नई दिल्ली
भारतीय फुटबॉलमें इन दिनों सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। मैदान के भीतर तो वैसे भी अपनी फुटबॉल टीम वर्ल्ड लेवल से काफी पीछे है, लेकिन देश के फुटबॉल को चलानी वाली संस्थाओं में भी गड़बड़झाला जारी है। लंबे समय तक भारतीय फुटबॉल महासंघ के अध्यक्ष रहे एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल पर गंभीर आरोप लगे हैं। ऐसे आरोप जो किसी भी भारतीय नागरिक को अपने ही देश के खिलाफ काम करने वाला बताते हैं।
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार प्रफुल्ल पटेल ने विश्व फुटबॉल को चलाने वाली संस्था फीफा और एशियाई फ़ुटबॉल परिसंघ (AFC) से भारत पर प्रतिबंध लगाने की धमकी दिलवाई है। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त प्रशासकों की एक समिति (CoA) ने बुधवार को एक अवमानना याचिका दायर की। फीफा ने अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ को पांच अगस्त को भेजे गए पत्र में भारत पर प्रतिबंध लगाने की धमकी दी थी। उसने यह लेटर सुप्रीम कोर्ट के फुटबॉल महासंघ के चुनाव करवाने के निर्देश दिए जाने के बाद भेजा था।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, 2004 में कांग्रेस की सरकार में नागरिक उड्डयन मंत्री रहे प्रफुल्ल पटेल को 2009 में ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन (AIFF) का अध्यक्ष बनाया गया था। 2022 में जब तक सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें पद से हटा नहीं दिया तब तक वे अध्यक्ष बने रहे। भारत के स्पोर्ट्स कोड के अनुसार कोई भी व्यक्ति 3 बार से ज्यादा अध्यक्ष नहीं बन सकता। अब खुद को अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद पटेल ने एक याचिका दायर करके मांग भी की कि जब तक नए संविधान को स्वीकार नहीं कर लिया जाता और नए अध्यक्ष को नहीं चुना जाता तब तक उनके कार्यकाल को बढ़ा दिया जाए, लेकिन कोर्ट ने उनकी मांग को ठुकराते हुए, फुटबॉल के कामकाज को देखने के लिए एक कमेटी ऑफ एडमिनिस्ट्रेटर्स (CoA) का गठन कर दिया।
कमेटी ऑफ एडमिनिस्ट्रेटर्स (CoA) में कौन-कौन हैं?
सुप्रीम कोर्ट के ही पूर्व जज एआर दबे इस कमेटी के मुखिया बनाए गए, इसके अलावा पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी और भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान भास्कर गांगुली भी इसमें शामिल हैं। CoA ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि प्रफुल्ल पटेल को फीफा और शियाई फ़ुटबॉल परिसंघ (AFC) में उनके हर पद से हटाने की अनुशंसा की है।
भारतीय फुटबॉल पर बैन लगा तो क्या होगा?
इसी साल अक्टूबर में भारत को फुटबॉल में अंडर-17 महिला विश्व कप की मेजबानी करना है। अगर भारतीय फुटबॉल संघ में जल्द ही कोई अध्यक्ष नहीं बना या समय पर चुनाव नहीं हुए तो FIFA प्रतिबंध भी लगा सकता है। भारत पर बैन का मतलब, देश में फुटबॉल पर पूरी तरह रोक। अगर प्रतिबंध लगे तो भारत मेजबानी नहीं कर पाएगा। अगले साल AFC एशियन कप भी होना है। बैन लगा तो भारत किसी टूर्नामेंट में शिरकत नहीं कर पाएगा। कोई विदेशी खिलाड़ी ISL जैसे घरेलू टूर्नामेंट में खेलने भारत नहीं आ पाएगा।
अगर प्रफुल्ल पटेल का साथ दिया तो अंजाम भुगतना होगा
अब प्रफुल्ल पटेल राज्य फुटबॉल संघों के साथ मिलकर CoA को परेशान करने की कोशिश में लगे हैं। अदालत की कार्यवाही में हस्तक्षेप कर रहे हैं। हाईकोर्ट ने गुरुवार को राज्य फुटबाल संघों को साफ-साफ चेतावनी दे दी है। माननीय न्यायालय ने कहा कि अगर राज्य संघ, अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल की बैठकों में भाग लेते हैं तो कोर्ट भी अपनी कार्यवाही करेगा। शीर्ष अदालत ने कहा कि यदि भारत में होने वाले फीफा अंडर-17 महिला विश्व कप की मेजबानी में रोड़ा डाला गया तो फिर वह हस्तक्षेप करेगा।