14.4 C
London
Monday, September 15, 2025
Homeराष्ट्रीयपहले सैनिकों का इलाज करवाया, फिर मार डाला, गलवान में चीन ने...

पहले सैनिकों का इलाज करवाया, फिर मार डाला, गलवान में चीन ने भारतीय डॉक्टर से की थी दरिंदगी

Published on

नई दिल्ली

पूर्वी लद्दाख सेक्टर की गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई खूनी झड़प को दो साल से ज्यादा का वक्त हो चुका है। झड़प में अपने मारे गए सैनिकों की सही संख्या को दुनिया से छिपाने वाले चीन की एक और शर्मनाक करतूत का खुलासा हुआ है। अपने घायल सैनिकों के इलाज के लिए चीन ने भारतीय सेना के डॉक्टर का अपहरण किया और काम हो जाने के बाद डॉक्टर की हत्या कर दी। एक नई किताब में ये सनसनीखेज दावा हुआ है।

दो पत्रकारों की लिखी किताब ‘इंडियाज मोस्ट फियरलेस 3 : न्यू मिलिटरी स्टोरीज ऑफ अनइमैजिनेबल करेज ऐंड सेक्रिफाइस’ में जून 2020 की उस रात को क्या-क्या हुआ था, उसके बारे में विस्तार से बताया गया है। शिव अरूर और राहुल सिंह की लिखी किताब में ये भी बताया गया है कि किस तरह से इंडियन आर्मी के एक कॉक्टर ने कई जख्मी चीनी सैनिकों की जान बचाई और किस तरह धूर्त चीन ने उसी डॉक्टर की बर्बरता से हत्या कर दी।

15 जून 2020 की रात को गलवान घाटी में हुई झड़प में एक कर्नल समेत भारतीय सेना के 20 जांबाजों ने सर्वोच्च बलिदान दिया था। चीन ने बताया कि झड़प में उसके सिर्फ 4 सैनिक मारे गए लेकिन नई किताब तथ्यों के आधार पर उसके इस झूठे दावे की धज्जियां उड़ाती है। किताब बताती है कि चीन ने किस तरह अपने नुकसान को छिपाने के लिए बड़े पैमाने पर दुष्प्रचार का सहारा लिया।पेंग्विन रैंडम हाउस इंडिया की तरफ से प्रकाशित ये किताब इस स्वतंत्रता दिवस को रिलीज होने वाली है।

गलवान घाटी में चीन ने अपने ही जख्मी सैनिकों को उनके हाल पर छोड़ दिया था। तब भारतीय डॉक्टर नायक दीपक सिंह ने न सिर्फ जख्मी भारतीय सैनिकों बल्कि कई चीनी सैनिकों की जान बचाई। करीब 30 से ज्यादा भारतीय सैनिकों की जान बचाने के लिए उन्हें मरणोपरांत युद्धकाल के दूसरे सर्वोच्च सम्मान वीर चक्र से नवाजा गया। हालांकि, यह बात अबतक सामने नहीं आई थी कि दीपक सिंह ने कई जख्मी दुश्मनों की भी जान बचाई थी।

किताब में भारतीय सेना के कर्नल रवि कांत के हवाले से बताया गया है, ‘दीपक ने कितने भारतीय सैनिकों को बचाया, इसका हमारे पास आंकड़ा है। लेकिन उन्होंने उस रात चीन के कितने सैनिकों की जान बचाई, इसका आंकड़ा हमारे पास नहीं है। हम इतना जरूर कह सकते हैं कि उस रात कई जख्मी चीनी सैनिक अगर जिंदा रह पाए तो ये नायक दीपक सिंह की मेहरबानी थी। उन्हें उनकी ही सेना ने उनके हाल पर छोड़ दिया था लेकिन सिंह ने उनके जख्मों का इलाज किया। हमें देश की रक्षा के लिए जान लेने की ट्रेनिंग मिली हुई है लेकिन जिंदगी बचाने से बड़ा आखिर क्या हो सकता है?’

