जयपुर
कहने को तो भाजपा एकजुट है लेकिन जब से प्रदेश में सरकार बनी है तब से राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के पिच पर भाजपा के ही नेता आमने सामने हैं। सरकार बदलने के बाद आरसीए के तत्कालीन अध्यक्ष वैभव गहलोत ने पद से इस्तीफा दे दिया था क्योंकि सरकार उन्हें हटाने की तैयारी कर चुकी थी। बाद में सरकार ने एडहॉक कमेटी का गठन किया और भाजपा विधायक जयदीप बिहाणी को कमेटी का संयोजक बनाया गया। मुख्यमंत्री ने भले ही बिहाणी को संयोजक बना दिया लेकिन भाजपा के कई नेताओं को पसंद नहीं है। हाल ही में कमेटी के सदस्यों ने ही बिहाणी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। एजीएम बुलाकर बिहाणी द्वारा लिए गए फैसलों को भी निरस्त कर दिया।
मंत्री के बेटे और भाजपा विधायक में ठनी
एडहॉक कमेटी को चुनाव कराए जाने थे लेकिन तीन बार कार्यकाल बढ़ाये जाने के बावजूद आरसीए के चुनाव नहीं कराए जा सके। जयदीप बिहाणी और जिला संघों के बीच कुश्ती चल रही है। कैबिनेट मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर के बेटे धनंजय सिंह खींवसर पहले नागौर जिला क्रिकेट संघ के अध्यक्ष थे। हाल ही में वे जोधपुर जिला क्रिकेट संघ के अध्यक्ष बन गए। एडहॉक कमेटी के संयोजक जयदीप बिहाणी ने जोधपुर जिला क्रिकेट संघ में हुए चुनावों को नियम विरुद्ध बताया है। साथ ही नोटिस जारी करने की बात भी कही जा रही है। उधर एडहॉक कमेटी ने पाली जिला क्रिकेट की मान्यता रद्द कर दी। ऐसे में कैबिनेट मंत्री के बेटे धनंजय और भाजपा विधायक जयदीप बिहाणी के बीच तलवारें खींच गई।
गलत तरीके से चुनाव का आरोप
एडहॉक कमेटी के संयोजक जयदीप बिहाणी का कहना है कि जोधपुर जिले में गलत तरीके से चुनाव कराए गए हैं। धनंजय सिंह खींवसर नागौर जिला क्रिकेट संघ के अध्यक्ष हैं। वहां से इस्तीफा नहीं देने के बावजूद उन्होंने जोधपुर जिला क्रिकेट का चुनाव लड़ लिया। आरसीए की एडहॉक कमेटी ने जब इस संबंध में जानकारी मांगी तो जिला क्रिकेट संघ ने जानकारी देने से इनकार कर दिया। बिहाणी का कहना है कि बार बार पत्र भेजकर रिमांडर दिए जाने के बावजूद कोई जवाब नहीं दिया गया। उधर एडहॉक कमेटी के चार सदस्यों ने भी बिहाणी के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। धनंजय सिंह खींवसर, धर्मवीर सिंह, हरिचंद्र सिंह और रतन सिंह ने प्रस्ताव पारित करके बिहाणी द्वारा लिए गए सभी फैसलों को निरस्त करने का ऐलान किया है।