सिवान
पूर्व राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा और राज्यसभा सांसद शंभू शरण पटेल गुरुवार को एक जाने माने सर्जन डॉक्टर अशोक ठाकुर के निजी समारोह में भाग लेने के लिए सिवान पहुंचे थे। इस से पहले शहर के परिसदन में उन्होंने पत्रकारों से बातचीत किया। इस दौरान ऑपरेशन सिंदूर और बिहार के विकास पर उन्होंने अपना पक्ष रखा। राकेश सिन्हा ने कहा कि मुगल काल के बाद पहली बार इस देश में सिंदूर के ऊपर विमर्श चल रहा है। सिंदूर सिर्फ सांकेतिक चिन्ह नहीं बल्कि हमारे स्मिता का भी प्रतीक है। जब इस पर हमला हुआ है तो हमारा सरकार इसे स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है।
राकेश सिन्हा का बयान
उन्होंने कहा कि हम सिंदूर के महत्व को दुनिया को समझा रहे हैं। उन्होंने कहा इस सिंदूर का संदेश दुनिया की तमाम महिलाओं तक पहुंचनी चाहिए। आतंकवाद के खिलाफ हम दुनिया को जागरूक कर रहे हैं। उन्होंने विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि विपक्षी सरकार युद्ध में भारत की हार देखना चाहती थी। क्योंकि भारत की हार में उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हार नजर आ रही थी। राकेश सिन्हा ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर तब तक जारी रहेगा जब तक कि पाक अधिकृत कश्मीर भी न जीत लें।
बिहार का विकास
उन्होंने पूर्व के सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि बिहार को दीमक की तरह खत्म कर दी गया था। जिसे ठीक कर एनडीए की सरकार उसे पटरी पर ले आई है। सभी जाते हैं कि बिहार के पास जो मानव संसाधन है। वह किसी भी दूसरे राज्यों के पास नहीं है। आईएएस से लेकर आईआईटी और मेडिकल के क्षेत्र में बिहार के युवा के प्रतिभा का कोई जवाब नहीं है। चंद्रगुप्त और चाणक्य की भूमि बिहार पिछड़े राज्यों की सूची में आए यह भाजपा को बर्दाश्त नहीं है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्राथमिकता में बिहार का विकास शामिल है। बिहार को सबसे प्रगतिशील राज्य बनाने के दिशा में प्रधानमंत्री लगातार काम कर रहे हैं।
जंगलराज वाला बिहार
राज्यसभा सांसद शंभू शरण पटेल ने कहा कि बिहार में डबल इंजन की सरकार काफी काम कर रही है। पिछले 50 सालों में बिहार की दुर्गति हो गई थी। उन्होंने कहा कि सिवान में एक समय ऐसा था कि 4 बजे के बाद लोग घरों से नहीं निकलते थे। आज रात 12 बजे भी निकलने में किसी को कोई डर नहीं लगता। प्रशांत किशोर पर सवाल पूछने पर उन्होंने कहा कि वे बंद कमरे में वे अच्छा रणनीति बना सकते हैं लेकिन धरातल पर उसे उतारना उनके बस की बात नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रशांत बिहार के बारे में अगर इतने चिंतित थे तो इतने सालों तक क्या कर रहे थे?