कर्नल रविकांत तब पीएलए से लोहा लेने वाली 16 बिहार बटालियन के सेकंड-इन-कमांड थे। कर्नल बी. संतोष बाबू के सर्वोच्च बलिदान के बाद उन्होंने बटालियन के कमांडिंग ऑफिसर की जिम्मेदारी संभाली। किताब में बताया गया है कि नायक दीपक जख्मी चीनी सैनिकों का इलाज कर रहे थे, तभी अचानक ऊपर पहाड़ से एक चट्टान उनके ठीक बगल में गिरा। उसका एक टुकड़ा उनके ललाट पर लगा और वह गिर गए। तब एक इंडियन मेजर ने गुस्से में लाल होकर चीनियों को चेतावनी दी कि वे उस डॉक्टर को निशाना बना रहे हैं जो PLA के जख्मी जवानों का इलाज कर रहा है।

खुद जख्मी होने के बावजूद नायक दीपक ने घायल सैनिकों का इलाज करना बंद नहीं किया। उसी दौरान चीनी सैनिकों ने दीपक को बंधक बना लिया। चीनियों ने उनका अपहरण करके अपने बाकी घायल सैनिकों का इलाज करवाया। अपने ही जख्मी सैनिकों को उनके हाल पर छोड़ देने वाले चीन की कायरता तो देखिए। भारतीय डॉक्टर का अपहरण करके उसने अपने बाकी जख्मी सैनिकों का भी इलाज करवाया लेकिन इलाज हो जाने के बाद उसने डॉक्टर की हत्या कर दी।

26 जनवरी 2021 को नायक दीपक सिंह को मरणोपरांत वीर चक्र से नवाजा गया। उनकी पत्नी रेखा ने मई 2022 में चेन्नै स्थित ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकैडमी को जॉइन किया है। वह 2023 में बतौर लेफ्टिनेंट इंडियन आर्मी का हिस्सा बनेंगे। रेखा चाहती हैं कि वह कम से कम एक बार गलवान घाटी जरूर जाएं जहां उनके पति ने न सिर्फ अपने साथियों बल्कि दुश्मनों को भी अपने इलाज से जीवनदान दिया था।

गलवान घाटी की झड़प में शामिल अफसरों और जवानों के हवाले से किताब में भारतीयों के शौर्य को विस्तार से बताया गया है। उस रात भारत की तरफ से करीब 400 सैनिक थे तो चीन की तरफ से इसके करीब तीन गुना। लेकिन भारतीयों के शौर्य से दुश्मन खेमे में खलबली मच गई। पीएलए में भगदड़ मच गई। गलवान घाटी चीनी सैनिकों की लाशों से पट गई। हवलदार धर्मवीर के हवाले से किताब में बताया गया है, ‘जब हम 16 जून की सुबह इलाके में इकट्ठे हुए तब आस-पास कई चीनी सैनिकों की लाशें पड़ी हुई थीं। हमें आदेश था कि हम चीनियों के शवों को न छुए क्योंकि पीएलए बाद में अपने मारे गए सैनिकों की लाशें ले जाती।’

Latest articles

गोविंदपुरा विधानसभा के बरखेड़ा पठानी मे पांच परिवारों के मकान ढहाए

भेल भोपाल।गोविंदपुरा विधानसभा के वार्ड 56 में बीते दिनों हुई भारी बारिश के बीच...

बीएचईएल सेवानिवृत्त सुपरवाइजर को साइबर धोखेबाजों ने लगाया 68 लाख का चूना

भोपाल।वर्षीय सेवानिवृत्त बीएचईएल सुपरवाइजर दो महीने तक चले "डिजिटल गिरफ्तारी" घोटाले का शिकार हो...

बीएचईएल को भारतीय रेलवे को कवच प्रणाली की आपूर्ति के लिए 23 करोड़ रुपये का मिला ऑर्डर

भेल भोपाल।सार्वजनिक क्षेत्र की इंजीनियरिंग कंपनी भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स को भारतीय रेलवे (दक्षिण पश्चिम...

बीएचईएल में “उद्योग में हरित ऊर्जा का उपयोग” पर प्रशिक्षण एवं जागरूकता कार्यक्रम आयोजित

भेल भोपाल।बीएचईएल भोपाल में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से “उद्योग में हरित ऊर्जा के...

More like this

नेपाल की पहली महिला अंतरिम प्रधानमंत्री बनीं सुशीला कार्की

काठमांडू।नेपाल ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए सुशीला कार्की को देश की पहली...

Vaishno Devi latest Update: भूस्खलन के कारण यात्रा 5 सितंबर को भी बंद, जानें कब होगी दोबारा शुरू

Vaishno Devi latest Update: वैष्णो देवी के भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण खबर है....

पटरियों पर दौड़ेगी हाइड्रोजन फ्यूल वाली ट्रेन, बीएचईएल ने सिंगापुर की कंपनी से किया समझौता

नई दिल्ली।आने वाले समय में भारत की पटरियों पर हाइड्रोजन फ्यूल वाली ट्रेनें दौड़ती...