लखनऊ,
अयोध्या जिले की मिल्कीपुर विधानसभा सीट के उपचुनाव का ऐलान हो गया है, 10 जनवरी से यहां नामांकन शुरू होंगे और 5 फरवरी को मतदान होगा. इस एक सीट के नतीजों के अनेक निहितार्थ निकाले जाएंगे, इसलिए पक्ष-विपक्ष पहले से यहां पूरी ताकत से जुटे हुए हैं. एक ओर भाजपा की नजर इस सीट को जीतकर 2024 में अयोध्या जिले की फैजाबाद लोकसभा सीट पर मिली हार का जख्म भरने पर है. वहीं, सपा हालिया उपचुनावों में मिली हार के करारे झटके से उबरने की कोशिश करेगी.
मिल्कीपुर के विधायक रहे अवधेश प्रसाद ने राममंदिर के उद्घाटन के कुछ महीनों बाद हुए लोकसभा चुनाव में अयोध्या से जीत दर्ज कर पूर देश को आश्चर्यचकित कर दिया था. इस हार का बोझ भाजपा के लिए इतना भारी रहा कि केंद्र में उसकी लगातार तीसरी पारी का जश्न फीका पड़ गया. इसके बाद से ही अवधेश प्रसाद सपा सहित विपक्ष के ‘पोस्टर बॉय’ हैं. लोकसभा में उनको आगे की सीट दिलवाने में आना-कानी पर सपा मुखिया अखिलेश यादव कांग्रेस तक पर खफा हो गए थे. अब मिल्कीपुर से सपा ने अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को उम्मीदवार बनाया है, इसलिए, सपा के ‘पोस्टर बॉय’ की साख यहां दांव पर लग गई है.
भाजपा ने झोंक दी पूरी ताकत
पिछले महीने हुए उपचुनाव में सपा ने बगल की ही कटेहरी सीट के अलावा संभल की कुंदरकी सीट भी गंवा दी थी. अखिलेश की परंपरागत सीट करहल जीतने तक में सपा के पसीने छूट गए थे. इसलिए, इस सीट के नतीजे हार के झटके से उबरने के लिहाज से भी सपा के लिए अहम हैं. भाजपा की नजर ये सीट जीतकर 2024 में अयोध्या जिले की फैजाबाद लोकसभा सीट पर मिली हार का जख्म भरने पर है. इसलिए, भाजपा ने पूरी ताकत झोंक दी है. सीएम योगी आदित्यनाथ खुद 4 बार मिल्कीपुर का दौरा कर चुके हैं. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और संगठन महामंत्री धर्मपाल ने भी संगठनात्मक तैयारियां परखी हैं. अयोध्या के प्रभारी मंत्री सूर्य प्रताप शाही के साथ जल शक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह, स्वास्थ्य राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह, आयुष मंत्री दयाशंकर मिश्र दयालु, खेल मंत्री गिरीशचंद्र यादव, खाद्य एवं रसद राज्यमंत्री सतीश चंद्र शर्मा, सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौर भी यहां लगाए गए हैं. हालांकि पार्टी ने अभी उम्मीदवार तय नहीं किया है.
मिल्कीपुर सीट का समीकरण
3.50 लाख से अधिक वोटरों वाली इस सीट पर सर्वाधिक आबादी दलितों की है. इस सीट पर 1.30 लाख से अधिक दलित वोटर हैं. चूंकि सभी प्रत्याशी इसी बिरादरी से हैं, इसलिए नतीजों का रुख अगड़े-पिछड़े ही तय करेंगे. यहां 55 हजार यादव और 30 हजार से अधिक मुस्लिम वोटर हैं, वहीं, 60 हजार से अधिक ब्राह्मण, 30 हजार क्षत्रिय, 50 हजार से अधिक कोरी, चौरसिया, पाल और मौर्य आदि बिरादरी के वोटर हैं.
पिछला परिणाम
अवधेश प्रसाद, सपा : 103,905
बाबा गोरखनाथ, भाजपा : 90,957
मीरा देवी, बसपा : 14,427
नीलम कोरी, कांग्रेस : 3,166