नई दिल्ली
पिछले कुछ सप्ताह से देश के कई इलाकों में खूब बारिश हुई है। दिल्ली एनसीआर समेत कई क्षेत्र में ओले भी खूब बरसे हैं। इससे गेहूं की खड़ी फसल को काफी नुकसान हुआ है। लेकिन केंद्र सरकार का कहना है कि इसका असर गेहूं के ओवरआल प्रोडक्शन पर कोई खास नहीं दिखेगा। इस साल मतलब कि फसल वर्ष 2022-23 में गेहूं का रिकार्ड प्रोडक्शन होगा।
पिछले साल से भी ज्यादा रहेगा प्रोडक्शन
केंद्रीय खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने गुरुवार को यहां गेहूं के प्रोडक्शन के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि साल 2022-23 के दौरान रिकॉर्ड 11.21 करोड़ टन गेहूं उत्पादन की उम्मीद है। हालांकि, पिछले कुछ सप्ताह के दौरान हुई बारिश से गेहूं की क्वालिटी पर असर पड़ सकता है। सरकार का कहना है कि इससे फसल की गुणवत्ता कुछ हद तक प्रभावित हो सकती है। सरकार ने 2022-23 फसल वर्ष (जुलाई-जून) में 11.21 करोड़ टन का रिकॉर्ड गेहूं उत्पादन का अनुमान लगाया है। कुछ राज्यों में गर्मी की लहर के कारण इससे पिछले वर्ष में गेहूं का उत्पादन मामूली रूप से घटकर 10.77 करोड़ टन रह गया था।
कोई नुकसान नहीं हुआ
चोपड़ा ने बताया, ‘‘पिछले दो सप्ताह में खराब मौसम के कारण गेहूं की फसल को कुछ नुकसान हुआ है।’’ सचिव ने कहा कि मध्य प्रदेश में गेहूं की खरीद के लिए गुणवत्ता मानकों में ढील दी गई है और केंद्र जल्द ही पंजाब और हरियाणा में गेहूं की खरीद के लिए गुणवत्ता मानकों में ढील देने पर विचार करेगा। सरकारी एजेंसी एफसीआई और राज्य एजेंसियां कई राज्यों में खरीद शुरू कर चुकी हैं। इससे पहले, सोमवार को केंद्र सरकार ने बताया था कि प्रमुख उत्पादक राज्यों में हाल की बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के कारण गेहूं की फसल को लगभग 8-10 प्रतिशत नुकसान होने का अनुमान है। सरकार ने आगे कहा कि देर से बुवाई वाले क्षेत्रों में बेहतर उपज की संभावना से इसकी भरपाई हो सकती है।