13.7 C
London
Tuesday, September 16, 2025
Homeराज्यलालू नहीं... बिहार में BJP के लिए 'तेज' चुनौती, 'कमल' खिलाने के...

लालू नहीं… बिहार में BJP के लिए ‘तेज’ चुनौती, ‘कमल’ खिलाने के लिए ‘J’ नहीं ‘E’ पॉलिटिक्स करना होगा!

Published on

पटना

बिहार में जंगलराज का राग अलापने से बीजेपी का कमल नहीं खिलने वाला है। ऐसा इसलिए क्योंकि अब न तो स्थितियां 90 के दशक वाली हैं और न ही राजनीति। इन लगभग तीन दशकों में बिहार की राजनीति में यूटर्न आ चुका है। अब बीजेपी के खिलाफ चारा घोटाला के जनक लालू प्रसाद यादव  नहीं खड़े हैं। अब बीजेपी के विरोध में एक युवा नेतृत्व लिए तेजस्वी यादव  सामने आ गए हैं। ये लालू यादव की राजनीति का अक्श तो लिए हुए जरूर हैं पर वो MY समीकरण की गिरफ्त से निकल कर A टू Z फॉर्मूला के साथ नीतियां बनाने लग गए हैं।

बदलाव की बयार पर आरजेडी सवार
आरजेडी इन दिनों पूरे बदलाव के मूड में हैं। इस मूड में लालू यादव की राजनीति से छुटकारा पाने की जद्दोजहद भी शामिल हो चुकी है। अब नए जेनरेशन को ध्यान में रख कर आरजेडी न केवल अपने संविधान में परिवर्तन करने की आग्रही बन चुकी है। बल्कि चुनाव भी लालटेन छाप पर लड़ना नहीं चाह रहे हैं। सबसे बड़ी बात तो यह है कि तेजस्वी यादव अब लालू यादव के सामाजिक न्याय जैसे ओरनामेंटरी मुद्दे से इतर अब आर्थिक मुद्दे पर सियासत के बाजीगर बनने की कवायद में जुट गए हैं।

क्या है तेजस्वी का आर्थिक मुद्दा
एक तरह से कहें तो तेजस्वी यादव अब बीजेपी पर हमला बेरोजगारी और महंगाई के मुद्दे पर करते हैं। बेरोजगारी दूर करने के आधार के तहत इस बार महागठबंधन की नींव को मजबूत भी किया गया है। 10 लाख नौकरी के ऐलान को महज घोषणा नहीं रहने देने की कवायद भी महागठबंधन की सरकार में चल रही है। यही वजह भी है कि स्वास्थ्य, ग्रामीण और शिक्षा के क्षेत्र में नई बहालियों की प्लानिंग के साथ ही नियुक्ति प्रक्रिया भी शामिल है। महंगाई के सवाल पर विरोध प्रदर्शन का फायदा यह हुआ कि पेट्रोल और रसोई गैस के दाम में कमी आई है।

बीजेपी अभी भी ‘जंगलराज’ पर
बीजेपी अभी भी महंगाई और बेरोजगारी की समस्या पर मुखर नहीं है। अभी भी बीजेपी, लालू सरकार के जंगलराज, अपहरण उद्योग और नरसंहार को राजनीतिक हथियार बनाने में जुटी है। आरजेडी राज्य में बने नए वोटरों को ध्यान में रखकर बेरोजगारी और महंगाई पर फोकस कर चुकी है। ऐसा इसलिए क्योंकि जंगलराज से पीड़ित वोटरों की संख्या अब नए वोटरों की संख्या के आगे कम पड़ चुकी है। आरजेडी नीत महागठबंधन की सरकार 2024 की लोकसभा और 2025 का विधानसभा चुनाव इसी मुद्दे पर ही लड़ने जा रही है। ऐसे में जरूरी है कि बीजेपी को भी बिहार में कमल खिलाने के लिए ‘J’ यानी ‘जंगलराज’ नहीं बल्कि ‘E’ से Employment यानी आर्थिक मुद्दों पर फोकस करना चाहिए।

क्या कहते हैं सियासी जानकार?
राजनीतिक विशेषज्ञ अनीश अंकुर मानते हैं कि बीजेपी के विरोध की धार कुंद पड़ रही है। कभी वह आरजेडी के कुशासन पर सवाल खड़ी करती है तो कभी तेजस्वी के 9वीं पास की बात उठाती है। हालांकि, ऐसे मसले पर आरजेडी का जवाब ज्यादा कारगर हो जाता है जब वे पीएम नरेंद्र मोदी की डिग्री की बात उठाते हैं। इसलिए बिहार जिस जगह खड़ा है वहां बेरोजगारी, महंगाई, पलायन, औद्योगिकरण जैसे मुद्दे पर सवाल उठाना ज्यादा श्रेष्ठ होगा।

Latest articles

सुभाष नगर विश्राम घाट किया पिंडदान

भेल भोपाल।सुभाष नगर विश्राम घाट पर 16 श्रादों में तर्पण पिंडदान के साथ भागवत...

बजरंग दल की प्रांत बैठक व दायित्वबोध वर्ग का हुआ शुभारंभ

बड़वाह।बड़वाह के उत्सव गार्डन में 3 दिवसीय बजरंग दल की बैठक व दायित्वबोध वर्ग...

अनजुमन तरक्‍की-ए-उर्दू (हिंद) ने राहत सामग्री गुरुद्वारा समिति को सुपुर्द की

भेल भोपाल।अनजुमन तरक्‍की-ए-उर्दू (हिंद), भेल भोपाल ने सोमवार को पंजाब के बाढ़ प्रभावित लोगों...

गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय में “लाइन फॉलोवर रोबोट” पर कार्यशाला का आयोजन

हरिद्वार।गुरुकुल कांगड़ी (मानद विश्वविद्यालय), हरिद्वार के फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग...

More like this

बजरंग दल की प्रांत बैठक व दायित्वबोध वर्ग का हुआ शुभारंभ

बड़वाह।बड़वाह के उत्सव गार्डन में 3 दिवसीय बजरंग दल की बैठक व दायित्वबोध वर्ग...

ये कैसा सिस्टम कंप्यूटर व स्मार्ट क्लास के दौर में गर्मी व उमस के बीच पढ़ने को मजबूर विद्यार्थी

बड़वाह ब्लाक में 31 स्कूल ऐसे है जहां केवल चुनाव के समय बिजली आती...

गोवर्धन पूजा का प्रसंग सुनाया,56 भोग लगाए,विधायक,नपाध्यक्ष भी शामिल हुए

बडवाह।कवर कालोनी स्थित पूजा गार्डन में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के पांचवे दिन कथा...