही टोल देना पड़ेगा। यदि किसी का फास्टैग ब्लैकलिस्ट है तो उसे पूरे एक्सप्रेसवे का टोल देना पड़ेगा। यदि कोई दिल्ली से बागपत जाएगा और उसका फास्टैग ब्लैकलिस्ट है तो उसे देहरादून तक का टोल देना पड़ेगा। अक्षरधाम से लोनी बॉर्डर तक टैक्स नहीं देना होगा। बागपत से सहारनपुर वाले हिस्से में दिल्ली से बागपत वाला हिस्सा पूरी तरह से तैयार है। बचा हुआ काम मार्च तक पूरा करने का दावा किया जा रहा है।