19 आपराधिक केस, ईडी-सीबीआई का शिकंजा और गिरफ्तारी की तलवार… डीके शिवकुमार की राह में क्या हैं रोड़े

बेंगलुरु

कर्नाटक में कांग्रेस ने प्रचंड बहुमत के साथ बड़ी जीत जरूर हासिल कर ली लेकिन मुख्यमंत्री चुनना उसके लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। सोमवार को सीएम रेस के प्रबल दावेदार डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया को दिल्ला आना था लेकिन डीके शिवकुमार ने अचानक दिल्ली दौरा रद्द कर दिया। अटकलें लगाई गईं कि डीके हाईकमान के मन को भांप चुके हैं इसलिए उन्हें दौरा कैंसल कर दिया। उधर, दिल्ली में पर्यवेक्षकों ने अपनी रिपोर्ट कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को सौंप दी।

डीके की राह में जो सबसे बड़ी बाधा है, वह है कि उनके खिलाफ आपराधिक मामले। हालिया चुनावों में दिए हलफनामे के मुताबिक उन पर 19 मामले लंबित हैं। इनमें मनी लॉन्ड्रिंग और बेहिसाब संपत्ति का मामला तक है। कांग्रेस की दिक्कत है कि अगर उन्हें सीएम बनाया जाता है तो बीजेपी उनके खिलाफ मुकदमों को लेकर कांग्रेस पर न सिर्फ हमलावर हो सकती है, बल्कि उनके ऊपर एजेंसियां फिर से शिकंजा कसना शुरू कर सकती है। ऐसे में हाल ही में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर बीजेपी को घेरकर चुनाव जीतने वाली कांग्रेस की खासी किरकिरी होगी।

डीके शिवकुमार ने जब अपना पहला चुनाव लड़ा था, तब इसके लिए उन्हें अपनी गिरवी रखनी पड़ी थी लेकिन इस बार हर साल उनकी संपत्ति में इजाफा होता गया। आज डीके शिवकुमार कर्नाटक के सबसे अमीर नेताओं में से एक हैं। चुनावी हलफनामे के अनुसार, डीके शिवकुमार के पास करीब 1400 करोड़ से अधिक संपत्ति है। इसी के चलते वह केंद्रीय एजेंसियों की रडार पर हैं। उनके खिलाफ पहले सीबीआई ने करप्शन का केस दर्ज किया। इसके बाद ईडी ने भी मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज लिया।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सितंबर 2018 में शिवकुमार, नई दिल्ली में कर्नाटक भवन के एक कर्मचारी ए हनुमंथैया और अन्य लोगों के खिलाफ धन शोधन का मामला दर्ज किया था। यह मामला कथित कर चोरी और हवाला लेन-देन के लिए बेंगलुरु की एक अदालत के समक्ष शिवकुमार और अन्य के खिलाफ दाखिल आयकर विभाग के आरोपपत्र पर आधारित था।

आयकर विभाग ने शिवकुमार और उनके सहयोगी एस के शर्मा पर तीन अन्य आरोपियों की मदद से हवाला माध्यम से नियमित रूप से बड़ी मात्रा में बेहिसाब नकदी को ट्रांसफर का आरोप लगाया है। आयकर विभाग और ईडी की ओर से कई छापे मारे गए और उनके खिलाफ मामले दर्ज किए गए।

ईडी ने तीन सितंबर, 2019 को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत गहन पूछताछ के बाद शिवकुमार को गिरफ्तार किया था। वह 50 दिन जेल में रहे। उन्हें 23 अक्टूबर, 2019 को जमानत मिली थी। डीके शिवकुमार के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग, टैक्स चोरी और आय से अधिक संपत्ति के 19 केस दर्ज हैं। इनमें से कई मामलों में गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। ईडी ने 26 मई, 2022 को शिवकुमार के खिलाफ धन शोधन रोधी कानून के तहत आरोपपत्र दाखिल किया।

उधर 2019 में येदियुरप्पा सरकार ने डीके शिवकुमार के खिलाफ सीबीआई जांच को हरी झंडी दे दी थी। राज्य सरकार की तरफ से की गई सिफारिश के बाद डीके के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज हुआ। डीके कर्नाटक हाई कोर्ट पहुंचे और फैसले को चुनौती दी। हालांकि हाई कोर्ट से उन्हें राहत नहीं मिली। चुनाव से ठीक पहले अप्रैल 2023 में हाईकोर्ट ने डीके की याचिका को खारिज कर दिया था।

डीके शिवकुमार के सीएम बनने की राह में रोड़ा
-आईटी, ईडी और सीबीआई में उनके खिलाफ मामले।
-तिहाड़ जेल में सजा।
– सिद्धरमैया की तुलना में कम जन अपील और अनुभव।
– कुल मिलाकर प्रभाव पुराने मैसुरू क्षेत्र तक सीमित है।
– अन्य समुदायों से ज्यादा समर्थन नहीं।

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