24.9 C
London
Tuesday, July 1, 2025
Homeकॉर्पोरेटटैक्सपेयर्स को लग सकता है तगड़ा झटका, खत्म होगी टैक्स में छूट!...

टैक्सपेयर्स को लग सकता है तगड़ा झटका, खत्म होगी टैक्स में छूट! बड़े बदलाव की तैयारी में सरकार

Published on

नई दिल्ली

टैक्सपेयर्स को जोर का झटका लग सकता है। केंद्र सरकार पुरानी इनकम टैक्स व्यवस्था को खत्म कर सकती है। इसके साथ ही टैक्सपेयर्स को इनकम टैक्स में मिलने वाली छूट भी बंद हो जाएगी। अभी टैक्सपेयर्स के पास पुरानी और नई टैक्स व्यवस्था में से किसी एक को चुनने का अधिकार है। लेकिन सूत्रों के मुताबिक सरकार पर्सनल इनकम टैक्स में एक ही स्कीम चाहती है। इसके लिए नई टैक्स व्यवस्था में टैक्स की दर को कम किया जा सकता है। पुरानी टैक्स व्यवस्था बेहद जटिल है और इससे कई तरह के विवाद पैदा होते हैं। जानकारों का कहना है कि सरकार इनकम टैक्स व्यवस्था को आसान बनाना चाहती है और साथ ही मुकदमेबाजी में कटौती करना चाहती है।

केंद्रीय बजट 2020-21 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नई टैक्स व्यवस्था की घोषणा की थी। इसमें छूट और कटौती के बिना टैक्स की दरें कम कर दी गई थीं। इंडिविजुअल टैक्सपेयर्स को नई और पुरानी इनकम टैक्स व्यवस्था में से कोई एक चुनने को विकल्प दिया गया था। लेकिन टैक्सपेयर्स ने नई व्यवस्था में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई। 2021-22 एसेसमेंट ईयर के लिए 5.89 करोड़ टैक्सपेयर्स ने रिटर्न दाखिल किया है लेकिन इसमें पांच फीसदी से भी कम टैक्सपेयर्स ने नई टैक्स व्यवस्था के तहत इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल किया था। यही वजह है कि सरकार इसे आकर्षक बनाने के लिए इसमें टैक्स रेट्स में कमी पर विचार कर रही है।

नई व्यवस्था से बेरुखी
मिंट ने अधिकारियों के हवाले बताया कि वित्त मंत्रालय नई इनकम टैक्स व्यवस्था को लोकप्रिय बनाने के लिए इसके रेट्स में कमी करने पर विचार कर रहा है। एक अधिकारी ने कहा कि नई इनकम टैक्स व्यवस्था को लेकर लोगों में उत्साह नहीं है। जो लोग पुरानी व्यवस्था में छूट ले रहे हैं, वे ऐसी व्यवस्था में क्यों जाना चाहेंगे जिसमें उनके लिए कोई इनसेंटिव नहीं है। देश में एक ही पर्सनल इनकम टैक्स स्कीम होनी चाहिए। टैक्स एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर नई टैक्स व्यवस्था में दरों में कमी आती है, तो इससे नई व्यवस्था और आकर्षक हो जाएगी।

अधिकारी ने कहा कि हमें यह देखना होगा कि टैक्स रेट्स में कमी करनी है या स्लैब्स पर नए सिरे से काम करना है। हमें टैक्स व्यवस्था को आसान बनाना होगा। इससे मुकदमेबाजी में कमी आएगी। जो लोग ज्यादा पैसा कमा रहे हैं, उन्हें ज्यादा टैक्स देना होगा। यह एक तरह से कॉर्पोरेट टैक्स व्यवस्था की तरह होगा। 2019 में सरकार ने इसे 30 फीसदी से घटाकर 22 फीसदी कर दिया था। लेकिन इसके साथ ही सारी छूट खत्म कर दी गई थी। इसी तर्ज पर सरकार पर्सनल इनकम टैक्स में भी एक ही स्कीम चाहती है। इसके लिए नई टैक्स व्यवस्था में टैक्स की दर को कम कर दिया जाएगा और इसमें किसी तरह का कोई टैक्स बेनिफिट नहीं मिलेगा।

पुरानी व्यवस्था में छूट
पुरानी टैक्स व्यवस्था में टैक्सपेयर्स को कई तरह की छूट मिलती है। इनमें हाउस रेंट अलाउंस (HRA), लीव ट्रैवल अलाउंस (LTA) और आयकर अधिनियम, 1961 की विभिन्न धाराओं के तहत मिलने वाली छूट शामिल है। इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80सी के तहत इंश्योरेंस, ईएलएसएस( ELSS), प्रॉविडेंट फंड, पीपीएफ और बच्चों के ट्यूशन फीस के साथ होम लोन के मूलधन पर टैक्स छूट (Tax Benefit) का लाभ ले सकते हैं। साथ ही दो लाख रुपये तक होम लोन के ब्याज पर भी टैक्स छूट का प्रावधान है। साथ ही 50,000 रुपये के स्टैडर्ड डिडक्शन का भी लाभ मिलता है।

Latest articles

PMC: पुणे महानगरपालिका में काउंसलर और लैब टेक्नीशियन के पदों पर भर्ती 30 जून से 7 जुलाई तक करें आवेदन

PMC : पुणे महानगरपालिका (PMC) ने 2025 में काउंसलर और लेबोरेटरी टेक्नीशियन के पदों को...

IND vs ENG:जसप्रीत बुमराह दूसरे टेस्ट में खेलेंगे इंग्लैंड से मिली हार के बाद टीम इंडिया का बड़ा फ़ैसला

IND vs ENG: इंग्लैंड के ख़िलाफ़ दूसरे टेस्ट मैच से पहले टीम इंडिया के...

Mangal Gochar 2025:इन 3 राशियों की चमकेगी क़िस्मत धन करियर और सेहत में होगा ज़बरदस्त सुधार

Mangal Gochar 2025: ग्रहों के सेनापति मंगल ने आज 30 जून 2025 को रात...

More like this

8th Pay Commission:अब है 8वें वेतन आयोग की बारी हर 10 साल में बदलाव

8th Pay Commission:अब है 8वें वेतन आयोग की बारी हर 10 साल में बदलाव,भारत...

फ्री में चेक करें पीएफ बैलेंस, ईपीएफओ की मिस्डकॉल-एस एमएस सर्विस से मिनटों में दिखेगा कंट्रीब्यूशन और बैलेंस जाने

फ्री में चेक करें पीएफ बैलेंस, ईपीएफओ की मिस्डकॉल-एस एमएस सर्विस से मिनटों में...

FACING ISSUES WITH PF WITHDRAWAL: यदि आपको भी PF निकालने में आ रही है दिक्कत तो जानिए क्या करें

FACING ISSUES WITH PF WITHDRAWAL: लगभग सभी भारतीय कर्मचारियों का एक PF (प्रोविडेंट फंड)...