सूर्य ग्रहण के बाद अब साल का आखिरी चंद्र ग्रहण लगने वाला है. 08 नवंबर को साल का आखिरी चंद्र ग्रहण लगेगा और ये ग्रहण भारत में दृश्यमान होगा. चूंकि ये चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई देगा, इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य होगा. लिहाजा, ज्योतिषविद इस ग्रहण से लोगों को संभलकर रहने की सलाह दे रहे हैं. आइए जानते हैं कि साल का आखिरी चंद्र ग्रहण भारत में कितने बजे दिखाई देगा और इसके सूतक काल का समय क्या रहने वाला है.
भारत में कितने बजे लगेगा चंद्र ग्रहण
जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाती है, तब चंद्र ग्रहण लगता है. साल का आखिरी चंद्र ग्रहण मेष राशि में लगने वाला है. भारतीय समयानुसार, साल का आखिरी चंद्र ग्रहण 08 नवंबर को शाम 5 बजकर 20 मिनट से प्रारंभ होगा और शाम 06 बजकर 20 मिनट तक रहेगा. चंद्र ग्रहण से 9 घंटे पहले इसका सूतक काल लग जाता है. इसलिए चंद्र ग्रहण के 9 घंटे पहले ही आप इसके लिए तैयार रहें.
भारत में कहां-कहां दिखेगा चंद्र ग्रहण
साल का पहला चंद्र ग्रहण 16 मई को बुध पूर्णिमा के दिन लगा था. अब साल का दूसरा और अंतिम चंद्र ग्रहण 08 नवंबर को लगेगा. विशेषज्ञों का कहना है कि आगामी चंद्र ग्रहण भारत के पूर्वी क्षेत्रों में दिखाई देगा. ये चंद्र ग्रहण गुवाहाटी, रांची, पटना, सिलिगुड़ी और कोलकाता समेत देश की राजधानी दिल्ली में भी दिखाई पड़ेगा. इन शहरों में रहने वाले लोगों को चंद्र ग्रहण की अवधि में विशेष सावधानी बरतनी होगी.
इसके अलावा, 08 नवंबर को लगने वाला चंद्र ग्रहण उत्तरी/पूर्वी यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका के अधिकांश हिस्से, पेसिफिक, अटलांटिक, हिंद महासागर, आर्कटिक और अंटार्कटिका के क्षेत्रों से भी दिखाई पड़ेगा.
चंद्र ग्रहण सूतक काल का समय
चंद्र ग्रहण का सूतक काल 09 घंटे पहले ही लग जाता है. इसलिए 08 नवंबर को लग रहे चंद्र ग्रहण का सूतक काल सुबह 09 बजकर 21 मिनट से लग जाएगा. ग्रहण से पहले 3 प्रहर के लिए सूतक मनाया जाता है. चंद्र ग्रहण के सूतक काल में भगवान की मूर्तियों को स्पर्श न करें. पूजा-पाठ करने से बचें. भोजन न करें और सोएं नहीं. गर्भवती महिलाएं, बुजुर्गों और बच्चों का विशेष ख्याल रखें.
चंद्र ग्रहण में न करें ये गलतियां
चंद्र ग्रहण और इसके सूतक काल में कुछ खास गलतियां करने से बचना चाहिए. इसमें भगवान की पूजा-पाठ वर्जित होती है. ग्रहण या सूतक काल में भगवान की मूर्तियों को स्पर्श नहीं करना चाहिए. ग्रहण या सूतक काल में तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए. ग्रहण काल में भोजन करने या सोने की भी मनाही होती है.चंद्र ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतनी पड़ती है. इसमें काटने, छीलने या सिलने का काम भी नहीं करना चाहिए. इसमें नुकीले या तेजधार वाले औजारों के इस्तेमाल की भी मनाही होती है.