नई दिल्ली
हिंडनबर्ग रिसर्च की एक निगेटिव रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट आई थी। ऐसे समय में अमेरिका की इनवेस्टमेंट फर्म GQG Partners ने अडानी ग्रुप को सहारा दिया था। उसने ग्रुप की चार कंपनियों में 15,446 करोड़ रुपये का भारीभरकम निवेश किया था। GQG Partners के सीआईओ राजीव जैन का कहना है कि अडानी ग्रुप के शेयर अगले पांच साल में मल्टीबैगर बन सकते हैं। ऐसे शेयरों को मल्टीबैगर कहा जाता है जो अपने निवेशकों को 100 परसेंट से ज्यादा रिटर्न देते हैं। ब्लूमबर्ग के साथ बातचीत में जैन ने कहा कि उन्हें अडानी ग्रुप के बारे में हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट से कोई फर्क नहीं पड़ता है। 24 जनवरी को आई इस रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर शेयरों की कीमत के साथ छेड़छाड़ के आरोप लगाए गए हैं। हालांकि अडानी ग्रुप ने इन आरोपों का खंडन किया है।
हिंडनबर्ग रिपोर्ट के कारण अडानी ग्रुप की लिस्टेड कंपनियों के मार्केट कैप में 120 अरब डॉलर से अधिक गिरावट आई है। पिछले महीने एसबी अडानी फैमिली ट्रस्ट ने ओपन मार्केट के जरिए अडानी ग्रुप की चार कंपनियों के करीब 21 करोड़ शेयर बेचे थे। GQG Partners अडानी ट्रांसमिशन के 2.84 करोड़ शेयर 668.4 रुपये के भाव पर, अडानी एंटरप्राइजेजके 3.87 करोड़ शेयर 1,410.86 रुपये के भाव पर, अडानी पोर्ट्स के 8.86 करोड़ शेयर 596.2 रुपये के भाव पर और अडानी ग्रीन एनर्जी के 5.56 करोड़ शेयर 504.60 रुपये प्रति शेयर के भाव पर खरीदे थे।
क्यों उछलेंगे शेयर
जैन का कहना है कि अडानी ग्रुप के कोल माइनिंग एसेट्स, डेटा सेंटर्स और मुंबई के इंटरनेशनल एयरपोर्ट में मैज्योरिटी स्टेक हेल्दी बिजनस के साइन हैं। उन्होंने कहा कि एयरपोर्ट की कीमत ही कंपनी से ज्यादा हो सकती है। इसकी जमीन एशिया की सबसे महंगी रियल एस्टेट प्रॉपर्टीज में शामिल है। जैन ने कहा कि अडानी ग्रुप के बारे में हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट से उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता है। उन्होंने कहा, ‘रिपोर्ट में कहा गया है कि उनके पास 75 फीसदी से अधिक हिस्सेदारी है। क्या यह कोई फ्रॉड है।’ जैन की GQG Partners में 69 परसेंट हिस्सेदारी है। उन्होंने 2016 में इस कंपनी की स्थापना की थी।
इस बीच अडानी ग्रुप की अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकॉनमिक जोन लिमिटेड (APSEZ) के परिचालन वाले नौ बंदरगाहों पर कार्गो गतिविधियां 31 मार्च को समाप्त बीते वित्त वर्ष के दौरान नौ प्रतिशत बढ़ी हैं। कंपनी ने एक बयान में कहा कि मार्च में कंपनी ने करीब 3.2 करोड़ टन माल चढ़ाया और उतारा जो सालाना आधार पर 9.5 प्रतिशत अधिक है। जुलाई, 2022 के बाद से यह पहली बार है जब यह आंकड़ा तीन करोड़ टन के पार पहुंचा है। कंपनी ने कहा कि अप्रैल, 2022 से मार्च, 2023 के बीच एपीएसईजेड ने 33.9 करोड़ टन कार्गो का रखरखाव किया, जो सालाना आधार पर नौ प्रतिशत अधिक होने के साथ ही इसका सर्वाधिक आंकड़ा है।