अंडे का फंडा… यूपी सरकार के एक फरमान से हरियाणा के किसान मुश्किल में, जानिए क्या है मामला

नई दिल्ली

हरियाणा देश में सबसे ज्यादा अंडे उत्पादन करने वाले राज्यों में शामिल है। राज्य में दिन करीब तीन करोड़ अंड़ों का उत्पादन होता है। लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार के एक फरमान के कारण राज्य के पॉल्ट्री किसानों की मुश्किल बढ़ गई है। इसके मुताबिक अंडों को रेफ्रिजरेटेड गाड़ियों में ले जाना होगा और उस पर जीपीएस लगा होना चाहिए। हरियाणा के किसानों का कहना है कि इससे उनका बिजनस प्रभावित होगा। उन्होंने हरियाणा सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप करने को कहा है। हरियाणा के पॉल्ट्री किसानों के लिए उत्तर प्रदेश सबसे बड़ा मार्केट है। उनके कुल उत्पादन का आधा हिस्सा यूपी के डिस्ट्रीब्यूटर्स के पास पहुंचता है। बाकी सप्लाई हरियाणा और दूसरे राज्यों में होती है।

हरियाणा में पॉल्ट्री फार्मर्स के कुछ एसोसिएशंस का आरोप है कि यूपी सरकार का फरमान अपने किसानों के हक में है। सेंट्रल हरियाणा पॉल्ट्री फार्मर्स एसोसिएशन के प्रेजिडेंट सुभाष नरवाल ने कहा कि इस फैसले का साफ मतलब है कि यूपी में दूसरे राज्यों के किसानों को हतोत्साहित करना। हमारे कुछ ऑर्डर कैंसल हो गए हैं। साथ ही कुछ ट्रकों को सीमा पर रोका गया है और उन्हें वापस जाने को कहा जा रहा है। 15 अप्रैल को उत्तर प्रदेश के पशुपालन विभाग ने अंडों के ट्रांसपोर्ट के संबंध में गाइडलाइन जारी की। उसका कहना है कि इसका मकसद अंडों की ताजगी और साफसफाई सुनिश्चित करना है।

कितना बढ़ जाएगा बोझ
यूपी सरकार के गाइडलाइंस के मुताबिक 150 किमी या उससे ज्यादा दूरी के लिए अंडे ले जाने वाले वाहनों पर जीपीएस डेवाइस लगाना अनिवार्य है। हरियाणा के किसानों का कहना है कि 80 हजार से एक लाख अंडों को रेफ्रिजरेटेड गाड़ी से ले जाने पर उनका खर्च 15,000 से 20,000 रुपये तक बढ़ जाएगा। ट्रांसपोर्ट कंपनियों ने भी अपना रेट बढ़ा दिया है। वे महामारी में हुए नुकसान की भरपाई करने में लगी हैं। इससे खासकर छोटे किसानों की परेशानी बढ़ेगी। कोरोना लॉकडाउन के कारण यह बिजनस बुरी तरह प्रभावित हुआ था।

करनाल के एक पॉल्ट्री किसान सुरिंदर भूटानी ने कहा कि हम 2022 में अच्छी कमाई की उम्मीद कर रहे थे लेकिन चारे का कीमत में बढ़ोतरी के कारण सब चौपट हो गया। पिछले तीन साल में हमारे लिए मुश्किल भरे रहे हैं। अगर यूपी सरकार की गाइडलाइन नहीं हटाई गई तो हरियाणा की पॉल्ट्री इंडस्ट्री बर्बाद हो जाएगी। सेंट्रल हरियाणा पॉल्ट्री फार्मर्स एसोसिएशन के मुताबिक राज्य में इस इंडस्ट्री की सालाना कमाई करीब 7,000 करोड़ रुपये है और इसमें 2.5 लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिला हुआ है।

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