17.4 C
London
Monday, September 15, 2025
Homeधर्महिंदू नववर्ष में मंगल और शनि का मंत्रिमंडल, मुश्किलें बढ़ा सकती है...

हिंदू नववर्ष में मंगल और शनि का मंत्रिमंडल, मुश्किलें बढ़ा सकती है ये जोड़ी

Published on

हिंदू नववर्ष ‘विक्रम संवत 2081’ आज से शुरू हो चुका है. हर साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को नवसंवत की शुरुआत होती है. इसे भारतीय नववर्ष भी कहा जाता है. इसकी शुरुआत भारतीय सम्राट विक्रमादित्य ने की थी. इसलिए इसे विक्रम संवत भी कहा जाता है. विक्रमादित्य ने विक्रम संवत की शुरुआत 57 ईसा पूर्व में की थी. इस दिन से वासंतिक नवरात्रि की शुरुआत भी होती है. इस समय से ऋतुओं और प्रकृति में भी महत्वपूर्ण बदलाव आते हैं. आइए जानते हैं कि इस हिंदू नववर्ष का मंत्रिमंडल कैसा होगा और देश-दुनिया पर इसके क्या प्रभाव होंगे.

ज्योतिषविद शैलेंद्र पांडेय के अनुसार, नवसंवत का विशेष नाम और फल होता है. इसके अलावा, पूरे संवत के लिए ग्रहों का एक मंत्रिमंडल भी होता है. इसी मंत्रिमंडल के ग्रहों के आधार पर पूरे संवत के लिए शुभ-अशुभ फलों का निर्धारण होता है. मौसम, अर्थव्यवस्था, जनता, सुरक्षा, कृषि और बरसात इन्हीं ग्रहों के मंत्रिमंडल पर निर्भर करती है.

इस नववर्ष में ग्रहों का मंत्रिमंडल कैसा है?
यह विक्रमी संवत 2081 है और इसका नाम “पिंगल” है. नवसंवत्सर का राजा वार के हिसाब से तय होता है. इस वर्ष की शुरुआत मंगलवार से हो रही है, इसलिए इस संवत के राजा मंगल और मंत्री शनि होंगे. नए विक्रम संवत के इस मंत्रिमंडल को लेकर ज्योतिषविद भी आगाह कर रहे हैं. ज्योतिषविदों की मानें तो राजा मंगल होने से लोगों को थोड़ी समस्याएं हो सकती हैं. इस वर्ष अग्निभय, युद्ध और दुर्घटनाओं की स्थिति बन सकती है. वहीं, दूसरी तरफ मंत्री शनि होने से जीवन की समस्याएं बढ़ेंगी. लोगों में व्याकुलता बढ़ेगी. इसके मेघेश शुक्र देव हैं, इसलिए वर्षा की स्थिति थोड़ी बेहतर रह सकती है. कृषि जगत के लिए यह वर्ष अच्छा माना जा रहा है. शुक्र सुरक्षा मंत्री भी हैं, इसलिए देश में सुरक्षा के स्तर पर सब ठीक रहेगा.

देश और दुनिया पर कैसा होगा असर?
नवसम्वत की कुंडली धनु लग्न और मीन राशि की है. केंद्र में शुभ और अशुभ दोनों ग्रह विद्यमान हैं. तीसरे भाव में मंगल शनि की युति अनुकूल नहीं है. दुर्घटनाएं, युद्ध जैसी स्थितियां पूरे विश्व में अशांति रखेंगी. विश्व में सत्ता परिवर्तन और राजनेताओं के जीवन को संकट हो सकता है. भारत में उत्तर दिशा में आक्रमण और धार्मिक उन्माद जैसी स्थिति दिखाई देती है. अमेरिका और मिडिल-ईस्ट के देशों में काफी अशांति रह सकती है. इस संवत में भी स्थितियां मिली-जुली बनती दिखाई दे रही हैं

Latest articles

गोविंदपुरा विधानसभा के बरखेड़ा पठानी मे पांच परिवारों के मकान ढहाए

भेल भोपाल।गोविंदपुरा विधानसभा के वार्ड 56 में बीते दिनों हुई भारी बारिश के बीच...

बीएचईएल सेवानिवृत्त सुपरवाइजर को साइबर धोखेबाजों ने लगाया 68 लाख का चूना

भोपाल।वर्षीय सेवानिवृत्त बीएचईएल सुपरवाइजर दो महीने तक चले "डिजिटल गिरफ्तारी" घोटाले का शिकार हो...

बीएचईएल को भारतीय रेलवे को कवच प्रणाली की आपूर्ति के लिए 23 करोड़ रुपये का मिला ऑर्डर

भेल भोपाल।सार्वजनिक क्षेत्र की इंजीनियरिंग कंपनी भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स को भारतीय रेलवे (दक्षिण पश्चिम...

बीएचईएल में “उद्योग में हरित ऊर्जा का उपयोग” पर प्रशिक्षण एवं जागरूकता कार्यक्रम आयोजित

भेल भोपाल।बीएचईएल भोपाल में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से “उद्योग में हरित ऊर्जा के...

More like this

Pitru Paksha 2025 :आज है चतुर्थी श्राद्ध, जानें विधि और उपाय

Pitru Paksha 2025 :पितृ पक्ष पूर्वजों को याद करने और उनका आशीर्वाद पाने का...

Pitru Paksha 2025 : पूर्णिमा श्राद्ध से शुरू होगा पितृ पक्ष, इन अचूक उपायों से पितरों को करें प्रसन्न!

Pitru Paksha 2025: हिंदुओं में पितृ पक्ष का विशेष महत्व है. इस दौरान पितरों...

Sant Premanand News: संत प्रेमानंद महाराज को किडनी दान करना चाहते हैं मुस्लिम युवक, लिखा भावुक पत्र

Sant Premanand News: मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम जिले के एक मुस्लिम युवक ने संत...