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Wednesday, July 30, 2025
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वीर सावरकर नहीं मनमोहन सिंह के नाम पर… शिलान्यास से पहले डीयू के कॉलेज पर सियासत तेज, NSUI ने PM मोदी को लिखा लेटर

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नई दिल्ली

दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) के वीर सावरकर कॉलेज (नजफगढ़) के शिलान्यास को लेकर सियासी बवाल मचा हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को इसका शिलान्यास कर सकते हैं। उधर कांग्रेस छात्र संगठन, नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) इसका विरोध कर रहा है। वे चाहते हैं कि यूनिवर्सिटी का नाम पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नाम पर रखा जाए, जिनका बीते महीने निधन हो गया।

NSUI ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर तीन मांगें रखी हैं। पहली, दिल्ली यूनिवर्सिटी के अंदर एक विश्वस्तरीय कॉलेज डॉ. मनमोहन सिंह के नाम पर बनाया जाए। दूसरी, उनके नाम पर एक केंद्रीय विश्वविद्यालय स्थापित किया जाए। तीसरी, उनके जीवन के सफर को, विभाजन के बाद के एक छात्र से लेकर एक वैश्विक हस्ती तक, शैक्षणिक पाठ्यक्रम और राजनीतिक क्षेत्र में शामिल किया जाए।

कांग्रेस का कहना है कि देश में कई स्वतंत्रता सेनानी हैं। सरकार उनमें से किसी के नाम पर भी यूनिवर्सिटी का नाम रख सकती थी। दिल्ली यूनिवर्सिटी का नाम भी किसी स्वतंत्रता सेनानी के नाम पर रखा जा सकता था। कांग्रेस सावरकर को स्वतंत्रता सेनानी नहीं मानती। कांग्रेस सांसद डॉ. सैयद नसीर हुसैन ने कहा, ‘कई स्वतंत्रता सेनानियों ने देश की संप्रभुता और स्वतंत्रता के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी। अगर उन्होंने कॉलेज का नाम उनमें से किसी के नाम पर रखा होता, तो यह उनके लिए एक श्रद्धांजलि होती।’ उन्होंने आगे कहा, ‘लेकिन चूंकि BJP के पास कोई नेता या आदर्श नहीं हैं, इसलिए वे उन लोगों को बढ़ावा दे रहे हैं और उन्हें वैध बना रहे हैं जिन्होंने ब्रिटिश राज का समर्थन किया था।’

मामले ने पकड़ा तूल
यह मामला राजनीतिक रंग लेता जा रहा है। एक तरफ BJP सावरकर को एक महापुरुष के रूप में देखती है, तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस उन्हें ब्रिटिश समर्थक मानती है। इस विवाद के बीच, NSUI ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को याद करते हुए उनके नाम पर शैक्षणिक संस्थानों के नामकरण की मांग की है। यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस मुद्दे पर क्या फैसला लेती है। यह विवाद न केवल दो विचारधाराओं के बीच की लड़ाई को दर्शाता है बल्कि यह भी दिखाता है कि कैसे इतिहास के अलग-अलग नायकों को लेकर अलग-अलग धारणाएं हो सकती हैं। यह बहस आने वाले दिनों में भी जारी रहने की उम्मीद है। दोनों दलों के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिल सकती है।

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