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बाढ़ में बेबसी! कंधों पर नहीं नाव पर ले जाना पड़ा शव, 3 किमी का सफर तय करके करना पड़ा अंतिम संस्कार

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लखीमपुर खीरी:

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर जिले में बाढ़ की तबाही के बीच एक दिल को झकझोर देने वाली तस्वीर सामने आई है। यहां ग्रामीण के शव का अंतिम संस्कार करने के लिए 3 किलोमीटर तक नाव का सहारा लेना पड़ा। जिले के लगभग डेढ़ सौ गांव टापू में तब्दील हो गए हैं। आलम यह है, कि लोगों के पास खाना बनाने से लेकर अंतिम संस्कार करने तक को जगह नहीं बची है।

सदर तहसील की फूलबेहड़ क्षेत्र का बसहा गांव भी बाढ़ में पूरी तरह से डूबा हुआ है। बाढ़ की भिभिषिका के बीच गांव के ही रामस्वरूप की मौत हो गई। हर जगह पानी होने की वजह से राम स्वरूप के शव के अंतिम संस्कार के लिए परिजनों को तीन किलोमीटर का सफर तय करना पड़ा। परिजन नाव पर रामस्वरूप का शव रखकर तटबंध पर पहुंचे और अंतिम संस्कार किया।

बनबसा बैराज से छोड़े गए पानी के बाद से जिले की सदर ,पलिया, निघासन, धौरहरा और गोला तहसीलें बाढ़ की चपेट में है। यहां के अधिकतर गांव बाढ़ के पानी में डूब गए हैं। लोगों के घरों में पानी भर गया है, जिससे वह खुले आसमान के नीचे तटबंधों पर जीवन व्यतीत कर रहे हैं। उनके खाने पीने की भी मुकम्मल व्यवस्था नहीं है। प्रशासन राहत बचाव के नाम पर उनके साथ मजाक कर रहा है।

तटबंध के भीतर घिरे हैं फूलबेहड़ के यह गांव
बालूगंज, खांबी, बसहा, बड़ा गांव, भूलभुलिया, मंगलीपुरवा, खगईपुरवा, करदैयामानपुर चकलुआ, ग्रांट 12 गूम, चुखरीपुरवा, सिंधिया, नरी समेत 20 से ज्यादा गांव के चारों तरफ तटबंध है और यह सभी बाढ़ में डूबे हुए हैं।

इन गांव वालों के पास खाना छोड़िए बैठने तक की जगह नहीं है। मवेशी भूख के मारे तड़प रहे हैं, उनके चारे की व्यवस्था भी नहीं हो पा रही है। इसी दौरान बीमारी के चलते बसहा गांव के बुजुर्ग रामस्वरूप की रविवार को मौत हो गई। रामस्वरूप घर और गांव बाढ़ से पूरी तरह डूबा हुआ था। जिसके चलते उनके अंतिम संस्कार तक की जगह नहीं मिली, इस विपदा में उनके रिश्तेदार छत्रपाल ने उनकी मदद की और दो नाव मंगाई। एक नाव पर चारपाई और उस पर शव रखा गया। दूसरी नाव पर लकड़ियां और सामग्री लादी। और 3 किलोमीटर का सफर तय कर तटबंध पर उनका अंतिम संस्कार किया।

रेलवे ट्रैक के नीचे से बहने लगा पानी
जुलाई में आई बाढ़ बाढ़ से मैलानी गोंडा रेलवे ट्रैक कट गया था। जिसका मरम्मत कर अभी चल रहा है। इसी बीच अब भीरा के पहले साइ मंदिर के आगे निकले रेलवे ट्रैक पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है बाढ़ का पानी रेलवे ट्रैक के नीचे से बहने लगा है।

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