मुंबई:
मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने एक कार्यक्रम में कॉमेडियन कुणाल कामरा को लेकर हुए विवाद पर कहा कि हमारी पार्टी और हमारे अलायंस भी थोड़े भावुक लोग हैं। हम लोग प्रैक्टिकल राजनीति नहीं हैं। हमारे में इमोशन थोड़े ज्यादा है। इमोशन ही थोड़ा रिएक्ट करवाती है इसलिए मेरा मत पूछेंगे तो मैं कहता हूं कि रिएक्शन के कारण ज्यादा तवज्जो मिली। इनकी कोई औकात नहीं है। कॉमेडियन कुणाल कामरा का नाम लिए बिना फडणवीस ने कहा कि ऐसे लोगों को चार आदमी तक भी नहीं सुनते।

‘मुझे नजरअंदाज करना बेहतर’
मुख्यमंत्री फडणवीस के बयान पर कुणाल कामरा ने एक्स पर जवाब दिया। उन्होंने लिखा कि ‘हैलो, देवेंद्र फडणवीस आप सही कह रहे हैं, राजनीतिक रूप से मुझे नजरअंदाज करना बेहतर है। मेरे पास कोई औकात नहीं है और सिर्फ 4 लोग ही मेरा शो देखते हैं। कृपया क्या मुझे नजरअंदाज किया जा सकता है?’
कामरा ने क्या कहा था?
गौरतलब है कि पिछले दिनों कुणाल कामरा ने उप-मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर कविता के अंदाज में तंज कसा था और उन्हें गद्दार कहा। इसके बाद शिवसेना कार्यकर्ता भड़क उठे और जिस स्टूडियो में कामरा ने कॉमेडी की थी, उसमें जमकर तोड़फोड़ की। साथ ही कामरा के खिलाफ केस दर्ज किया गया। इसके बाद पुलिस ने उन्हें पूछताछ के लिए समन किया। वो नहीं पहुंचे। कुणाल कामरा को पहले मद्रास हाई कोर्ट से राहत मिली। फिर उन्होंने बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की, जहां से उन्हें गिरफ्तारी से छूट मिली।
फडणवीस ने की शरद पवार की तारीफ
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री फडणवीस ने महाराष्ट्र के वरिष्ठ नेता शरद पवार की तारीफ की। उन्होंने कहा कि इस उम्र में भी शरद पवार काम कर रहे हैं। इस उम्र में वे कभी हार और जीत की परवाह नहीं करते। बस वे अपने काम में लगे रहे हैं।
72 घंटे के कार्यकाल को कभी नहीं भूलूंगा- फडणवीस
गुरुवार को दूसरे कार्यक्रम में मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि वह 2019 में मुख्यमंत्री के रूप में अपने 72 घंटे के कार्यकाल को कभी नहीं भूलेंगे। हालांकि वह सरकार तीन दिन ही चली थी।
लाडकी बहिन योजना के लिए अन्य विभागों से धनराशि नहीं ली
मुख्यमंत्री फडणवीस ने दावा किया कि ‘लाडकी बहिन’ योजना में पैसे देने के लिए किसी अन्य विभाग से कोई धनराशि नहीं ली है और जो लोग बजट को नहीं समझते, वे निराधार दावे कर रहे हैं। योजना के लिए धनराशि जनजातीय मामलों और सामाजिक न्याय विभागों के माध्यम से वितरित की गई और यह बजटीय नियमों के अनुसार था। इस योजना के तहत पात्र गरीब महिलाओं को 1,500 रुपये मासिक मिलते हैं।