नई दिल्ली,
साल 1973 में मोटोरोला कंपनी के कर्मचारी मार्टिन कूपर ने पहला मोबाइल फोन बनाया था. उसका वजन दो किलो था. उस समय मार्टिन कूपर ने शायद सोचा भी नहीं होगा कि भविष्य में ये डिवाइस इतनी बिकेगी कि उसकी संख्या इंसानों की आबादी से भी कहीं ज्यादा हो जाएगी. संयुक्त राष्ट्र से जुड़ी इंटरनेशनल टेलीकम्युनिकेशन यूनियन (ITU) के मुताबिक, दुनिया में इंसानों की आबादी से भी ज्यादा मोबाइल फोन की संख्या है.
इसके आंकड़े बताते हैं कि 2022 के आखिर तक दुनियाभर में 8.59 अरब मोबाइल फोन थे. जबकि, संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, 2022 तक दुनिया की आबादी 7.95 अरब थी. यानी, इस दुनिया में जितने इंसान नहीं हैं, उससे कहीं ज्यादा तो मोबाइल फोन हैं.आईटीयू के मुताबिक, दुनिया में हर 100 लोगों पर 110 मोबाइल फोन हैं. इसका मतलब हुआ कि कई सारे लोग ऐसे हैं जिनके पास एक से ज्यादा मोबाइल फोन हैं.
मोबाइल टेक्नोलॉजी पर बड़ी बातेंः-
– दुनिया में 4.81 अरब लोग ऐसे हैं जिनके पास अपना मोबाइल फोन है.
– 5.28 अरब से ज्यादा की आबादी ऐसी है जो इंटरनेट का इस्तेमाल करती है.
– दुनिया की 82 फीसदी शहरी और 46 फीसदी ग्रामीण आबादी इंटरनेट यूज करती है.
– दुनिया की 63 फीसदी महिलाएं और 70 फीसदी पुरुष इंटरनेट चलाते हैं.
– 15 से 24 साल की उम्र की 75 फीसदी आबादी इंटरनेट का इस्तेमाल करती है.
भविष्य क्या है?
साल 2026 तक दुनिया में स्मार्टफोन चलाने वालों की संख्या 7.51 अरब से ज्यादा पहुंचने की उम्मीद है. 2025 तक 72 फीसदी इंटरनेट यूजर्स स्मार्टफोन के जरिए ही इंटरनेट का इस्तेमाल करेंगे.
आखिर में बात, मोबाइल फोन आया कहां से?
– साल 1947 में नोकिया के मालिकाना हक वाली अमेरिकी कंपनी बेल लैब्स ने एक फोन बनाया. ये वायरलैस फोन था. ये 36 किलो का था और इसे कार में फिट किया जा सकता था. इसे कान फोन नाम दिया गया था.
– साल 1973 में मोटोरोला कंपनी के कर्मचारी मार्टिन कूपर और उनकी टीम ने पहला मोबाइल फोन बनाया. इसका वजन दो किलो था. 3 अप्रैल 1973 को मार्टिन कूपर ने न्यूयॉर्क की सड़क पर खड़े होकर न्यू जर्सी में बेल लैब्स के हेडक्वार्टर में फोन लगाया था. ये दुनिया की पहली मोबाइल कॉल थी.
– जिस डिवाइस से पहली कॉल की गई थी, उसका नाम था- DYNATAC 800XI. हालांकि, इसे आम लोगों के बीच आने में 10 साल लग गए.
– साल 1983 में DYNATAC नाम से पहला डिवाइस बाजार में आया. ये 790 ग्राम वजनी था. फुल चार्ज होने में 10 घंटे लग जाते थे और उसके बाद सिर्फ 35 मिनट का टॉकटाइम मिलता था. इसकी कीमत भी उस समय 3,390 डॉलर थी, जो आज के हिसाब से 3.28 लाख रुपये बैठती है.
– भले ही पहला मोबाइल फोन मोटोरोला ने बनाया, लेकिन बाजार में नोकिया ने राज किया. नोकिया ने जो फोन लॉन्च किए, उन्हें काफी पसंद किया गया. हालांकि, एंड्रॉयड आने के बाद नोकिया का दबदबा कम हो गया.