20 दिनों में कैदी से राष्ट्रपति तक का सफर, सेनेगल के इस पूर्व अधिकारी ने जेल से रचा इतिहास

डकार:

सेनेगल में 24 मार्च को हुए राष्ट्रपति चुनाव में विपक्षी उम्मीदवार बस्सिरौ डियोमाये फेय ने जीत हासिल की है। वह 20 दिन पहले तक जेल में थे, लेकिन सेनेगल की जनता ने उन्हें चुनाव में बहुमत दिया। उन्होंने मंगलवार को राष्ट्रपति पद की शपथ ली। डियोमाये फेय को डर था कि निर्वतमान राष्ट्रपति मैकी सैल अपने जनादेश को तीसरे कार्यकाल में बढ़ाने की कोशिश करेंगे। मैकी 12 साल पहले सेनेगल की सत्ता पर काबिज हुए थे। डियोमाये फेय को सत्ता विरोधी उम्मीदवार के तौर पर देखा गया। सेनेगल के लोगों में राष्ट्रपति मैकी सैल के खिलाफ जबरदस्त गुस्सा था।

राष्ट्रपति की चालबाजी नहीं आई काम
रिपोर्ट के अनुसार, चुनाव के दिन सेनेगल के मतदाता मतदान केंद्र खुलने के कई घंटे पहले ही पहुंचने लगे थे। राजधानी डकार में तो भोर के वक्त ही मतदाता अपने मतदान केंद्रों पर लाइन लगाकर खड़े हो गए थे। इनमें युवा से लेकर बूढे और महिलाएं भी शामिल थीं। सेनेगल में मतदान फरवरी में होना चाहिए था। लेकिन, चुनाव प्रचार शुरू होने से कुछ दिन पहले राष्ट्रपति मैकी सैल ने सेनेगल के इतिहास में पहली बार चुनाव स्थगित कर दिया। उन्होंने संवैधानिक न्यायाधीशों पर कथित तौर पर भ्रष्टाचारी उम्मीदवारों की सूची तैयार करने का आरोप लगाया।

सेनेगल की संवैधानिक परिषद ने चुनाव का दिया था अल्टीमेटम
हालांकि, सेनेगल की संवैधानिक परिषद ने राष्ट्रपति सैल के फैसले को खारिज कर दिया और उन्हें 2 अप्रैल को अपने कार्यकाल की समाप्ति से पहले चुनाव आयोजित करने का आदेश दिया। इसलिए 24 मार्च को, वोट देने के योग्य 70 लाख सेनेगलवासियों में से 66 प्रतिशत लोग मतदान के लिए पहुंचे। सेनेगल में मतदान आमतौर पर हिंसा भरा होता है। ऐसे में लोग मतदान से बचते हैं, लेकिन सत्ता बदलने की उनकी चाहत मतदान केंद्रों तक खींच लाई। इसके बावजूद विपक्ष ने दावा किया कि राष्ट्रपति के आदेश पर मतपेटियों को बदला गया और चुनाव में धांधली की कोशिश की गई।

पूर्व राष्ट्रपति के कार्यकाल में सेनेगल में हुई जबरदस्त हिंसा
सैल के 12 वर्षों के कार्यकाल के अंतिम कुछ वर्ष उथल-पुथल भरे रहे। 2020 में कोविड प्रतिबंधों ने सेनेगल की अर्थव्यवस्था और लोगों की आजीविका को बुरी तरह से प्रभावित किया। इसके अगले साल विपक्षी नेता ओस्मान सोनको की गिरफ्तारी के प्रयास से सरकार के प्रति लोगों का गुस्सा भड़का दिया। आरोप लगा कि राष्ट्रपति सैल राजनीतिक विरोधियों पर नकेल कस रहे हैं और आम लोगों के संघर्षों की अनदेखी कर रहे हैं। इस कारण पूरे देश में दंगे भड़क उठे और व्यापर झड़पें हुईं।

चुनाव से चंद दिनों पहले रिहा हुए नए राष्ट्रपति
हथियारबंद, नकाबपोश लोगों ने सैकड़ों आम लोगों को मारा और सैकड़ों को घायल किया। विपक्ष और नागरिक समाज ने उन्हें सत्ताधारी दल द्वारा नियुक्त गुंडों के रूप में देखा, जो पुलिस और प्रशासन के डर से मुक्त होकर काम करते थे और लोगों को चोट पहुंचाने के लिए पैसा पाते थे। मार्च 2021 से इस साल फरवरी तक हजारों लोगों को गिरफ्तार किया गया – उनमें बस्सिरौ डियोमाये फेय भी शामिल हैं। पूर्व टैक्स इंस्पेक्टर बस्सिरौ डियोमाये फेय ने फेसबुक पर फरवरी 2023 में एक पोस्ट लिखकर विरोध जताया था, जिसमें मजिस्ट्रेटों पर वास्तविक अपराधों की अनदेखी करते हुए राज्य की जेब में रहने का आरोप लगाया गया था। अधिकारियों ने इस पोस्ट को राज्य की सुरक्षा के लिए खतरा माना और अप्रैल में उन्हें गिरफ्तार कर लिया। डियोमाये फेय को जेल भेज दिया गया, जहां वह मतदान से ठीक पहले रिहा हुए। इस दौरान उन्होंने जेल में 11 महीने का समय गुजारा।

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