कुलगाम में जो हुआ नहीं होना चाहिए था… इम्तियाज की मौत पर जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला क्या बोले

श्रीनगर

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने पहलगाम हमले की जांच के बीच बड़ा बयान दिया है। मंगलवार को अब्दुल्ला ने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के हमलावरों का पता लगाने के लिए चल रही कार्रवाई को कश्मीर के लोगों पर कार्रवाई के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। अब्दुल्ला ने कहा कि पहलगाम हमले के लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की जानी चाहिए। इस प्रक्रिया में किसी भी निर्दोष व्यक्ति को निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए। अब्दुल्ला ने कहा कि ऐसा नहीं लगना चाहिए कि मौजूदा कार्रवाई कश्मीर के सभी लोगों पर है। अब्दुल्ला से पहले पीडीपी चीफ और पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने कहा था कि कश्मीरियों को परेशान किया जाए। जम्मू कश्मीर पुलिस और सेना बैसरन वैली के हमलावरों की खोजबीन के बीच सर्च अभियान चला रहे हैं।

सावधानी से जांच की सलाह
अब्दुल्ला ने कहा कि उन्होंने सुरक्षा एजेंसियों को बहुत सावधानी और लगन से काम करने के लिए आगाह किया। मुख्यमंत्री ने कुलगाम की घटना की भी निंदा की। इसमें 23 साल के युवक इम्तियाज अहमद ने तलाशी अभियान के दौरान भागने की कोशिश में कथित तौर पर एक नाले में छलांग लगा दी थी। इम्तियाज की डूबने से मौत हो गई थी। पुलिस ने युवक पर ओवरग्राउंड वर्कर होने का आरोप लगाया है। हालांकि परिवार ने इसका खंडन किया और दावा किया कि पीड़ित एक मजदूर था जिसका आतंकवादियों से कोई संबंध नहीं था। अब्दुल्ला ने कहा कि कुलगाम में जो हुआ, वह नहीं होना चाहिए था, लेकिन केवल कुलगाम ही नहीं, कश्मीर में अलग-अलग जगहों से गिरफ्तार किए जाने की सूचनाएं आ रही हैं।

90 लोगों के खिलाफ FIR
अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग और खास तौर पर कश्मीर के लोग पहली बार पहलगाम हमले के खिलाफ सड़कों पर उतरे और अपना गुस्सा दिखाया। उन्हें यह संदेश नहीं दिया जाना चाहिए कि उन्हें सज़ा दी जा रही है। अब्दुल्ला ने कहा। जम्मू-कश्मीर पुलिस के आंकड़ों के अनुसार कश्मीर में 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद से 90 स्थानीय लोगों पर पब्लिक सेफ्टी एक्ट (PSA) के तहत मामला दर्ज किया गया है और लगभग 2800 लोगों से पूछताछ की गई है या उन्हें हिरासत में लिया गया है। हमले में 26 नागरिक मारे गए, जिनमें ज़्यादातर पर्यटक थे। केंद्र सरकार ने पहलगाम आतंकी हमले की जांच एनआईए को सौंपी है। एनआईए ने 27 अप्रैल को जांच हाथ में ली थी।

हमारे व्हाट्सप्प ग्रुप से जुड़े 👉👉

Join Now

Latest Stories