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Saturday, September 13, 2025
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इनरवियर अपने हाथ में लो और बाहर निकलो… केरल में NEET एग्जाम देने वाली पीड़िता ने सुनाई आपबीती

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कोल्लम

केरल के कोल्लम में रविवार को NEET मेडिकल प्रवेश परीक्षा के दौरान छात्राओं के ईनरवियर उतरवाने के मामले पर विवाद बढ़ता जा रहा है। एक पीड़ित छात्रा ने उस अपमानजनक स्थिति को याद करते हुए बताया कि उसे अपना सीना ढंकने के लिए बाल आगे करने पड़ने। न्यूज चैनल एनडीटीवी से बात करते हुए 17 साल की छात्रा का कई बार गला भर आया। उसने कहा कि यह उसके जीवन का सबसे बुरा अनुभव था।

छात्रा ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा, ‘उन्होंने मुझे स्कैनिंग के लिए बुलाया। हमें लगा कि स्कैनिंग के बाद वह हमें परीक्षा में बैठने की इजाजत देंगे। लेकिन उन्होंने हमें दो अलग-अलग पंक्ति में खड़ा दिया। एक लाइन में बिना मेटल हुक वाली इनरवियर (ब्रा) पहने लड़कियां थीं जबकि दूसरी लाइन में मेटल हुक वाली।’

‘इनरवियर उतारकर मेज मेंं रखने को कहा’
पीड़ित छात्रा ने अपनी आपबीती सुनाते हुए कहा, ‘उन्होंने मुझसे पूछा, क्या आपने मेटल हुक इनरवियर पहना है? मेरे हां कहने उन्होंने मुझे अलग लाइन में खड़ा कर दिया।’ लड़की ने कहा कि उसे समझ नहीं आया कि क्या हो रहा है। ‘इसके बाद बाद उन्होंने मुझे इनरवियर उतारकर मेज पर रखने को कहा। सारी इनरवियर एक साथ रखी गई थीं। हमें ये तक नहीं पता था कि हमें ये वापस मिलेंगी भी या नहीं। हम जब एग्जाम देकर लौटे तो बहुत भीड़ थी। धक्का-मुक्की हुई लेकिन मुझे अपनी इनरवियर वापस मिल गई।’

‘बालों से सीना ढंकने को मजबूर होना पड़ा’
कुछ लड़कियां इस शर्मनाक वाकये के चलते रो रही थीं। सुरक्षाकर्मियों ने खलबली मचाते हुए लड़कियों को अपनी इनरवियर उठाकर आगे बढ़ने को कहा। एनडीटीवी से बात करते हुए पीड़िता ने आरोप लगाया, ‘उन्होंने हमसे अपनी इनरवियर हाथ में लेकर वहां से जाने को कहा, उन्होंने कहा कि इसे यहां पहनने की जरूरत नहीं है। हम यह सुनकर हम बहुत शर्मिंदा हुए। यह बहुत भयानक अनुभव था। जब हम एग्जाम हॉल में लिख रहे थे तब हमने अपने बालों से सीना ढका। वहां लड़के-लड़कियां दोनों थे। यह बहुत ही कठिन और असहज स्थिति थी।’

‘इनरवियर फ्यूचर से ज्यादा जरूरी है क्या?’
यह खबर तब सामने आई जब एग्जाम देने गई एक स्टूडेंट के पिता ने शिकायत दर्ज कराई। पहली बार नीट परीक्षा देने आई 17 वर्षीय एक छात्रा के पिता के मुताबिक उनकी बेटी अब तक उस भयावह अनुभव को नहीं भूल पाई है जब उसे तीन घंटे से अधिक समय तक इनरवियर के बिना बैठने के लिए मजबूर होना पड़ा। पीड़िता के पिता ने अपनी शिकायत में कहा, ‘ मेरी बेटी से कहा गया कि आपका भविष्य आपके लिए मायने रखता है या फिर इनरवियर, इसे हटाइए और हमारा समय मत बर्बाद कीजिए।’

एनडीए ने छात्रा के आरोपों को कहा फर्जी
इस मामले में खिलाफ दक्षिणी केरल में हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए। वहीं राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) ने कहा कि छात्रा की ओर पुलिस को दी गई शिकायत में उसकी ओर से लगाया गया आरोप ‘फर्जी’ है। एनटीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘हमें कोई शिकायत या प्रतिवेदन नहीं मिला है। मीडिया की खबरों में किये गए दावों के आधार पर, केंद्र अधीक्षक और पर्यवेक्षक से तत्काल रिपोर्ट मांगी गई है। उन्होंने सूचित किया है कि ऐसी कोई घटना नहीं हुई है और शिकायत फर्जी और गलत इरादे से दायर की गई है।’

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