15.5 C
London
Tuesday, November 4, 2025
Homeराज्यडॉक्टरों की सुरक्षा नहीं कर सकते तो अस्पताल बंद कर दें... महिला...

डॉक्टरों की सुरक्षा नहीं कर सकते तो अस्पताल बंद कर दें… महिला डॉक्टर की हत्या पर केरल हाई कोर्ट की फटकार

Published on

कोल्लम/तिरुवनंतपुरम

केरल के कोल्लम जिले में कोट्टारक्कारा के एक तालुक अस्पताल में एक मरीज ने उसका इलाज कर रही 23 साल की डॉक्टर की ब्लेड मारकर हत्या कर दी। इलाज के लिए लाए गए एक निलंबित स्कूल शिक्षक ने उसके घाव की मरहम-पट्टी कर रही महिला डॉक्टर पर कथित रूप से सर्जरी में इस्तेमाल होने वाले ब्लेड से हमला किया था। आरोपी व्यक्ति को परिवार के सदस्यों के साथ मारपीट में घायल होने के बाद पुलिस अस्पताल ले कर आई थी। इस मामले में केरल हाई कोर्ट ने कमेंट करते हुए कहा कि यह घटना पुलिस और सरकार की विफलता का परिणाम है। हाई कोर्ट ने कहा कि अगर डॉक्टरों की सुरक्षा नहीं कर सकते तो सभी अस्पताल बंद कर दें।

सरकार और पुलिस के प्रति नाराजगी जाहिर करते हुए हाई कोर्ट की पीठ ने कहा कि यह डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर उनकी नाकामी को दर्शाता है।कोट्टारक्कारा पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि आरोपी की पहचान संदीप के रूप में हुई है। उन्होंने बताया कि अस्पताल में जब डॉक्टर वंदना दास, आरोपी के पैर के घाव की मरहम-पट्टी कर रही थीं तभी वह अचानक हिंसक हो गया और कैंची व सर्जरी में इस्तेमाल होने वाले ब्लेड से वहां खड़े सभी लोगों पर हमला कर दिया।

सुबह साढ़े चार बजे की घटना
अधिकारी ने बताया कि यह घटना बुधवार तड़के साढ़े चार बजे की है। हमले में बुरी तरह घायल डॉक्टर को तिरुवनंतपुरम में एक निजी अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी कुछ की घंटों में मौत हो गई। अधिकारी के मुताबिक, आरोपी को अस्पताल लेकर आए पुलिस कर्मी भी हमले में घायल हो गए।

केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने डॉक्टर की मौत पर शोक व्यक्त किया और कहा कि यह घटना चौंकाने वाली और बेहद दर्दनाक है। उन्होंने कहा कि मामले की विस्तृत जांच की जाएगी। विजयन ने एक बयान में कहा, ‘ड्यूटी के दौरान स्वास्थ्य कर्मियों पर हमला अस्वीकार्य है। घटना की गहन जांच की जाएगी। सरकार चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों पर हमलों के मामलों में कड़ी कार्रवाई करेगी।’

केरल हाई कोर्ट ने क्या कहा?
हाई कोर्ट ने कहा कि पुलिस को प्रशिक्षित किया गया था और उनसे महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा की उम्मीद की गई थी, लेकिन वे युवा डॉक्टर की सुरक्षा करने में विफल रहे। न्यायमूर्ति देवन रामचंद्रन और कौसर एडप्पागथ की विशेष पीठ ने सरकार से पूछा, ‘यह तंत्र की पूर्ण विफलता है। अस्पताल में केवल सहायता पोस्ट होना पर्याप्त नहीं है। जब आप (पुलिस) जानते थे कि आदमी असामान्य व्यवहार कर रहा है, तो आपको उसे बांधकर रखना चाहिए था। आपको अप्रत्याशित अनुमान लगाने में सक्षम होना चाहिए। अन्यथा वहां पुलिस की कोई जरूरत नहीं है। समय के साथ, हम लापरवाह हो गए हैं। क्या आपने इस लड़की के साथ अन्याय नहीं किया?’

