ऑनलाइन डिलीवरी की गाड़ियों को इलेक्ट्रिक में बदलना होगा… दिल्ली में कब से लागू होने वाला है ये नियम

नई दिल्ली

केजरीवाल सरकार ने दिल्ली मोटर व्हीकल एग्रीगेटर एंड डिलीवरी सर्विस प्रोवाइडर स्कीम को मंजूरी दे दी। ये स्कीम कमर्शियल वाहनों को ईवी में बदलने को लेकर स्पष्ट दिशा-निर्देश देने के साथ-साथ सेवा की गुणवत्ता और सार्वजनिक सुरक्षा के उच्च मानकों पर केंद्रित है। इस स्कीम का लक्ष्य है कि 2030 तक दिल्ली में सभी एग्रीगेटर्स, डिलीवरी सेवा प्रदाताओं और ई-कॉमर्स संस्थाओं के वाणिज्यिक वाहन बेड़े को इलेक्ट्रिक में बदलना है।

इस स्कीम के तहत मौजूदा और नए सभी ऑपरेटरों को अधिसूचना जारी होने के 90 दिनों के अंदर लाइसेंस लेना अनिवार्य है। स्कीम का उल्लंघन करने वाले ऑपरेटरों के खिलाफ 5 हजार से लेकर एक लाख रुपए तक का जुर्माना लगाए जाने का भी प्रावधान है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि एग्रीगेटर्स, डिलीवरी सेवा प्रदाताओं और ई-कॉमर्स संस्थाओं के वाणिज्यिक वाहन बेड़े को समयबद्ध तरीके से ईवी में बदलना अनिवार्य करने वाला दिल्ली भारत का पहला राज्य बनने के साथ ही विश्व के चुनिंदा शहरों में शामिल हो गया है।

यह भारत में पहली बार है कि किसी एग्रीगेटर स्कीम में ग्रीन और सस्टेनेबल मोबिलिटी को बढ़ावा देने के लिए पूरे बेड़े को इलेक्ट्रिक वाहनों में बदलने का लक्ष्य तय किया गया है। दिल्ली के परिवहन मंत्री ने कहा कि इस योजना के अंतर्गत पर्यावरण का ध्यान रखने के साथ-साथ दिल्ली के लोगों को बेहतरीन परिवहन सुविधाएं देने का विशेष ख्याल रखा गया है।इस योजना के नोटिफाई होने के बाद दिल्ली में नियमों के तहत बाइक टैक्सी के संचालन का रास्ता भी खुल जाएगा। हालांकि, सभी ऑपरेटर्स केवल इलेक्ट्रिक टू वीलर्स को ही बाइक टैक्सी के रूप में इस्तेमाल कर सकेंगे।

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