12.5 C
London
Thursday, October 30, 2025
Homeअंतरराष्ट्रीयस्पेस में 'बांध' बनाएगा चीन... ड्रैगन की अंतरिक्ष में थ्री गोर्जेस डैम...

स्पेस में ‘बांध’ बनाएगा चीन… ड्रैगन की अंतरिक्ष में थ्री गोर्जेस डैम जैसे विशाल सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट की तैयारी, सच होगा सपना!

Published on

बीजिंग:

तिब्बत में ब्रह्मपुत्र नदी पर दुनिया का सबसे विशाल बांध बना रहे चीन ने सौर ऊर्जा का इस्तेमाल करने के लिए एक और बड़े प्रोजेक्ट का ऐलान किया है। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट (SCMP) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, चीन की इस नई परियोजना को ‘पृथ्वी के ऊपर थ्री गॉर्जेस डैम प्रोजेक्ट’ कहा जा रहा है। प्रोजेक्ट का खाका चीन के जाने-माने रॉकेट वैज्ञानिक लॉन्ग लेहाओ ने तैयार किया है। प्रोजेक्ट के तहत पृथ्वी से 36,000 किलोमीटर ऊपर जियोस्टेशनरी ऑर्बिट में एक किलोमीटर चौड़ा विशाल सौर पैनल लगाया जाना है। ये पैनल वहां दिन-रात के चक्र और मौसम की परवाह किए बिना लगातार सौर ऊर्जा जमा करेगा।

लॉन्ग ने इस प्रोजेक्ट से पैदा होने वाली ऊर्जा की तुलना चीन के थ्री गॉर्जेस डैम से की है, जो सालाना 100 अरब kWh (किलोवाट प्रति घंटा) बिजली पैदा करता है। चीन की यांग्त्जी नदी पर बना थ्री गॉर्जेस डैम इतना विशाल है कि नासा ने इसकी वजह से पृथ्वी के घूमने की गति पर असर होने का दावा किया है। लॉन्ग ने कहा, ‘हम प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं। यह थ्री गॉर्जेस डैम को पृथ्वी से 36,000 किमी (22,370 मील) ऊपर जियोस्टेशनरी ऑर्बिट में ले जाने जितना अहम है। यह एक अद्भुत प्रोजेक्ट है, जिसका हमे इंतजार है। इससे एक साल में एकत्र की गई ऊर्जा पृथ्वी से निकाले जा सकने वाले कुल तेल के बराबर होगी।’

प्रोजेक्ट के लिए खास तकनीक की जरूरत
इस प्रोजेक्ट के विशाल आकार के लिए सुपर हैवी रॉकेट के विकास और तैनाती की जरूरत पड़ेगी। इसका मतलब है कि चीन को अंतरिक्ष तकनीक क्षमताओं पर काम करना होगा। लॉन्ग का कहना है कि इसमें दो रॉकेट काम करेगा। एक रॉकेट CZ-5 करीब 50 मीटर लंबा है, जबकि CZ-9 110 मीटर तक पहुंचेगा। इस रॉकेट का इस्तेमाल अंतरिक्ष-आधारित सौर ऊर्जा स्टेशनों के निर्माण में होगा।

चीनी वैज्ञानिक लॉन्ग जो कह रहे हैं, वह पहली बार नहीं सोचा गया है। पृथ्वी की कक्षा में सूर्य से ऊर्जा एकत्र करने और उसे जमीन पर भेजने वाले अंतरिक्ष-आधारित सौर ऊर्जा स्टेशनों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऊर्जा क्षेत्र का ‘मैनहट्टन प्रोजेक्ट’ कहा जाता है। यह विचार बीते कई दशक से वैज्ञानिक हलकों में चर्चा का विषय रहा है।

दुनिया में क्रान्ति ला सकता है ये प्रोजेक्ट
चीन की मौजूदा योजना और इसे साकार करने की दिशा में उसके कदम गंभीर नजर आ रहे हैं। हालांकि प्रोजेक्ट की लागत और तकनीकी चुनौतियों के बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं दी गई है। यह देखना दिलचस्प होगा कि चीन इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट को कैसे अंजाम देता है। यह प्रोजेक्ट अगर सफल होता है, तो यह ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में एक क्रांति ला सकता है। ये दुनियाभर के देशों के लिए एक नया उदाहरण पेश कर सकता है।

Latest articles

Pancreatic Cancer Causes: पैंक्रियाटिक कैंसर कैसे होता है? डॉक्टर ने बताए 5 सबसे आम शुरुआती लक्षण, इन्हें न करें अनदेखा!

Pancreatic Cancer Causes: गुर्दे के पास छोटी आँत (Small Intestine) के नज़दीक स्थित पैंक्रियास...

Elon Musk का भारत के लिए बड़ा प्लान: स्टारलिंक लाएगा सैटेलाइट इंटरनेट! कब होगी लॉन्चिंग और क्या होंगे ‘देसी’ फायदे?

टेक्नोलॉजी की दुनिया के बादशाह एलन मस्क (Elon Musk) भारत के इंटरनेट यूज़र्स को...

पहले ही दिन गोवा, दिल्ली और हैदराबाद की फ्लाइट्स हुईं फुल

भोपाल ।सतना/हवाई पट्टी नगर। विंटर सीजन की शुरुआत के साथ ही सतना एयरपोर्ट से...

खजुराहो से दिल्ली और बनारस के लिए इंडिगो की सीधी फ्लाइट शुरू

भोपाल ।अब खजुराहो से दिल्ली और बनारस के लिए सीधी हवाई सेवा शुरू हो...

More like this

पीएम मोदी और ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर की मुंबई में मुलाकात: FTA लागू करने पर बनी सहमति, भारत-UK संबंध होंगे मजबूत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को मुंबई के राजभवन में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर...

Russian Submarine Near Japan: जापान के पास रूसी परमाणु पनडुब्बी की तैनाती से वैश्विक तनाव बढ़ा

Russian Submarine Near Japan:जापान के पास रूस द्वारा पहली बार परमाणु पनडुब्बी की तैनाती...