राहत इंदौरी ने तमाम गजलों, शायरियों और गीतों के जरिए अपने दिल की बात दुनिया तक पहुंचाई है। वह गंभी शायर होने के साथ-साथ युवाओं के भी दिल के गरीब थे। सोशल मीडिया पर उनकी गजल का एक हिस्सा बुलाती है मगर जाने का नहीं… खूब वायरल रहा है। हम आपके लिए राहत साहब की कुछ शेर लेकर आए हैं जो जिंदगी के कई हालातों पर सटीक बैठते हैं और आपकी भावनाओं को जुबान देते हैं।
1. आंख में पानी रखो होंटों पे चिंगारी रखो
जिंदा रहना है तो तरकीबें बहुत सारी रखो।
2. उस की याद आई है सांसो जरा आहिस्ता चलो
धड़कनों से भी इबादत में खलल पड़ता है।
3. दोस्ती जब किसी से की जाए
दुश्मनों की भी राय ली जाए।
4. न हम-सफर न किसी हम-नशीं से निकलेगा
हमारे पांव का कांटा हमीं से निकलेगा।
5. शाखों से टूट जाएं वो पत्ते नहीं हैं हम
आंधी से कोई कह दे कि औकात में रहे।
6. घर के बाहर ढूंढता रहता हूं दुनिया
घर के अंदर दुनिया-दारी रहती है।
7. हम अपनी जान के दुश्मन को अपनी जान कहते हैं
मोहब्बत की इसी मिट्टी को हिंदुस्तान कहते हैं।
8. रात की धड़कन जब तक जारी रहती है
सोते नहीं हम जिम्मेदारी रहती है।
9. तुझ से मिलने की तमन्ना भी बहुत है लेकिन
आने जाने में किराया भी बहुत लगता है।
10. दिन ढल गया तो रात गुज़रने की आस में
सूरज नदी में डूब गया हम गिलास में।
राहत इंदौरी का जन्म एक जनवरी 1950 को हुआ था। उन्होंने इंदौर से ही अपनी पढ़ाई पूरी की थी। राहत साहब ने अपने करियर की शुरुआत मुशायरों से की थी। इसके बाद उन्होंने ऐसी शायरियां, गजलें और गीत लिखें जो आज भी लोगों के दिलों में बसते हैं।