पर्थ
पहले भारत और फिर जिम्बाब्वे से हारने के बाद पाकिस्तानी टीम वर्ल्ड कप से लगभग बाहर होने की कगार पर है। टूर्नामेंट में बने रहने के लिए उसे दूसरी टीमों के हार-जीत के साथ-साथ अपने बचे सारे मुकाबले भी जीतने हैं, इसी कड़ी में रविवार शाम टीम का खाता खुला। बाबर सेना ने नीदरलैंड्स को हराकर अपनी पहली जीत दर्ज की। गेंदबाजों के लिए मददगार ऑप्टस स्टेडियम की पिच बल्लेबाजों के लिए कब्रगाह साबित हुई। पहले तो मुकाबले में ज्यादा रन नहीं बने और ऊपर से बल्लेबाज की जान पर भी बन आई।
दरअसल, पहली पारी के दौरान एक दर्दनाक घटना हुई। नीदरलैंड के एक बल्लेबाज बास डी लीड (06) पाकिस्तानी पेसर हारिस रऊफ की गेंद लगने से रिटायर्ड हर्ट हुए। यह पावरप्ले का अंतिम ओवर था जब दुनिया के सबसे तेज गेंदबाजों में से एक रऊफ को आक्रमण के लिए लाया गया था। उन्होंने ओवर में एक तेजतर्रार बाउंसर मारा, बॉल बल्लेबाज के हेलमेट की ग्रिल पर लगी, जिससे चेहरा कट गया।
आनन-फानन में तुरंत मेडिकल स्टाफ बीच मैदान में पहुंचा। नीदरलैंड्स के ऑलराउंडर को दाहिनी आंख के नीचे कट लगा था। मजबूरन मैदान छोड़कर जाना पड़ा। इसी के साथ लोगान वैन वीक बतौर सब्टिट्यूट मैच से जुड़े। हालांकि अच्छी बात यह थी कि चोट ज्यादा गहरी नहीं था। बाद में लीड को डगआउट में घाव पर बर्फ लगाते हुए देखा गया।
मुकाबले की बात करें तो नीदरलैंड्स की टीम पाकिस्तान की कसी गेंदबाजी के सामने नौ विकेट पर 91 रन ही बना सकी। पाकिस्तान के लिए यह लक्ष्य इतना बड़ा नहीं था, लेकिन उन्हें इस तक पहुंचने के लिए 13.5 ओवर लग गए जबकि उनके पास आईसीसी टी-20 रैंकिंग का नंबर एक बल्लेबाज मोहम्मद रिजवान मौजूद था, जिन्होंने 125.64 के स्ट्राइक रेट से 39 गेंद में 49 रन बनाए। कप्तान बाबर आजम (04) का रन आउट होना दुर्भाग्यशाली रहा जबकि फखर जमां (16 गेंद में 20 रन) ने तीन चौके लगाए, लेकिन ब्रैंडन ग्लोवर की गेंद पर कप्तान स्कॉट एडवर्ड्स को कैच दे बैठे। रिजवान ने फिर टीम को जीत तक पहुंचाया।