चीन-पाकिस्तान को मिला मध्य एशिया में नया दोस्त, ग्वादर बंदरगाह का करेगा इस्तेमाल, जानें नाम

इस्लामाबाद

पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह से मध्य पूर्व का एक नया देश जुड़ा है। इस देश का नाम तुर्कमेनिस्तान है। रेडियो पाकिस्तान ने रविवार को बताया कि चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) के तहत ग्वादर बंदरगाह तक पहुंचने वाला तुर्कमेनिस्तान पहला मध्य एशियाई राज्य बनने जा रहा है। पाकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान के बीच इस संबंध में जल्द ही एक समझौते पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है। पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह को चीन ने अपने पैसों से विकसित किया है। यह बंदरगाह सीपीईसी का मुख्य आधार भी है।

दोनों देशों में जल्द होगा समझौता
पाकिस्तान सरकार ने सीपीईसी के तहत ग्वादर बंदरगाह और तुर्कमेनबाशी बंदरगाह के बीच समझौते के मसौदे की समीक्षा के लिए एक समिति का गठन किया है। दोनों देश पहले से ही दक्षिण और मध्य एशिया के क्षेत्रों को जोड़ने के लिए तापी पाइपलाइन, रेल ट्रैक और फाइबर कनेक्टिविटी सहित विभिन्न संयुक्त उपक्रमों पर काम कर रहे हैं। तुर्कमेनिस्तान को पाकिस्तान तक पहुंचने के लिए अफगानिस्तान या ईरान के उन इलाकों से होकर जाना पड़ेगा, जहां सुरक्षा को खतरा हो सकता है।

पाकिस्तान के समुद्री मामलों के मंत्रालय ने क्या कहा
पाकिस्तान के समुद्री मामलों के मंत्रालय के अनुसार, विदेश, रक्षा और आंतरिक मंत्रालयों ने पहले ही उचित प्रक्रिया पूरी कर ली है। इससे पहले समुद्री मामलों के मंत्रालय ने कैबिनेट को बताया कि व्यवस्था का उद्देश्य माल और कंटेनरों के पारगमन के लिए दोनों बंदरगाहों की संभावित क्षमताओं का उपयोग करने के लिए क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग स्थापित करना है।

चीन ने ग्वादर को बनाया सैटेलाइट स्टेट
चीन ने पाकिस्तान के ग्वादर को अपना सैटेलाइट स्टेट बना लिया है। इस शहर के संसाधन कहने को पाकिस्तान में हैं, लेकिन उन पर अधिकार चीन का है। ग्वादर को महत्वाकांक्षी वन बेल्ट, वन रोड और समुद्री सिल्क रोड परियोजनाओं के महत्वपूर्ण बिंदू के रूप में विकसित किया जा रहा है। चीन की कोशिश ग्वादर बंदरगाह का इस्तेमाल शिनजियांग प्रांत के आयात-निर्यात के लिए करना है।

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