कोर्ट ने कहा कि उसने पहले भी कई मौकों पर चेतावनी दी थी कि अगर इन चीजों पर ध्यान नहीं दिया गया तो ऐसी घटनाएं होंगी। पीठ ने कहा, ‘हम इसी से डरे हुए थे। हमने अतीत में कहा था कि ऐसा कुछ हो सकता है।’ अदालत ने कहा कि इस घटना ने डॉक्टरों, मेडिकल छात्रों और उनके माता-पिता के बीच एक भय का माहौल पैदा कर दिया है।

मंत्री के बयान पर विवाद
अदालत ने राज्य सरकार से पूछा, ‘डॉक्टर हड़ताल पर चले गए हैं। इसके परिणामस्वरूप हजारों रोगियों को इलाज से वंचित करने के लिए आप क्या बहाना देंगे? क्या आप हड़ताल के कारण आज किसी मरीज को हुई किसी भी समस्या के लिए चिकित्सकों को दोष दे सकते हैं?’ ‘इंडियन मेडिकल एसोसिएशन’ (आईएमए) और ‘केरल गवर्नमेंट मेडिकल ऑफिसर्स एसोसिएशन’ (केजीएमओए) ने इस घटना के खिलाफ पूरे राज्य में विरोध प्रदर्शन किया।

वहीं, घटना को लेकर मीडिया में आईं खबरों के आधार पर केरल राज्य मानवाधिकार आयोग ने स्वत: संज्ञान लिया और कोल्लम के जिला पुलिस प्रमुख से सात दिनों के भीतर एक रिपोर्ट मांगी है।इस घटना के बाद राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जार्ज की ओर से मीडिया को दिए गए उस बयान के बाद राजनीतिक विवाद शुरू हो गया जिसमें उन्होंने कहा कि डॉक्टर एक हाउस सर्जन थी इसलिए अनुभवहीन थी और हमले के वक्त वह डर गई।

कांग्रेस बीजेपी ने सरकार को घेरा
मंत्री के बयान की आलोचना करते हुए केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के सुधाकरन ने सवाल किया कि डॉक्टर के अनुभवहीन होने से मंत्री का क्या मतलब है। उन्होंने कहा, ‘क्या उनका मतलब यह है कि डॉक्टर नशीली दवाओं और शराब के आदी व्यक्ति के हमले का मुकाबला करने या बचाव करने के लिए अनुभवहीन थी? उनके द्वारा दिया गया बयान हास्यास्पद है।’

महिला डॉक्टर की हत्या के बाद राज्य सरकार बीजेपी के भी निशाने पर आ गई है। केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री और संसदीय कार्य राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने इस दुखद घटना पर दुख और चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यह शर्म की बात है कि केरल में डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी सुरक्षित नहीं हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि पिनराई विजयन सरकार की उदासीनता और संवेदनहीनता और उनका कुशासन राज्य की छवि धूमिल कर रहा है और केरल को बदनाम कर रहा है। उन्होंने ट्वीट किया है, ‘डॉ वंदना दास की नृशंस हत्या और कोट्टारक्कारा में अस्पताल के कर्मचारियों पर हमले के बारे में जानकर स्तब्ध हूं। जान बचाने वालों की जान लेना घोर निंदनीय है। केरल में डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा को लेकर बहुत चिंतित हूं।’

Latest articles

यूपी में शुरू हुआ गन्ने की पेराई का महाअभियान! 21 चीनी मिलों में काम शुरू, योगी सरकार के ₹30 की बढ़ोतरी के बाद किसानों...

उत्तर प्रदेश में गन्ना किसानों के लिए खुशखबरी है! योगी सरकार (Yogi Government) द्वारा...

IND vs AUS चौथा T20I: क्या संजू सैमसन फिर होंगे बाहर? शिवम दुबे की जगह हर्षित राणा की होगी वापसी? जानें टीम इंडिया की...

IND vs AUS: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पाँच मैचों की टी20 इंटरनेशनल सीरीज़...

Blood Cancer के शुरुआती लक्षण: कैसे पहचानें शरीर में कैंसर की दस्तक? जानें स्टेज-1 के संकेत और प्रकार

Blood Cancer शरीर में रक्त कोशिकाओं के निर्माण को प्रभावित करता है, जिसे सबसे...

More like this

Omkareshwar-उज्जैन बस हादसा: 20 फीट गहरी खाई में गिरी बस, 3 की मौत, ड्राइवर पर शराब पीकर चलाने का आरोप!

ॐकारेश्वर (Omkareshwar) से उज्जैन (Ujjain) जा रही एक यात्री बस सोमवार देर रात भेरूघाट...

जयपुर में बस हाइटेंशन लाइन से टकराई — आग, 3 की मौत, कई घायल

जयपुर ।जयपुर के मनोहरपुर इलाके के पास मंगलवार रात एक मजदूर बस हाईटेंशन लाइन...

महिला क्रिकेटरों के साथ छेड़खानी की घटना में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय बयान की निंदा : जीतू पटवारी

भोपाल ।मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने विदेशी महिला क्रिकेटरों के साथ...