25.3 C
London
Friday, July 4, 2025
Homeराज्यहर चुनाव से पहले हो जाता है नीतीश का सियासी ब्रेकअप! बदल...

हर चुनाव से पहले हो जाता है नीतीश का सियासी ब्रेकअप! बदल जाते हैं साझेदार

Published on

पटना,

बिहार में नवंबर 2020 में विधानसभा चुनाव हुए थे. नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनी. लेकिन अब 21 महीने के बाद बिहार में सियासी तौर पर एक फिर सब कुछ ठीक नहीं है. चर्चा है कि नीतीश कुमार की जदयू और बीजेपी का गठबंधन टूट सकता है. इतना ही नहीं नीतीश कुमार आरजेडी, लेफ्ट और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बना सकते हैं. इसके लिए विकल्प भी तलाशे जा रहे हैं. विपक्षी पार्टियों के खेमे में बैठकों का दौर भी शुरू हो गया है. नीतीश कुमार एनडीए में बीजेपी के पुराने सहयोगी रहे हैं. 2020 में वे पहली बार बीजेपी के साथ गठबंधन में सीएम बने थे. हालांकि, बहुमत न होने के चलते उन्हें सिर्फ 7 दिन में इस्तीफा देना पड़ा था. इन 22 साल में 2 नीतीश कुमार दो बार बीजेपी के नाता तोड़ चुके हैं. खास बात ये है कि पिछली बार नीतीश कुमार 2014 में लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी से अलग हुए थे. अब एक बार फिर 2024 लोकसभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार ये कदम उठाने जा रहे हैं.

बिहार विधानसभा का नंबर गेम
बिहार विधानसभा में कुल 243 सीटें हैं. इनमें एक सीट खाली है. अभी आरजेडी के पास सबसे ज्यादा 79 विधायक हैं. वहीं, बीजेपी के पास 77, जदयू के पास 45, कांग्रेस के पास 19, लेफ्ट के पास 16 विधायक हैं. जदयू राज्य की तीसरी बड़ी पार्टी है. 2020 में कम सीटों के बावजूद बीजेपी ने नीतीश कुमार को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया था. लेकिन अब चर्चा है कि नीतीश कुमार बीजेपी के साथ गठबंधन तोड़कर आरजेडी, कांग्रेस और लेफ्ट के साथ मिलकर सरकार बना सकते हैं. अगर ऐसा होता है, तो महागठबंधन के पास आसानी से बहुमत होगा. वहीं, बीजेपी विपक्ष में होगी.

कब-कब नीतीश कुमार ने छोड़ा बीजेपी का साथ?
यह पहला मौका नहीं है, जब नीतीश कुमार इस तरह का बड़ा कदम उठाने का संकेत दे रहे हैं. इससे पहले नीतीश कुमार ने 2014 लोकसभा चुनाव से पहले नरेंद्र मोदी को एनडीए का पीएम उम्मीदवार घोषित किए जाने के विरोध में बीजेपी से नाता तोड़ लिया. इसके बाद लोकसभा चुनाव में जदयू का प्रदर्शन बेहद निराशजनक रहा, पार्टी सिर्फ 2 सीटें जीत पाई. नीतीश कुमार ने पार्टी के निराशजनक प्रदर्शन की जिम्मेदारी लेते हुए सीएम पद से इस्तीफा दे दिया. इसके बाद जीतन राम मांझी राज्य के सीएम बने.

2 साल बाद फिर बीजेपी के साथ आए नीतीश कुमार
इसके बाद बीजेपी और पीएम मोदी के खिलाफ बिहार में महागठबंधन बना. इसमें जदयू, कांग्रेस, आरजेडी समेत तमाम पार्टियां शामिल हुईं. महागठबंधन को बहुमत मिला. लेकिन ये गठबंधन दो साल भी नहीं चला. नीतीश कुमार ने आखिर में नैतिकता का हवाला देकर 2017 में सीएम पद से इस्तीफा दे दिया.

इसके बाद नीतीश कुमार बीजेपी के साथ गठबंधन कर सीएम बने. नीतीश कुमार ने अपना कार्यकाल पूरा किया. 2020 में नीतीश कुमार ने बीजेपी के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा. चुनाव में बीजेपी को 77 और जदयू को 45 सीटें मिलीं. इसके बावजूद बीजेपी ने नीतीश कुमार को सीएम बनाया. लेकिन अब एक बार फिर चर्चा है कि नीतीश कुमार बीजेपी से अलग हो सकते हैं.

लोकसभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार का होता है मोहभंग
– 2014 लोकसभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार बीजेपी से अलग होकर महागठबंधन में शामिल हुए.
– 2019 लोकसभा से डेढ़ साल पहले यानी 2017 में नीतीश कुमार महागठबंधन से अलग होकर बीजेपी में शामिल हुए.
– अब जब पार्टियां 2024 की तैयारियों में जुट गई हैं, तो नीताश कुमार ने एक बार फिर बीजेपी से अलग होने का मन बना लिया है.

22 साल में 7 बार सीएम बने नीतीश कुमार, 6 बार बीजेपी रही साथ
– नीतीश कुमार साल 2000 में सबसे पहले सीएम बने थे. तब जदयू और बीजेपी गठबंधन को 151 सीटें मिली थीं. हालांकि, 324 सीटों वाले राज्य में बहुमत के लिए 163 सीटें चाहिए थीं. नीतीश कुमार को समझ आ गया था कि वे बहुमत साबित नहीं कर पाएंगे. ऐसे में उन्होंने इस्तीफा दे दिया. वे तब 7 दिन सीएम रहे थे.

– 2005 में की सत्ता में वापसी- नीतीश कुमार ने 2005 में सत्ता में वापसी की. वे बीजेपी के साथ गठबंधन में बहुमत हासिल करने में सफल रहे. उन्होंने 2010 तक अपना कार्यकाल पूरा किया.

– 2010 में नीतीश कुमार पर जनता ने एक बार फिर भरोसा किया. उन्होंने तीसरी बार सीएम पद की शपथ ली.

– 2014 में नीतीश कुमार ने लोकसभा में पार्टी के बुरे प्रदर्शन की जिम्मेदारी लेते हुए सीएम पद से इस्तीफा दे दिया.

– NDA से अलग होने और 2014 के लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद नीतीश कुमार ने CM पद से इस्तीफा देकर जीतन राम मांझी को बिहार का मुख्यमंत्री बनाया था. फरवरी 2015 को नीतीश कुमार से नाराज जीतन राम मांझी ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. बाद में JDU छोड़ उन्होंने हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) नाम से अपनी पार्टी बनाई. उसके बाद जीतन राम मांझी NDA में चले गए थे. बाद में NDA छोड़कर महागठबंधन में शामिल हुए, लेकिन ज्यादा तरजीह मिलता देख फिर से NDA में शामिल हो गए थे.

– 2015 में विधानसभा चुनाव हुआ तो नीतीश कुमार महागठबंधन के साथ चुनाव लड़े. नीतीश कुमार के नेतृत्व में महागठबंधन को बहुमत मिला. नीतीश कुमार सीएम बने.

– 2017 में नीतीश कुमार ने नैतिकता का हवाला देकर महागठबंधन सरकार से इस्तीफा दे दिया. नीतीश कुमार ने इसके बाद बीजेपी के साथ आकर सरकार बनाई. नीतीश 6वीं बार सीएम बने.

– 2020 में विधानसभा चुनाव हुए. जदयू और बीजेपी ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा. एनडीए की सरकार बनी. हालांकि, जदयू 45 सीटों पर सिमट गई. इसके बावजूद नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में एनडीए सरकार बनी.

साल 2000 से जदयू का प्रदर्शन
विधानसभा चुनाव सीटें जीतीं
2000 21
2005 (अक्टूबर) 88
2010 115
2015 71
2020 43

 

Latest articles

India vs Bangladesh: रोहित-विराट के फैंस को लगा झटका भारत का बांग्लादेश दौरा रद्द, जानें क्या है पूरा मामला

India vs Bangladesh: टीम इंडिया इस समय इंग्लैंड के दौरे पर है, जहाँ दोनों टीमों...

Obesity Causes And Solutions: मोटापा घटाने के लिए PM मोदी की सलाह अब ‘ईट राइट मूवमेंट’ से घटेगा वज़न, जानें आसान तरीक़े

Obesity Causes And Solutions: दुनियाभर में लोग मोटापे की समस्या से परेशान हैं. यह...

America Sanctions on Iran:8000 करोड़ के तेल व्यापार पर प्रतिबंध, हिजबुल्लाह से कनेक्शन

America Sanctions on Iran: अमेरिका ने एक बार फिर ईरान के लगभग एक अरब...

More like this

MP Weather Update:MP में अगले 4 दिन भारी बारिश का अलर्ट आज 4 ज़िलों में बहुत तेज वर्षा की चेतावनी

MP Weather Update: मध्य प्रदेश में भारी बारिश का सिलसिला लगातार जारी है. बुधवार...

MP Laptop Yojana: एमपी बोर्ड 12वीं के छात्रों के लिए खुशखबरी 4 जुलाई को CM मोहन यादव देंगे लैपटॉप के ₹25000

MP Laptop Yojana: मध्य प्रदेश बोर्ड के 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए एक...