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Friday, July 4, 2025
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चीन के खिलाफ खुलकर सामने आए अमेरिका और जापान, मिलिट्री एक्सरसाइज की झड़ी लगा दी

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टोक्यो:

अमेरिका और जापान ने इस हफ्ते के अंत में एक ज्वाइंट कमांड पोस्ट एक्सरसाइज पूरी की है। विश्लेषकों का कहना है कि इसका उद्देश्य चीन से खतरों से निपटने में उनकी क्षमताओं के समन्वय में सुधार करना है। कीन एज 24 कंप्यूटर सिमुलेशन अभ्यास का उद्देश्य किसी संकट या इमरजेंसी की स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया का अभ्यास करना था। इस अभ्यास में जापान की सेल्फ डिफेंस फोर्स और अमेरिका के इंडो-पैसिफिक कमांड ने हिस्सा लिया। 1 फरवरी को शुरू हुआ यह अभ्यास पिछले हफ्ते गुरुवार को समाप्त हुआ है। यह हर साल होने वाले एक मिलिट्री एक्सरसाइज का हिस्सा है, जो फील्ड ट्रेनिंग एक्सरसाइज कीन स्वॉर्ड के साथ वैकल्पिक होता है। इस साल पहली बार आस्ट्रेलियाई सेना ने कीन एज 24 एक्सरसाइज में हिस्सा लिया है।

क्योडो न्यूज ने अनाम सरकारी स्रोतों का हवाला देते हुए बताया कि अमेरिका और जापान ने अपने अभ्यास में पहली बार चीन को लेकर किसी अस्थायी नाम के बजाए एक काल्पनिक दुश्मन के रूप में नामित किया गया। क्योदो ने बताया कि जापानी रक्षा मंत्रालय ने कथित तौर पर अभ्यास से जुड़े फोटो, वीडियो और दूसरी जानकारियों को देश के गोपनीयता कानून के तहत क्लासिफाइड किया है। पेंटागन के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल मार्टिन माइनर्स ने बुधवार को वीओए की कोरियाई सेवा को बताया कि “हम विशिष्ट अभ्यास परिदृश्यों पर चर्चा नहीं करते हैं” और विभिन्न संकट और आकस्मिक स्थितियों का जवाब देने के लिए अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के लिए “कीन एज 2024 एक वास्तविक ट्रेनिंग इनवायरमेंट प्रदान करता है।”

चीन के खतरों से निपटने के लिए बढ़ा रहे सैन्य सहयोग
अमेरिका के पूर्व सहायक रक्षा सचिव और अब सेंटर फॉर अमेरिकन प्रोग्रेस के वरिष्ठ साथी लॉरेंस कोरब ने कहा, “अमेरिका मूल रूप से चीन से खतरों से निपटने और चेतावनी देने के लिए क्षेत्र में अपने सहयोगियों के साथ काम कर रहा है।” वहीं, चीन क्षेत्र में अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए सैन्य बल का उपयोग करने से बाज नहीं आ रहा है। क्योदो रिपोर्ट के जवाब में, वाशिंगटन में चीनी दूतावास के प्रवक्ता लियू पेंग्यू ने ईमेल के माध्यम से कहा कि बीजिंग में अधिकारियों ने “प्रासंगिक रिपोर्ट पर ध्यान दिया है और अमेरिका और जापान के शीत युद्ध की मानसिकता में फंसे होने पर गंभीर रूप से चिंतित हैं।”

चीन ने अमेरिका तो कीमत चुकाने की धमकी दी
चीनी राजदूत ने आगे कहा, “ताइवान चीन का हिस्सा है,” और “अगर कोई चीन के घरेलू मामलों में हस्तक्षेप करने और चीन के पुनर्मिलन में बाधा डालने पर जोर देता है, तो यह न केवल ‘काल्पनिक दुश्मन’ की समस्या होगी, बल्कि उसे इसके लिए भारी कीमत चुकानी होगी।” चीन तब से दक्षिण चीन सागर में आक्रामक कदम उठा रहा है, जब बीजिंग की लंबे समय से दुश्मन रहीं हाउस स्पीकर नैन्सी पेलोसी ने अगस्त 2022 में ताइवान का दौरा किया था। चीन अक्सर ताइवान नाम के इस स्वतंत्र द्वीप राष्ट्र पर शक्ति प्रदर्शन के लिए अपने लड़ाकू विमान को उड़ाता रहता है, जिस पर वह अपना संप्रभु क्षेत्र होने का दावा करता है।

ताइवान को लेकर अमेरिका और जापान सतर्क
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने 2023 के आखिरी दिन दिए गए अपने नए साल के संदेश में ताइवान के साथ पुनर्मिलन का आह्वान किया था। यह भी खबर आई थी कि पिछले साल के अंत में सैन फ्रांसिस्को में आयोजित अमेरिका चीन शिखर सम्मेलन के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन को ताइवान को लेकर सीधी चेतावनी दी थी। वहीं, बाइडन ने इस साल की शुरुआत में अमेरिका की विदेश नीति पर यू-टर्न लेते हुए कहा था कि उनका देश ताइवान की स्वतंत्रता का समर्थन नहीं करता है। हालांकि, अमेरिकी सरकार अपने संविधान के तहत ताइवान को खुद की रक्षा के लिए हर साल सस्ते दाम पर हथियारों की सप्लाई जरूर करती है। बहुत कम लोगों को पता होगा कि 1970 के दशक तक अमेरिका, ताइवान को ही असली चीन मानता था।

लगातार युद्धाभ्यास कर रहे अमेरिका-जापान
अमेरिका और जापान ने हाल ही में इस क्षेत्र में कई नौसैनिक अभ्यास आयोजित किए हैं। अमेरिकी नौसेना के अनुसार, उन्होंने ताइवान के पूर्व में फिलीपीन सागर में एक मल्टी-लार्ज डेक एक्सरसाइज आयोजित किया था। 31 जनवरी को जापान मैरीटाइम सेल्फ-डिफेंस फोर्स या जेएमएसडीएफ के एक बयान के अनुसार, संयुक्त अभ्यास 29 जनवरी से 1 फरवरी तक आयोजित किए गए थे। अभ्यास में परमाणु-संचालित अमेरिकी विमान वाहक यूएसएस कार्ल विंसन और यूएसएस थियोडोर रूजवेल्ट, सात अमेरिकी गाइडेड-मिसाइल विध्वंसक और दो अमेरिकी क्रूजर शामिल थे। इनके साथ जापानी नौसेना का हेलीकॉप्टर विध्वंसक जेएस आईएसई भी शामिल हुआ था। अमेरिका और जापान ने 7 और 8 फरवरी को दक्षिण चीन सागर में ऑस्ट्रेलिया के साथ त्रिपक्षीय नौसैनिक अभ्यास भी किया।

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