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रूस ने यूक्रेन के ऊपर मिसाइलों की बारिश करते हुए बड़ा हमला शुरू किया है। रूसी हमले के चलते यूक्रेन को बड़ी संख्या में सैनिक गंवाने पड़े हैं, जो बता रहा है कि मॉस्को की रणनीति लगातार सफल हो रही है। वहीं, यूक्रेन की सेना रूस के हमले का हमले का मुकाबला करने के लिए केवल ड्रोन के सहारे है, लेकिन यह रणनीति नाकाम साबित हो रही है। पोक्रोवस्क के आसपास तैनात एक ड्रोन यूनिट के कमांडर ने बताया कि पूर्वी मोर्चे पर स्थिति बहुत गंभीर है।
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, यूक्रेनी कमांडर ने कहा कि ‘हमारे पास लड़ने के लिए पैदल सेना की कमी है और ड्रोन के काम करने के लिए इसका कुछ समय तक टिके रहना जरूरी है। इसलिए कई बार ऐसा होता है कि जहां दुश्मन कमजोर क्षेत्रों में घुस जाता है।’ उन्होंने आगे कहा कि ‘मैं यह नहीं बता सकता कि हमारे पास कितना समय है। अब वे अपने सैनिकों को फ्रंटलाइन पर भेज रहे हैं। एक समय ऐसा आएगा जब वे सभी हमला शुरू कर देंगे।’
तेजी से आगे बढ़ रहा रूस
यूक्रेनी कमांडर ने बताया कि दुश्मन तेजी से आगे बढ़ रहा है, क्योंकि जमीन पर बचाव करने वाला कोई नहीं है। इसके साथ ही यूक्रेनी बलों को नए रंगरूटों की भर्ती के साथ भी समस्या का सामना करना पड़ा है। सेलीडोव की रक्षा के लिए 300 नए रंगरूटों को भर्ती किया गया था, जिन्हें सीधे फ्रंटलाइन पर भेजा गया। इस दौरान कमांड की तरफ से भी यूक्रेनी सेना की गलतियां सामने आ रही हैं।
एक कमांडर ने कहा कि ‘मेरे पास कोई लोग नहीं हैं। मैं बिलकुल अकेला हूं। मैं बिलकुल थक गया हूं। मुझे अपना काम पसंद है, लेकिन हमें दूसरे युवाओं की भी ज़रूरत है जो इस काम को पसंद करें। हमारा देश जाग रहा है, लेकिन इसमें लोग नहीं हैं। यहां लोग मर रहे हैं।’ जनवरी में ट्रंप के सत्ता में आने पर शांति वार्ता शुरू होने की संभावना थोड़ी उम्मीद जताती है लेकिन यह एक दोधारी तलवार है।
भयावह स्थिति में काम कर रहे यूक्रेनी सैनिक
यूक्रेनी सैनिक बहुत भयावह स्थिति में काम कर रहे हैं। उन्हें एक बार तैनात होने के बाद कई महीनों तक मोर्चे पर रहना पड़ रहा है। इसके उलट रूसी सैनिकों को लगातार प्रशिक्षित किया जाता है और रोटेशन पर भेजा जाता है। रूसी सेना ने युद्ध में क्रूरता की सीमा को पार कर दिया है। इसी 13 नवम्बर को पोक्रोवस्क के नजदीक एक गांव से आए एक वीडियो फुटेज ने इसका सबूत दिया है। फुटेज में तहखाने में छिपे यूक्रेनी सैनिकों को एक-एक करके बाहर लाया जाता है और बंदूक की नोक पर उन्हें लेटने के लिए मजबूर किया जाता है। वीडियो में एक सैनिक साफ तौर पर यूक्रेनियों पर गोली चलाते दिखाई दे रहा है।