7.1 C
London
Sunday, November 9, 2025
HomeUncategorized19 दिन में ही यू-टर्न, सस्ता हुआ कच्चा तेल तो सरकार ने...

19 दिन में ही यू-टर्न, सस्ता हुआ कच्चा तेल तो सरकार ने हटाया विंडफॉल टैक्स

Published on

नई दिल्ली,

कच्चे तेल की वैश्विक कीमतों में आई कमी को देखते हुए सरकार ने पेट्रोलयिम उत्पादों के निर्यात पर हाल ही में लगाए गए टैक्स को घटा दिया है. सरकार ने महज तीन सप्ताह पहले डीजल (Diesel), पेट्रोल (Petrol) और विमानन ईंधन (ATF) के निर्यात पर विंडफॉल टैक्स लगाया था. सरकार के इस फैसले से पेट्रोलियम उत्पादों की सबसे बड़ी भारतीय निर्यातक कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) समेत ओएनजीसी (ONGC) जैसी सरकारी तेल कंपनियों को भी फायदा होने वाला है.

इतना लग रहा था निर्यात पर टैक्स
सरकार ने कच्चे तेल के भाव में जारी तेजी को देखते हुए तीन सप्ताह पहले पेट्रोल, डीजल और विमानन ईंधन पर निर्यात शुल्क बढ़ाने का फैसला किया था. सरकार ने यह फैसला ऐसे समय लिया था, जब घरेलू रिफाइनरी कंपनियां डीजल, पेट्रोल और एटीएफ का निर्यात कर मोटा मुनाफा कमा रही थीं. सरकार ने पेट्रोल और एटीएफ के निर्यात पर 6 रुपये प्रति लीटर शुल्क बढ़ाया था. इसी तरह डीजल के निर्यात पर शुल्क को 13 रुपये प्रति लीटर बढ़ाया गया था. इनके अलावा सरकार ने एक अलग नोटिफिकेशन में बताया था कि घरेलू क्रूड ऑयल पर 23,230 रुपये प्रति टन का अतिरिक्त टैक्स लगाने का भी निर्णय लिया गया है.

अब इतना कम हो गया टैक्स
सरकार के एक ताजा नोटिफिकेशन के अनुसार, डीजल और विमानन ईंधन पर विंडफॉल टैक्स को 2 रुपये प्रति लीटर कम किया गया है. वहीं पेट्रोल के मामले में 6 रुपये प्रति लीटर की दर से लग रहे विंडफॉल टैक्स को पूरी तरह से हटा दिया गया है. इनके अलावा घरेलू स्तर पर उत्पादित हो रहे कच्चे तेल के निर्यात पर टैक्स को करीब 27 फीसदी घटाकर अब 17 हजार रुपये प्रति टन कर दिया गया है. ब्लूमबर्ग ने सबसे पहले पिछले सप्ताह गुरुवार को बताया था कि भारत सरकात हाल ही में लगाए गए विंडफॉल टैक्स को कम करने पर विचार कर रही है.

शेयर बाजार पर होगा ये असर
केंद्र सरकार ने पेट्रोलियम उत्पादों पर 01 जुलाई से विंडफॉल टैक्स लगाने का ऐलान किया था. रिफाइनरी कंपनियों को हो रहे मोटे मुनाफे में हिस्सा पाने के लिए तब कई देश इस तरह का विंडफॉल टैक्स लगा रहे थे. हालांकि उसके बाद से कच्चे तेल की वैश्विक कीमतों में नरमी आई है. इस कारण कच्चा तेल का उत्पादन करने वाली व रिफाइनरी कंपनियों को हो रहा लाभ कम हुआ था. अब टैक्स कम होने से ऐसी कंपनियों को राहत मिलेगी. इन कंपनियों के शेयरों में इस कारण आज तेजी देखने को मिल सकती है.

इस कंपनी को होगा सबसे ज्यादा लाभ
यूक्रेन पर फरवरी में रूस के हमले के बाद कच्चा तेल की कीमतों में रिकॉर्ड तेजी देखने को मिली थी. हालांकि बाद में दुनिया भर में आर्थिक मंदी की आशंका गहराने से कच्चे तेल पर असर हुआ और इनकी कीमतें जून महीने के दूसरे सप्ताह के बाद से नरम होने लग गईं. इससे घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चा तेल को अन्य देशों में बेचने से हो रहा फायदा भी सीमित हो गया. वहीं घरेलू रिफाइनरी में तैयार पेट्रोलियम उत्पादों का निर्यात करने वाली कंपनियों का मुनाफा भी प्रभावित हुआ. आंकड़ों के अनुसार, भारत की एकमात्र प्राइवेट रिफाइनरी Nayra Energy Ltd अकेले भारत के पेट्रोल-डीजल निर्यात में 80-85 फीसदी का योगदान देती है. इस कंपनी में रिलायंस इंडस्ट्रीज और रोसनेफ्ट की हिस्सेदारी है.

Latest articles

भेल ऑफिसस क्लब में ओपन टेनिस टूर्नामेंट का आयोजन

भोपाल,बीएचईएल, भोपाल के ऑफिसर्स क्‍लब में दिनांक 13 से 16 नवम्‍बर, 2025 तक शीतकालीन...

बीएचईएल को एनटीपीस से मिला 6,650 करोड़ का बड़ा ऑर्डर

भोपाल।भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड को नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड से ओडिशा में दर्लिपाली...

More like this

खजुराहो से दिल्ली और बनारस के लिए इंडिगो की सीधी फ्लाइट शुरू

भोपाल ।अब खजुराहो से दिल्ली और बनारस के लिए सीधी हवाई सेवा शुरू हो...

बीएचईएल हरिद्वार में “सतर्कता हमारी साझा जिम्मेदारी” विषय पर कार्यक्रम

भेल हरिद्वार ।(बीएचईएल हरिद्वार में सतर्कता जागरूकता सप्ताह का शुभारम्भ)हरिद्वार, 27 अक्टूबर: सार्वजनिक जीवन...