गुवाहाटी
बीसीसीआई कहने को तो दुनिया का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड है, लेकिन देश के मैदानों की हालत देखकर ऐसा नहीं लगता। मुकाबलों के दौरान अव्यवस्था का आलम होता है। ऐसा ही कुछ 2 अक्टूबर यानी रविवार रात गुवाहाटी में देखने को मिला। भारत और साउथ अफ्रीका के बीच दूसरे टी-20 इंटरनेशनल के दौरान बरसापारा स्टेडियम में एक नहीं बल्कि दो-दो बार मैच रोकना पड़ा। एक बार ग्राउंड में सांप घुस आया तो अगली बार बत्ती ही गुल हो गई। अंधेरे के चलते खेल रोकना पड़ा। अपनी इस इंटरनेशनल बेइज्जती से बीसीसीआई को कुछ फर्क पड़ेगा या नहीं, कहा नहीं जा सकता।
दरअसल, टॉस गंवाकर जब भारतीय टीम पहले बैटिंग कर रही थी, तब सातवें ओवर के बाद मैदान पर सांप देखा गया। बरसात के चलते यह बिन बुलाया खतरनाक प्राणी कब भीतर घुस आया, किसी को पता नहीं चला। वो तो भला हो प्रोटियाज फील्डर्स का जिनकी समय रहते नजर पड़ गई। इशारों से तुरंत फील्ड अंपायर और केएल राहुल को बताया गया, जिसके बाद आनन-फानन में ग्राउंड स्टाफ जरूरी साजो-सामान लेकर मैदान के भीतर आया और सांप को सकुशल बाहर किया। कुछ देर के लिए खेल रूका हुआ था।
दूसरी बार मैच दूसरी पारी यानी साउथ अफ्रीका की बैटिंग के दौरान रोकना पड़ा। दो ओवर का खेल हो चुका था। साउथ अफ्रीकी टीम महज 5 रन पर अपने दो विकेट गंवा चुकी थी। एक बार फिर अर्शदीप सिंह ने आते ही अपने पहले ओवर में दोनों झटके दिए थे। दीपक चाहर अगला यानी तीसरा ओवर लेकर आए ही थे कि तभी मैदान के एक टावर की लाइट चली गई। खिलाड़ियों ने मैदान छोड़ दिया। इलेक्ट्रिशियंस अपने काम में जुट गए। 15 मिनट के इंतजार के बाद दोबारा मैदान की सारी बत्तियां जली और मैच शुरू हो पाया।
वैसे ये कोई पहली बार नहीं है जब गुवाहाटी के बरसापारा स्टेडियम में ऐसे हालात बने हो, इससे पहले भी एक बार किसी इंटरनेशनल मैच के दौरान कवर्स के बीच से बारिश का पानी पिच पर चला गया था। वैसे हालात सिर्फ यहीं के खराब नहीं है। राष्ट्रीय राजधानी यानी दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में तो भीतर घुसने के दौरान भगदड़ जैसे हालात बन जाते हैं। अधिकतर स्टेडियम में अंदर सीट टूटी मिल जाएगी। बारिश हो जाए तो ग्राउंड की हालत तो छोड़िए बेंगलुरु के एम. चिनास्वानी स्टेडियम की छत टपकते दिख जाएगी।